रेनियम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''बाष्पातु''' (रेनियम) का संकेत '''बा''' (Re), [[परमाणु भार]] १८६.३१, [[परमाणु संख्या]] ७५ है। बाष्पातु का आविष्कार १९२५ ई. में इडा तथा वाल्टर नौडाक द्वारा हुआ था। इसके स्थायी [[समस्थानिक]] की [[द्रव्यमान संख्या]] १८५ है और अन्य विकिरणशील (रेडियोऐक्टिव) समस्थानिक १८२, १८३, १८४, १८६, १८७ और १८८ द्रव्यमान संख्याओं के प्राप्त हैं।
'''रेनियम''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Rhenium'') का संकेत (Re), [[परमाणु भार]] 186.20 [[परमाणु संख्या]] 75 है। रेनियम का [[हिन्दी]] नाम 'रेनियम' है। रेनियम का आविष्कार 1925 ई. में इडा तथा वाल्टर नौडाक द्वारा हुआ था। इसके स्थायी [[समस्थानिक]] की [[द्रव्यमान संख्या]] 185 है और अन्य विकिरणशील (रेडियोऐक्टिव) समस्थानिक 182, 183, 184, 186, 187 और 188 द्रव्यमान संख्याओं के प्राप्त हैं।


बाष्पातु [[तत्व]] अनेक [[खनिज|खनिजों]] में बहुत विस्तृत पाया जाता है, पर बड़ी अल्प मात्रा में ही। खनिजों में यह सल्फाइड के रूप में रहता है। इसके [[ऑक्साइड]] वाष्पशील होते हैं, अत: खनिजों के प्रद्रावण पर यह अवशेष में, या चिमनी धूल में, सांद्रित रहता है। इसका निष्कर्षण पोटैशियम पररेनेट के रूप में होता, जो जल में अल्प विलेय है। [[लवण]] के पुन: क्रिस्टलीकरण से यह शुद्ध रूप में प्राप्त होता है। [[उदजन]] के वातावरण में पोटैशियम या अमोनियम पररेनेट के अवकरण से धूसर, या काले चूर्ण के रूप में [[धातु]] प्राप्त होती है। ऊँचे ताप पर यह धातु स्थूल रूप में प्राप्त होती है। धातु का [[घनत्व]] २१ और [[गलनांक]] ३,१४०° सें. है। इसे १५०° सें. से ऊपर गरम करने से ऑक्साइड बनता है। इसके अनेक ऑक्साइड बनते हैं। इसका क्लोराइड, ऑक्सीक्लोराइड, सल्फाइड और फॉस्फाइड भी बनता है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अविलेय है, पर नाइट्रिक अम्ल में विलेय है। इसकी अनेक [[मिश्रधातु|मिश्रधातुएँ]] बनी हैं।
रेनियम [[तत्व]] अनेक [[खनिज|खनिजों]] में बहुत विस्तृत पाया जाता है, पर बड़ी अल्प मात्रा में ही। खनिजों में यह सल्फाइड के रूप में रहता है। इसके [[ऑक्साइड]] वाष्पशील होते हैं, अत: खनिजों के प्रद्रावण पर यह अवशेष में, या चिमनी धूल में, सांद्रित रहता है। इसका निष्कर्षण पोटैशियम पररेनेट के रूप में होता, जो जल में अल्प विलेय है। [[लवण]] के पुन: क्रिस्टलीकरण से यह शुद्ध रूप में प्राप्त होता है। [[हाइड्रोजन]] के वातावरण में पोटैशियम या अमोनियम पररेनेट के अवकरण से धूसर, या काले चूर्ण के रूप में [[धातु]] प्राप्त होती है। ऊँचे ताप पर यह धातु स्थूल रूप में प्राप्त होती है। धातु का [[घनत्व]] २१ और [[गलनांक]] ३,१४०° सें. है। इसे १५०° सें. से ऊपर गरम करने से ऑक्साइड बनता है। इसके अनेक ऑक्साइड बनते हैं। इसका क्लोराइड, ऑक्सीक्लोराइड, सल्फाइड और फॉस्फाइड भी बनता है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अविलेय है, पर नाइट्रिक अम्ल में विलेय है। इसकी अनेक [[मिश्रधातु|मिश्रधातुएँ]] बनी हैं।


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

Revision as of 11:21, 18 October 2012

रेनियम (अंग्रेज़ी:Rhenium) का संकेत (Re), परमाणु भार 186.20 परमाणु संख्या 75 है। रेनियम का हिन्दी नाम 'रेनियम' है। रेनियम का आविष्कार 1925 ई. में इडा तथा वाल्टर नौडाक द्वारा हुआ था। इसके स्थायी समस्थानिक की द्रव्यमान संख्या 185 है और अन्य विकिरणशील (रेडियोऐक्टिव) समस्थानिक 182, 183, 184, 186, 187 और 188 द्रव्यमान संख्याओं के प्राप्त हैं।

रेनियम तत्व अनेक खनिजों में बहुत विस्तृत पाया जाता है, पर बड़ी अल्प मात्रा में ही। खनिजों में यह सल्फाइड के रूप में रहता है। इसके ऑक्साइड वाष्पशील होते हैं, अत: खनिजों के प्रद्रावण पर यह अवशेष में, या चिमनी धूल में, सांद्रित रहता है। इसका निष्कर्षण पोटैशियम पररेनेट के रूप में होता, जो जल में अल्प विलेय है। लवण के पुन: क्रिस्टलीकरण से यह शुद्ध रूप में प्राप्त होता है। हाइड्रोजन के वातावरण में पोटैशियम या अमोनियम पररेनेट के अवकरण से धूसर, या काले चूर्ण के रूप में धातु प्राप्त होती है। ऊँचे ताप पर यह धातु स्थूल रूप में प्राप्त होती है। धातु का घनत्व २१ और गलनांक ३,१४०° सें. है। इसे १५०° सें. से ऊपर गरम करने से ऑक्साइड बनता है। इसके अनेक ऑक्साइड बनते हैं। इसका क्लोराइड, ऑक्सीक्लोराइड, सल्फाइड और फॉस्फाइड भी बनता है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अविलेय है, पर नाइट्रिक अम्ल में विलेय है। इसकी अनेक मिश्रधातुएँ बनी हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख