कटरा गुलाब सिंह: Difference between revisions
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कटरा गुलाब सिंह | '''कटरा गुलाब सिंह''' [[उत्तर प्रदेश]] प्रांत के [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़ ज़िले]] के सदर तहसील अंतर्गत एक नगर पंचायत शहर है, जो [[बकुलाही नदी]] के किनारे बसा है। प्रतापगढ़ ज़िला मुख्यालय से 30 किलोमीटर तथा राजधानी [[लखनऊ]] से 160 किलोमीटर दूरी पर जनपद मुख्यालय के दक्षिणांचल व [[इलाहाबाद]] ([[प्रयाग]]) ज़िले के उत्तरांचल मे जनपदीय सीमा पर स्थित है। ऐतिहासिक व [[पुरातत्त्व|पुरातात्विक]] दृष्टि से यह स्थान काफ़ी संपन्न माना जाता है। प्रदेश का सुविख्यात महाभारतकालीन पौराणिक तीर्थ [[भयहरणनाथ धाम|बाबा भयहरणनाथ धाम]], कटरा गुलाब सिंह बाज़ार के पूर्व दिशा मे बकुलाही नदी के तट पर अवस्थित है। | ||
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यह | यह क़स्बा [[वाल्मीकि]] [[रामायण]] मे वर्णित पतित पावनी नदी [[बकुलाही नदी|बालकुनी]] (बकुलाही) के किनारे बसा हुआ है। यहाँ पर पांडवकालीन [[भयहरणनाथ धाम]] की उत्पत्ति है। मान्यताओ के अनुसार [[अज्ञातवास]] के दौरान [[पांडव]] ने इस क्षेत्र मे निवास किये थे। बकुलाही तीरे पूजन पाठ कर [[शिवलिंग]] की स्थापना की थी। इस क्षेत्र मे प्राप्त [[पुरावशेष]] यहाँ की अमर इतिहास की गाथा बयाँ करती है। | ||
== पुरातात्विक महत्त्व == | == पुरातात्विक महत्त्व == | ||
पांडवकालीन भयहरणनाथ धाम तथा कटरा गुलाब सिंह के निकटवर्ती | पांडवकालीन भयहरणनाथ धाम तथा कटरा गुलाब सिंह के निकटवर्ती क्षेत्रों के उत्खनन से प्राप्त पुरावशेष महाभारत कालीन व बौद्ध संस्कृति के प्रतीत होते है। प्राप्त भग्नावशेषों को पंजीकृत कर इलाहाबाद संग्राहालय मे संरक्षित रखा है। इस क्षेत्र के दो तीन कि.मी. परिधि मे कम से कम आधे दर्जन से अधिक पुरातात्विक महत्व के स्थान है। | ||
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*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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[[चित्र:bhayaharan nath dham.jpg|250px|thumb|right|बाबा भयहरणनाथ धाम, कटरा गुलाब सिंह]] कटरा गुलाब सिंह उत्तर प्रदेश प्रांत के प्रतापगढ़ ज़िले के सदर तहसील अंतर्गत एक नगर पंचायत शहर है, जो बकुलाही नदी के किनारे बसा है। प्रतापगढ़ ज़िला मुख्यालय से 30 किलोमीटर तथा राजधानी लखनऊ से 160 किलोमीटर दूरी पर जनपद मुख्यालय के दक्षिणांचल व इलाहाबाद (प्रयाग) ज़िले के उत्तरांचल मे जनपदीय सीमा पर स्थित है। ऐतिहासिक व पुरातात्विक दृष्टि से यह स्थान काफ़ी संपन्न माना जाता है। प्रदेश का सुविख्यात महाभारतकालीन पौराणिक तीर्थ बाबा भयहरणनाथ धाम, कटरा गुलाब सिंह बाज़ार के पूर्व दिशा मे बकुलाही नदी के तट पर अवस्थित है।
नामकरण
[[चित्र:bhayaharan nath dham1.jpg|250px|thumb|right|बाबा भयहरणनाथ धाम,कटरा गुलाब सिंह]] प्रतापगढ़ ज़िले के इस नगर को तरौल के तालुकेदार और 1857 के महान क्रांतिकारी बाबू गुलाब सिंह द्वारा बसाया गया था। उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम कटरा गुलाब सिंह पड़ा।
पौराणिक महत्व
250px|thumb|right|प्राप्त भग्नावशेष यह क़स्बा वाल्मीकि रामायण मे वर्णित पतित पावनी नदी बालकुनी (बकुलाही) के किनारे बसा हुआ है। यहाँ पर पांडवकालीन भयहरणनाथ धाम की उत्पत्ति है। मान्यताओ के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडव ने इस क्षेत्र मे निवास किये थे। बकुलाही तीरे पूजन पाठ कर शिवलिंग की स्थापना की थी। इस क्षेत्र मे प्राप्त पुरावशेष यहाँ की अमर इतिहास की गाथा बयाँ करती है।
पुरातात्विक महत्त्व
पांडवकालीन भयहरणनाथ धाम तथा कटरा गुलाब सिंह के निकटवर्ती क्षेत्रों के उत्खनन से प्राप्त पुरावशेष महाभारत कालीन व बौद्ध संस्कृति के प्रतीत होते है। प्राप्त भग्नावशेषों को पंजीकृत कर इलाहाबाद संग्राहालय मे संरक्षित रखा है। इस क्षेत्र के दो तीन कि.मी. परिधि मे कम से कम आधे दर्जन से अधिक पुरातात्विक महत्व के स्थान है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख