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*यह एक उभयधर्मी धातु है।  
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==सीसा अयस्क==
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सीसा अयस्क मुख्यतः गैलेन्स नामक [[खनिज]] से प्राप्त किया जाता है और यह प्रायः [[चाँदी]] एवं [[जस्ता|जस्ते]] के साथ मिला रहता है। यह [[विद्युत]] का कुचालक होने के कारण विभिन्न उद्योगों में प्रयोग किया जाता है। इसका सर्वाधिक उपयोग लौह इस्पात उद्योग में होता है। [[भारत]] में सीसे का उत्पादन कम होता है। अतः इसे [[संयुक्त राज्य अमरीका]], [[ऑस्ट्रेलिया]], मैक्सिको, [[म्यांमार]] आदि देशों से आयात किया जाता है। देश में लगभग 23.26 लाख टन सीसे का भंडार है। 2006-07 के दौरान देश में कुल 109 हजार टन सीसे का उत्पादन हुआ।
सीसा अयस्क मुख्यतः गैलेन्स नामक [[खनिज]] से प्राप्त किया जाता है और यह प्रायः [[चाँदी]] एवं [[जस्ता|जस्ते]] के साथ मिला रहता है। यह [[विद्युत]] का कुचालक होने के कारण विभिन्न उद्योगों में प्रयोग किया जाता है। इसका सर्वाधिक उपयोग लौह इस्पात उद्योग में होता है। [[भारत]] में सीसे का उत्पादन कम होता है। अतः इसे [[संयुक्त राज्य अमरीका]], [[ऑस्ट्रेलिया]], मैक्सिको, [[म्यांमार]] आदि देशों से आयात किया जाता है। देश में लगभग 23.26 लाख टन सीसे का भंडार है। 2006-07 के दौरान देश में कुल 109 हज़ार टन सीसे का उत्पादन हुआ।


व्यापारिक स्तर पर इसकी प्रमुख खाने [[राजस्थान]] में जावरा नामक स्थान पर हैं। जहाँ हिन्दुस्थान जिंक लि. द्वारा [[उत्खनन]] का भी काम किया जाता है। राजस्थान में मोछियामगरा, बरोमगरा तथा [[भीलवाड़ा ज़िला|भीलवाड़ा]] ज़िले के दरीबा-राजपुरा क्षेत्र में भी नये निक्षेप पाये गये हैं। [[मध्य प्रदेश]] में [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] के चिचोली क्षेत्र से सीसा प्राप्त किया जाता है।
व्यापारिक स्तर पर इसकी प्रमुख खाने [[राजस्थान]] में जावरा नामक स्थान पर हैं। जहाँ हिन्दुस्थान जिंक लि. द्वारा [[उत्खनन]] का भी काम किया जाता है। राजस्थान में मोछियामगरा, बरोमगरा तथा [[भीलवाड़ा ज़िला|भीलवाड़ा]] ज़िले के दरीबा-राजपुरा क्षेत्र में भी नये निक्षेप पाये गये हैं। [[मध्य प्रदेश]] में [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] के चिचोली क्षेत्र से सीसा प्राप्त किया जाता है।

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सीसा (अंग्रेज़ी:Lead) आवर्त सारणी का एक तत्व है। सीसे का प्रतीकानुसार 'Pb', परमाणु संख्या 82 तथा परमाणु भार 207.21 है। सीसे का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास- 1s2, 2s2 2p6, 4s2 4p6 4d10 4f14, 5s2 5p6 5d10, 6s2 6p2 है। आवर्त सारणी में सीसे का स्थान- उपवर्ग- IVA, आवर्त- छठा, ब्लॉक- p है।

निष्कर्षण

सीसा का निष्कर्षण मुख्यतः उसके अयस्क गैलना (PbS) से किया जाता है। सीसा सर्वाधिक स्थायी तत्त्व है। यह एक ऐसा तत्त्व है जिससे काग़ज़ पर लिखने का काम लिया जाता है।

भौतिक गुण

  • सीसा एक मुलायम नीलापन लिये भूरा धातु है।
  • सीसे में धातुई चमक पायी जाती है।
  • सीसा काग़ज़ पर निशान छोड़ता है।
  • सीसा एक भारी धातु है।
  • इसका घनत्व 11.34, द्रवणांक - 327.4 डिग्री. C तथा क्वथनांक 1620 डिग्री.C होता है।
  • यह ताप और विद्युत का कुचालक होता है।
  • यह एक उभयधर्मी धातु है।

सीसा अयस्क

सीसा अयस्क मुख्यतः गैलेन्स नामक खनिज से प्राप्त किया जाता है और यह प्रायः चाँदी एवं जस्ते के साथ मिला रहता है। यह विद्युत का कुचालक होने के कारण विभिन्न उद्योगों में प्रयोग किया जाता है। इसका सर्वाधिक उपयोग लौह इस्पात उद्योग में होता है। भारत में सीसे का उत्पादन कम होता है। अतः इसे संयुक्त राज्य अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको, म्यांमार आदि देशों से आयात किया जाता है। देश में लगभग 23.26 लाख टन सीसे का भंडार है। 2006-07 के दौरान देश में कुल 109 हज़ार टन सीसे का उत्पादन हुआ।

व्यापारिक स्तर पर इसकी प्रमुख खाने राजस्थान में जावरा नामक स्थान पर हैं। जहाँ हिन्दुस्थान जिंक लि. द्वारा उत्खनन का भी काम किया जाता है। राजस्थान में मोछियामगरा, बरोमगरा तथा भीलवाड़ा ज़िले के दरीबा-राजपुरा क्षेत्र में भी नये निक्षेप पाये गये हैं। मध्य प्रदेश में दुर्ग ज़िले के चिचोली क्षेत्र से सीसा प्राप्त किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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