कटजीरा
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कटजीरा - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कणजीरक)[1]
- काली जीरा।
- स्याह जीरा।
उदाहरण-
कूट कायफर सोठि चिरैता कटजीरा कहूँ देखत। आल मजीठ लाख सेंदूर कहूँ ऐसेहि बुधि अवरेखत। - सूरदास
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 747 |
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