सुधीर कुमार सावंत: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "आर्यभट्ट" to "आर्यभट") |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 38: | Line 38: | ||
*[[सुशील कुमार (अभिनेता)|सुशील कुमार]] तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था। | *[[सुशील कुमार (अभिनेता)|सुशील कुमार]] तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था। | ||
*अभिनेता सुधीर के घर में उनके [[माता]]-[[पिता]], एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे। | *अभिनेता सुधीर के घर में उनके [[माता]]-[[पिता]], एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे। | ||
*' | *'आर्यभटम स्कूल' से सुधीर कुमार ने एस.एस.सी. उत्तीर्ण किया था। | ||
*[[वी. शांताराम]] की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे। | *[[वी. शांताराम]] की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे। | ||
*'[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी [[1964]] में ही प्रदर्शित हुई थी। | *'[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी [[1964]] में ही प्रदर्शित हुई थी। | ||
*आगे के दिनों में सुधीर कुमार ने 'लाडला' ([[1966]]) के अलावा 'जीने की राह' ([[1969]]) और [[मराठी भाषा|मराठी]] फ़िल्म 'घर ची राणी' ([[1968]]) में भी अभिनय किया। लेकिन उनका | *आगे के दिनों में सुधीर कुमार ने 'लाडला' ([[1966]]) के अलावा 'जीने की राह' ([[1969]]) और [[मराठी भाषा|मराठी]] फ़िल्म 'घर ची राणी' ([[1968]]) में भी अभिनय किया। लेकिन उनका कैरियर अधिक नहीं चल पाया। | ||
*[[वर्ष]] [[1960]] के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का [[विवाह संस्कार|विवाह]] हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए। | *[[वर्ष]] [[1960]] के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का [[विवाह संस्कार|विवाह]] हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए। | ||
*सुधीर कुमार गले में जख्म होने की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़े और [[1993]] में उनकी मृत्यु हो गई। | *सुधीर कुमार गले में जख्म होने की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़े और [[1993]] में उनकी मृत्यु हो गई। |
Latest revision as of 08:34, 15 March 2018
सुधीर कुमार सावंत
| |
पूरा नाम | सुधीर कुमार सावंत |
प्रसिद्ध नाम | सुधीर कुमार |
मृत्यु | 1993 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | अभिनय |
मुख्य फ़िल्में | 'संत ज्ञानेश्वर', 'दोस्ती', 'लाडला', मराठी फ़िल्म 'घर ची राणी'। |
प्रसिद्धि | अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | फ़िल्म 'दोस्ती', सुशील कुमार |
अन्य जानकारी | वर्ष 1960 के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का विवाह हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए। |
सुधीर कुमार सावंत भारतीय सिनेमा में हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता थे। वर्ष 1964 की बेहद सफल फ़िल्म 'दोस्ती' में सुधीर कुमार ने एक ऐसे दोस्त की भूमिका निभाई थी, जिसकी आँखों में रोशनी नहीं थी।
- सुधीर कुमार सावंत महाराष्ट्रियन थे और परेल के लाल बाग़ इलाके में रहते थे।
- सुशील कुमार तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था।
- अभिनेता सुधीर के घर में उनके माता-पिता, एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे।
- 'आर्यभटम स्कूल' से सुधीर कुमार ने एस.एस.सी. उत्तीर्ण किया था।
- वी. शांताराम की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे।
- 'दोस्ती' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी 1964 में ही प्रदर्शित हुई थी।
- आगे के दिनों में सुधीर कुमार ने 'लाडला' (1966) के अलावा 'जीने की राह' (1969) और मराठी फ़िल्म 'घर ची राणी' (1968) में भी अभिनय किया। लेकिन उनका कैरियर अधिक नहीं चल पाया।
- वर्ष 1960 के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का विवाह हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए।
- सुधीर कुमार गले में जख्म होने की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़े और 1993 में उनकी मृत्यु हो गई।
|
|
|
|
|