शहीद स्मारक: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*29 मार्च सन 1857 को अंग्रेज़ अफसरों पर आक्रमण करने के आ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(5 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
*29 मार्च सन 1857 को [[अंग्रेज़]] अफसरों पर आक्रमण करने के आरोप में क्रांतिकारी शहीद [[मंगल पांडे]], जिन्हें उसी [[वर्ष]] [[8 अप्रैल]] को फाँसी पर चढा दिया था, को सन 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के 'प्रथम नायक' के रूप में जाना जाता है।
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=शहीद स्मारक|लेख का नाम=शहीद स्मारक (बहुविकल्पी)}}
*पश्चिमी [[उत्तर प्रदेश]] का मेरठ ज़िला इस 1857 की क्रान्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन का हृदय स्थल है।
 
*इस स्तम्भ का निर्माण सन [[1957]] में 1857 की क्रांति की '100वीं' सालगिरह पर कराया गया था।
'''शहीद स्मारक''' पश्चिमी [[उत्तर प्रदेश]] के [[मेरठ ज़िला|मेरठ ज़िले]] में स्थित सन 1857 की क्रान्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन का हृदय स्थल है।
*यह स्मारक मेरठ के 'भैंसाली मैदान' के पास 'टैक्सी स्टैण्ड' तथा 'आयकर कार्यालय' के बीच पार्क में स्थित है।
*यह स्मारक [[मेरठ]] के 'भैंसाली मैदान' के पास 'टैक्सी स्टैण्ड' तथा 'आयकर कार्यालय' के बीच पार्क में स्थित है।
*यहाँ स्थित शिलालेख पर 85 सिपाहियों के नाम खुदे हुए हैं।
*[[29 मार्च]] सन् [[1857]] को [[अंग्रेज़]] अफसरों पर आक्रमण करने के आरोप में क्रांतिकारी शहीद [[मंगल पांडे]], जिन्हें उसी [[वर्ष]] [[8 अप्रैल]] को फाँसी पर चढा दिया था, को सन् 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के 'प्रथम नायक' के रूप में जाना जाता है।
*इस स्तम्भ का निर्माण सन् [[1957]] में 1857 की क्रांति की '100वीं' सालगिरह पर कराया गया था।
*यहाँ स्थित [[शिलालेख]] पर 85 सिपाहियों के नाम खुदे हुए हैं।
*शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।  
*शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।  
*संगमरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है।  
*संगमरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है।  
 
*2005 से यहां विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा मेरठ के नागरिकों तथा शहीद स्मारक, मेरठ के सहयोग से विकास की एक संयुक्त प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिसके फलस्वरूप यह स्थल एक अति मनोरम पार्क के रूप में उभर कर आ रहा है।
*यहां 1857 के शहीदों की यादों को संजोकर रखा गया है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरणा मिल सके।


{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के नगर}}
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
[[Category:उत्तर_प्रदेश]][[Category:मेरठ]]__INDEX__
[[Category:उत्तर_प्रदेश]][[Category:मेरठ]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:पर्यटन कोश]]
__INDEX__

Latest revision as of 12:55, 19 November 2017

चित्र:Disamb2.jpg शहीद स्मारक एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- शहीद स्मारक (बहुविकल्पी)

शहीद स्मारक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले में स्थित सन 1857 की क्रान्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन का हृदय स्थल है।

  • यह स्मारक मेरठ के 'भैंसाली मैदान' के पास 'टैक्सी स्टैण्ड' तथा 'आयकर कार्यालय' के बीच पार्क में स्थित है।
  • 29 मार्च सन् 1857 को अंग्रेज़ अफसरों पर आक्रमण करने के आरोप में क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडे, जिन्हें उसी वर्ष 8 अप्रैल को फाँसी पर चढा दिया था, को सन् 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के 'प्रथम नायक' के रूप में जाना जाता है।
  • इस स्तम्भ का निर्माण सन् 1957 में 1857 की क्रांति की '100वीं' सालगिरह पर कराया गया था।
  • यहाँ स्थित शिलालेख पर 85 सिपाहियों के नाम खुदे हुए हैं।
  • शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
  • संगमरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है।
  • 2005 से यहां विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा मेरठ के नागरिकों तथा शहीद स्मारक, मेरठ के सहयोग से विकास की एक संयुक्त प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिसके फलस्वरूप यह स्थल एक अति मनोरम पार्क के रूप में उभर कर आ रहा है।
  • यहां 1857 के शहीदों की यादों को संजोकर रखा गया है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरणा मिल सके।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख