सत्यव्रत शास्त्री: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''सत्यव्रत शास्त्री''' (अंग्रेज़ी: ''Satya Vrat Shastri'', जन्म- 29...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
'''सत्यव्रत शास्त्री''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Satya Vrat Shastri'', जन्म- [[29 सितम्बर]], [[1930]]; मृत्यु- [[14 नवम्बर]], [[2021]]) [[संस्कृत]] भाषा के विद्वान एवं महत्वपूर्ण मनीषी रचनाकार हैं। वे तीन महाकाव्यों के रचनाकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग एक हजार [[श्लोक]] हैं। 'वृहत्तमभारतम्', 'श्रीबोधिसत्वचरितम्' और 'वैदिक व्याकरण' उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। वर्ष [[2007]] में सत्यव्रत शास्त्री को उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये '[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था।
{{सूचना बक्सा साहित्यकार
|चित्र=Satya-Vrat-Shastri.jpg
|चित्र का नाम=सत्यव्रत शास्त्री
|पूरा नाम=सत्यव्रत शास्त्री
|अन्य नाम=
|जन्म=[[29 सितम्बर]], [[1930]]
|जन्म भूमि=
|मृत्यु=[[14 नवम्बर]], [[2021]]
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पालक माता-पिता=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=[[संस्कृत साहित्य]]
|मुख्य रचनाएँ='वृहत्तमभारतम्', 'श्रीबोधिसत्वचरितम्' और 'वैदिक व्याकरण' आदि।
|विषय=
|भाषा=
|विद्यालय=
|शिक्षा=
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म भूषण]], [[2010]]<br/>
[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]], [[2006]]<br/>
[[पद्म श्री]], [[1999]]
|प्रसिद्धि=[[संस्कृत साहित्यकार]], [[कवि]] व विद्वान
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=[[संस्कृत]] के प्रख्यात विद्वान एवं [[पद्म भूषण]] से सम्मानित डॉ. सत्यव्रत शास्त्री अकेले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने थाईलैंड की महारानी को संस्कृत सिखाई और संस्कृत में ही बी.ए. व एम.ए. की डिग्री दिलाई।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}'''सत्यव्रत शास्त्री''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Satyavrat Shastri'', जन्म- [[29 सितम्बर]], [[1930]]; मृत्यु- [[14 नवम्बर]], [[2021]]) [[संस्कृत]] भाषा के विद्वान एवं महत्वपूर्ण मनीषी रचनाकार हैं। वे तीन [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] के रचनाकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग एक हजार [[श्लोक]] हैं। 'वृहत्तमभारतम्', 'श्रीबोधिसत्वचरितम्' और 'वैदिक व्याकरण' उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। वर्ष [[2007]] में सत्यव्रत शास्त्री को उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये '[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था।
==परिचय==
==परिचय==
सत्यव्रत शास्त्री का जन्म 29 सितम्बर सन 1930 को हुआ था। शास्त्री जी ने [[1947]] से [[1949]] के मध्य इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उसके बाद [[1951]] में स्नातक और [[1953]] में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] में प्रोफेसर रहे। साथ ही जे.एन.यू. के संस्कृत स्कूल में भी योगदान दिया। श्रीजगन्नाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी, [[पुरी]], [[ओडिसा]] में वाइस चांसलर बने। इसके अलावा वह [[भारत सरकार]] के संस्कृत आयोग के अध्यक्ष बने। वह प्रेसीडेंट एशिया इंस्टीट्यूट टोरिनो इटली भी हैं। उन्हें अब तक 108 अवार्ड मिल चुके हैं।
सत्यव्रत शास्त्री का जन्म 29 सितम्बर सन 1930 को हुआ था। शास्त्री जी ने [[1947]] से [[1949]] के मध्य इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उसके बाद [[1951]] में स्नातक और [[1953]] में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] में प्रोफेसर रहे। साथ ही जे.एन.यू. के संस्कृत स्कूल में भी योगदान दिया। श्रीजगन्नाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी, [[पुरी]], [[ओडिसा]] में वाइस चांसलर बने। इसके अलावा वह [[भारत सरकार]] के संस्कृत आयोग के अध्यक्ष बने। वह प्रेसीडेंट एशिया इंस्टीट्यूट टोरिनो इटली भी हैं। उन्हें अब तक 108 अवार्ड मिल चुके हैं।
Line 21: Line 55:
*[https://sahitya-akademi.gov.in/library/fellowship_pdf/Satya-Vrat-Shastri.pdf साहित्य अकादमी मेहत्तर सदस्यता]
*[https://sahitya-akademi.gov.in/library/fellowship_pdf/Satya-Vrat-Shastri.pdf साहित्य अकादमी मेहत्तर सदस्यता]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{ज्ञानपीठ पुरस्कार}}{{संस्कृत साहित्यकार}}{{पद्म भूषण}}
{{ज्ञानपीठ पुरस्कार}}{{संस्कृत साहित्यकार}}{{पद्म भूषण}}{{पद्मश्री}}
[[Category:संस्कृत साहित्यकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:ज्ञानपीठ पुरस्कार]][[Category:साहित्य अकादमी पुरस्कार]]
[[Category:संस्कृत साहित्यकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:ज्ञानपीठ पुरस्कार]][[Category:साहित्य अकादमी पुरस्कार]]
[[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (1999)]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:पद्म भूषण (2010)]][[Category:साहित्यकार]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (1999)]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:पद्म भूषण (2010)]][[Category:साहित्यकार]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 05:20, 27 September 2022

सत्यव्रत शास्त्री
पूरा नाम सत्यव्रत शास्त्री
जन्म 29 सितम्बर, 1930
मृत्यु 14 नवम्बर, 2021
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र संस्कृत साहित्य
मुख्य रचनाएँ 'वृहत्तमभारतम्', 'श्रीबोधिसत्वचरितम्' और 'वैदिक व्याकरण' आदि।
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण, 2010

ज्ञानपीठ पुरस्कार, 2006
पद्म श्री, 1999

प्रसिद्धि संस्कृत साहित्यकार, कवि व विद्वान
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी संस्कृत के प्रख्यात विद्वान एवं पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. सत्यव्रत शास्त्री अकेले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने थाईलैंड की महारानी को संस्कृत सिखाई और संस्कृत में ही बी.ए. व एम.ए. की डिग्री दिलाई।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

सत्यव्रत शास्त्री (अंग्रेज़ी: Satyavrat Shastri, जन्म- 29 सितम्बर, 1930; मृत्यु- 14 नवम्बर, 2021) संस्कृत भाषा के विद्वान एवं महत्वपूर्ण मनीषी रचनाकार हैं। वे तीन महाकाव्यों के रचनाकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग एक हजार श्लोक हैं। 'वृहत्तमभारतम्', 'श्रीबोधिसत्वचरितम्' और 'वैदिक व्याकरण' उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। वर्ष 2007 में सत्यव्रत शास्त्री को उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।

परिचय

सत्यव्रत शास्त्री का जन्म 29 सितम्बर सन 1930 को हुआ था। शास्त्री जी ने 1947 से 1949 के मध्य इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उसके बाद 1951 में स्नातक और 1953 में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे। साथ ही जे.एन.यू. के संस्कृत स्कूल में भी योगदान दिया। श्रीजगन्नाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी, पुरी, ओडिसा में वाइस चांसलर बने। इसके अलावा वह भारत सरकार के संस्कृत आयोग के अध्यक्ष बने। वह प्रेसीडेंट एशिया इंस्टीट्यूट टोरिनो इटली भी हैं। उन्हें अब तक 108 अवार्ड मिल चुके हैं।

थाइलैंड महारानी को संस्कृत की शिक्षा

संस्कृत के प्रख्यात विद्वान एवं पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. सत्यव्रत शास्त्री अकेले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने थाईलैंड की महारानी को संस्कृत सिखाई और संस्कृत में ही बी.ए. व एम.ए. की डिग्री दिलाई। यही नहीं थाईलैंड समेत कई देशों में उन्होंने संस्कृत के अभिलेख ढूंढे।[1]

सत्यव्रत शास्त्री के अनुसार- सन 1977 में थाईलैंड की हररोयल हाईनेस महाचक्री प्रिंसेज सिरिन्थोर को संस्कृत से एम.ए. करनी थी। वह बैंकॉक में शिक्षा ग्रहण कर रही थीं। थाईलैंड की सरकार ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि महारानी को संस्कृत पढ़ाने के लिए किसी अनुभवी संस्कृत शिक्षक की व्यवस्था की जाए। उसके बाद भारत सरकार ने डॉ. सत्यव्रत शास्त्री का नाम तय किया और उन्हें पढ़ाने के लिए भेज दिया।

उसी दौरान जब वह थाईलैंड में भ्रमण को निकले तो उन्हें शाकौन समेत कई नाम लिखे मिले। उसी के डॉ. सत्यव्रत शास्त्री को एक और काम मिल गया। वह खुश इसलिए थे कि संस्कृत के अभिलेख वहां मिलने लगे। उन्होंने बताया कि रामा स्टोरी साउथ एशिया पर काम कर रहे हैं। सात देशों की यात्रा के जरिये यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। उनका कहना था- ग्रांड फादर पंडित चारूदेव शास्त्री संस्कृत के विद्वान थे, उन्हीं के जरिये यह सीखी। अब तक 36 किताबें लिख चुके हैं।

पुरस्कार व सम्मान

मृत्यु

संस्कृत साहित्यकार सत्यव्रत शास्त्री का निधन 14 नवम्बर, 2021 को हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख