देवदह: Difference between revisions

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'''देवदह''' [[महावंश]]<ref>[[महावंश]] 2, 9</ref> में उल्लिखित [[शाक्य गणराज्य|शाक्य]] राजा 'देवदह' की राजधानी थी। यह नगर [[गौतम बुद्ध]] की [[माता]] मायादेवी का पितृस्थान था। देवदह [[बस्ती ज़िला|ज़िला बस्ती]], [[उत्तर प्रदेश]] के उत्तर में [[नेपाल]] की सीमा के अंतर्गत और [[लुंबिनी]] या वर्तमान रुमिनीदेई के पास ही स्थित रहा होगा।


*[[कपिलवस्तु]] से देवदह जाते समय मार्ग में ही लुंबिनी वन में मायादेवी ने पुत्र को जन्म दिया था।
*[[कपिलवस्तु]] से देवदह जाते समय मार्ग में ही लुंबिनी वन में मायादेवी ने पुत्र को जन्म दिया था।
*मायादेवी के पितृकुल के शाक्यों की कुल-रीति के अनुसार इनकी कन्याओं के पहले पुत्र का जन्म पितृगृह में ही होता था
*मायादेवी के पितृकुल के शाक्यों की कुल-रीति के अनुसार इनकी कन्याओं के पहले पुत्र का जन्म पितृगृह में ही होता था
*कुल-रीति के अनुसार ही मायादेवी बालक के जन्म के पूर्व देवदह जा रही थी।
*कुल-रीति के अनुसार ही मायादेवी बालक के जन्म के पूर्व देवदह जा रही थी।
*मायादेवी के [[पिता]] कोलिय गणराज्य के मुख्य थे।
*मायादेवी के [[पिता]] [[कोलिय गणराज्य]] के मुख्य थे।
*'गोरखपुर विश्वविद्यालय' के प्राध्यापक श्री सी.डी. चटर्जी ने 'देवदह' का अभिज्ञान [[गोरखपुर]] की फरेंदा तहसील के अंतर्गत 'बनरसकला' नामक स्थान से किया है।
*'गोरखपुर विश्वविद्यालय' के प्राध्यापक श्री सी.डी. चटर्जी ने 'देवदह' का अभिज्ञान [[गोरखपुर]] की फरेंदा तहसील के अंतर्गत 'बनरसकला' नामक स्थान से किया है।


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*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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Latest revision as of 07:25, 18 August 2014

देवदह महावंश[1] में उल्लिखित शाक्य राजा 'देवदह' की राजधानी थी। यह नगर गौतम बुद्ध की माता मायादेवी का पितृस्थान था। देवदह ज़िला बस्ती, उत्तर प्रदेश के उत्तर में नेपाल की सीमा के अंतर्गत और लुंबिनी या वर्तमान रुमिनीदेई के पास ही स्थित रहा होगा।

  • कपिलवस्तु से देवदह जाते समय मार्ग में ही लुंबिनी वन में मायादेवी ने पुत्र को जन्म दिया था।
  • मायादेवी के पितृकुल के शाक्यों की कुल-रीति के अनुसार इनकी कन्याओं के पहले पुत्र का जन्म पितृगृह में ही होता था
  • कुल-रीति के अनुसार ही मायादेवी बालक के जन्म के पूर्व देवदह जा रही थी।
  • मायादेवी के पिता कोलिय गणराज्य के मुख्य थे।
  • 'गोरखपुर विश्वविद्यालय' के प्राध्यापक श्री सी.डी. चटर्जी ने 'देवदह' का अभिज्ञान गोरखपुर की फरेंदा तहसील के अंतर्गत 'बनरसकला' नामक स्थान से किया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 447 |

  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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