अरविंद त्रिवेदी
अरविंद त्रिवेदी
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पूरा नाम | अरविंद त्रिवेदी |
जन्म | 8 नवम्बर, 1938 |
जन्म भूमि | उज्जैन, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 6 अक्टूबर, 2021 |
मृत्यु स्थान | कांदीवली, मुम्बई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय सिनेमा |
प्रसिद्धि | दूरदर्शन पर धारावाहिक रामायण में रावण की भूमिका हेतु। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सन 1991 के चुनाव में सांबरकाठा सीट से अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) को 48.28% यानी कुल 168704 वोट मिले थे। उस समय लंकेश (अरविंद त्रिवेदी) की रैलियों में अपार भीड़ होती थी। |
अरविंद त्रिवेदी (अंग्रेज़ी: Arvind Trivedi, जन्म- 8 नवम्बर, 1938; मृत्यु- 6 अक्टूबर, 2021) भारतीय सिनेमा में छोटे परदे के प्रसिद्ध कलाकार थे। दूरदर्शन पर आने वाले प्रसिद्ध धारावाहिक 'रामायण' में उन्होंने लंकापति रावण का किरदार निभाया था। 'मैं लंकाधिपति रावण...' 90 के दशक में रामानंद सागर के बहुचर्चित सीरियल रामायण में लंकेश का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी की आवाज़ जब गूंजती थी तो देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते थे। इस सीरियल से अगर राम के रूप में अरुण गोविल को अमर पहचान मिली तो अभिनेता अरविंद त्रिवेदी की रावण की भूमिका भी यादगार बन गई।
परिचय
अरविंद त्रिवेदी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ था। उनका कॅरियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा का चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं। हिंदी के पॉपुलर शो 'रामायण' से घर-घर पहचान बनाने वाले लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया। गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से उन्हें गुजराती दर्शकों में पहचान मिली थी जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया।[1]
गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से अरविंद त्रिवेदी को गुजराती दर्शकों में पहचान मिली थी, जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया। उन्होंने गुजरात सरकार द्वारा प्रदान की गई गुजराती फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए सात पुरस्कार जीते थे। 2002 में उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। अरविंद त्रिवेदी ने 20 जुलाई 2002 से 16 अक्टूबर 2003 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमुख के रूप में काम किया था।
राम भक्त
टीवी स्क्रीन पर अरविंद त्रिवेदी भले ही राम से युद्ध करते दिखाई दिए, पर असल जीवन में वह राम के परम भक्त थे। उन्होंने खुद बताया था कि सीरियल में जब वह राम के खिलाफ कड़े शब्दों का प्रयोग करते थे तो बाद में भगवान से माफी मांगते थे। पिछले साल कोरोना लॉकडाउन में जब टीवी पर रामायण सीरियल फिर से प्रसारित होने लगा था तो टीवी चैनलों पर उनकी तस्वीरें भी सामने आईं। वह टीवी पर रामायण देखते दिखाई दिए थे।
जितनी बार भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल स्क्रीन पर दिखाई देते, अरविंद त्रिवेदी दोनों हाथों को जोड़कर प्रणाम कर लेते। इस सदी में जन्मी पीढ़ी को शायद यह जानकर ताज्जुब हो कि उस समय टीवी के सामने बैठे लोग भी भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल को देख हाथ जोड़ लेते थे, पूजा होती थी और जयकारे लग जाते थे। साल 2020 में मीडिया से बातचीत में परिवार के लोगों ने बताया था कि बुजुर्ग अरविंद त्रिवेदी का ज्यादातर समय भगवान की भक्ति में बीत रहा था।[2]
हिंदी-गुजराती फिल्मों में कार्य
रावण के रोल में अरविंद त्रिवेदी की गर्जना भला कौन भूल सकता है। अगर ऐक्टिंग के लिहाज से देखें तो उन्होंने रावण की भूमिका में जान ला दी थी। बाद में रामायण पर जितने भी सीरियल बने, सबमें रावण के किरदार को अरविंद त्रिवेदी की तरह कॉपी करने की कोशिश की गई। उन्होंने करीब 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया था।
'रावण' से पहचान
[[चित्र:Arvind-Trivedi-2.jpg|thumb|200px|रावण की भूमिका में अरविंद त्रिवेदी]] अरविंद त्रिवेदी का कॅरियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ था। अरविंद के भाई गुजराती सिनेमा का एक अच्छा नाम रहे, जिसके चलते अरविंद की शुरुआत भी गुजराती सिनेमा से हुई। लेकिन अरविंद को असली पहचान 1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए 'रामायण' से मिली। रामायण में अरविंद त्रिवेदी ने रावण का किरदार निभाया था। अरविंद ने रावण के किरदार में ऐसी जान फूंकी थी कि दर्शक उन्हें हकीकत में रावण मानने लगे थे।[3]
चुनाव भी लड़ा
सिनेमा के साथ-साथ अरविंद त्रिवेदी का राजनीति से भी जुड़ाव रहा। लोकप्रियता चरम पर थी, जब उन्होंने भाजपा के टिकट पर साल 1991 में गुजरात की साबरकांठा सीट से चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए। वह 1991 से 1996 तक लोकसभा के सांसद रहे। दिलचस्प है कि उस समय अरविंद त्रिवेदी अपने नाम से ज्यादा लंकेश नाम से मशहूर थे। वह जहां भी सभाएं करते, लोग उनसे रावण के डायलॉग बोलने को कहते। चुनाव संबंधी दस्तावेजों में भी उनका नाम अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) लिखा मिलता है।
'रावण' को मिले 48 प्रतिशत से ज्यादा वोट
thumb|200px|अरविंद त्रिवेदी सन 1991 के चुनाव में सांबरकाठा सीट से अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) को 48.28% यानी कुल 168704 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर जेडी(जी) के उम्मीदवार मगनभाई मणिभाई पटेल को 37.86 प्रतिशत वोट (132286 वोट) मिले थे। तीसरे नंबर पर जनता दल के राजमोहन गांधी को 9.66 प्रतिशत और कुल 33746 वोट मिले थे। उस चुनाव में कुल 20 उम्मीदवार मैदान में थे और तीन उम्मीदवारों को छोड़ दें तो सभी को 01 प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। उस समय लंकेश (अरविंद त्रिवेदी) की रैलियों में अपार भीड़ होती थी। लोग कई कि.मी. दूर से पैदल चलकर उन्हें देखने और सुनने के लिए आते थे। भले ही ऐसा मशहूर ऐक्टर चुनाव लड़ रहा था, पर उस समय भी उन्हें हराने के लिए दांव चले गए। वोट काटने के लिए उस चुनाव में दो और त्रिवेदी उम्मीदवार मैदान में उतरे या उतारे गए, लेकिन लंकेश ने भारी मतों से जीत दर्ज की।[2]
मृत्यु
83 वर्षीय अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार (5 अक्टूबर, 2021) की रात को हार्ट अटैक के चलते निधन हुआ। बीते लंबे वक्त से अरविंद उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। वहीं वह बीते कुछ वक्त से चलने में भी असमर्थ हो गए थे।[3]
रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने अरविंद त्रिवेदी के निधन पर शोक जाहिर किया। सुनील ने ट्विटर पर लिखा, 'बहुत दु:खद समाचार है कि हमारे सबके प्यारे अरविंद भाई अब हमारे बीच नहीं हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। मैंने अपने पिता समान, मेरे गाइड और बेहतरीन इंसान को खो दिया।' सुनील लहरी के अलावा भी कई सेलेब्स और फैन्स ने अरविंद को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लंकेश के किरदार से मशहूर अरविंद त्रिवेदी का 83 साल की उम्र में निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 06 अक्टूबर, 2021।
- ↑ 2.0 2.1 खामोश हो गई 'रावण' की वो गर्जना (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 06 अक्टूबर, 2021।
- ↑ 3.0 3.1 'रावण' बन मशहूर हुए अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का निधन (हिंदी) livehindustan.com। अभिगमन तिथि: 06 अक्टूबर, 2021।