User:रविन्द्र प्रसाद/2: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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-[[मगध महाजनपद|मगध]]
-[[मगध महाजनपद|मगध]]
-[[अंग महाजनपद|अंग]]
-[[अंग महाजनपद|अंग]]
||[[चित्र:View-Of-Varanasi.jpg|right|100px|वाराणसी का एक दृश्य]]'काशी' पौराणिक [[महाजनपद|16 महाजनपदों]] में से एक है। [[वाराणसी]] का दूसरा नाम 'काशी' प्राचीन काल में एक जनपद के रूप में प्रख्यात था और वाराणसी उसकी राजधानी थी। इसकी पुष्टि पाँचवीं शताब्दी में [[भारत]] आने वाले चीनी यात्री [[फ़ाह्यान]] के यात्रा विवरण से भी होती है। '[[हरिवंशपुराण]]' में उल्लेख आया है कि [[काशी]] को बसाने वाले [[पुरुरवा]] के वंशज राजा 'काश' थे। अत: उनके वंशज 'काशि' कहलाए। संभव है इसके आधार पर ही इस जनपद का नाम 'काशी' पड़ा हो। 'काशी' नामकरण से संबद्ध एक पौराणिक मिथक भी उपलब्ध है। उल्लेख है कि [[विष्णु]] ने [[पार्वती]] के मुक्तामय कुंडल गिर जाने से इस क्षेत्र को मुक्त क्षेत्र की संज्ञा दी और इसकी अकथनीय परम ज्योति के कारण [[तीर्थ]] का नामकरण 'काशी' किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देंखे:-[[काशी]], [[अम्बा]], [[अम्बालिका]]


{[[धृतराष्ट्र]], [[पाण्डु]] और [[विदुर]] के पिता कौन थे?(हि.ध.प्र.- 135)
{[[धृतराष्ट्र]], [[पाण्डु]] और [[विदुर]] के पिता कौन थे?(हि.ध.प्र.- 135)
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+[[व्यास]]
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-[[पराशर]]
-[[पराशर]]
||[[चित्र:Vyasadeva-Sanjaya-Krishna.jpg|right|100px|संजय तथा व्यास]]'व्यास' अथवा 'वेदव्यास' [[हिंदू धर्म]] ग्रंथों के अनुसार [[नारायण|भगवान नारायण]] के ही कलावतार थे। [[व्यास]] के [[पिता]] का नाम [[पराशर|पराशर ऋषि]] तथा [[माता]] का नाम [[सत्यवती]] था। इनकी माता ने बाद में [[हस्तिनापुर]] के राजा [[शान्तनु]] से [[विवाह]] किया था, जिनसे उनके दो पुत्र हुए, जिनमें बड़ा [[चित्रांगद]] युद्ध में मारा गया और छोटा [[विचित्रवीर्य]] संतानहीन मर गया। [[वेदव्यास]] ने धार्मिक तथा वैराग्य का जीवन पसंद किया था, किन्तु माता के आग्रह पर इन्होंने विचित्रवीर्य की दोनों सन्तानहीन रानियों द्वारा नियोग के नियम से दो पुत्र उत्पन्न किये, जो '[[धृतराष्ट्र]]' तथा '[[पाण्डु]]' कहलाये। इनमें तीसरे नीति के ज्ञाता [[विदुर]] भी थे। [[पुराण|पुराणों]] में अठारह व्यासों का उल्लेख है, जो [[ब्रह्मा]] या [[विष्णु]] के [[अवतार]] कहलाते हैं एवं [[पृथ्वी]] पर विभिन्न युगों में [[वेद|वेदों]] की व्याख्या व प्रचार करने के लिए अवतीर्ण होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देंखे:-[[व्यास]], [[धृतराष्ट्र]], [[पाण्डु]], [[विदुर]]


{[[कुंती]] का मध्य नाम क्या था?(हि.ध.प्र.- 135)
{[[कुंती]] का मध्य नाम क्या था?(हि.ध.प्र.- 135)

Revision as of 07:13, 29 May 2013

1 महाभारत के पहले पर्व 'आदिपर्व' में किस घटना के बाद 'महाभारत महाकाव्य' प्रारम्भ हुआ है?(हि.ध.प्र.- 132)

सर्पदंश से परीक्षित की मृत्यु
कद्रू तथा विनता वृत्तांत
गरुड़ द्वारा अमृत लाना
जनमेजय का सर्पसत्र

2 महाभारत महाकाव्य कितने वर्षों में पूरा हुआ था?(हि.ध.प्र.- 132)

दो वर्ष
एक वर्ष
तीन वर्ष
चार वर्ष

3 ऋषि वसिष्ठ के अभिशाप के परिणामस्वरूप पवित्र गंगा से कौन उत्पन्न हुए थे?(हि.ध.प्र.- 132)

आठ वसु
बारह आदित्य
दो अश्विनी कुमार
ग्यारह रुद्र

4 अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु किसके अवतार थे?(हि.ध.प्र.- 132)

सूर्यदेव के पुत्र शनि
चन्द्रमा के पुत्र वर्चा
ग्यारह रुद्रों में से एक
बृहस्पति के पुत्र बुध

5 दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत का अन्य नाम क्या था?(हि.ध.प्र.- 133)

सर्ववर्मन
सामवर्त
सिंहलाद
सर्वदमन

6 द्रौपदी को छोड़कर युधिष्ठिर की अन्य पत्नी का नाम क्या था?(हि.ध.प्र.- 134)

बलन्धरा
विजया
देविका
उलूपी

7 पाण्डवों के कुल कितने पुत्र थे?(हि.ध.प्र.- 134)

चार
ग्यारह
एकमात्र अभिमन्यु
सात

8 अम्बा और अम्बालिका किस राजवंश की राजकुमारियाँ थी?(हि.ध.प्र.- 135)

काशी
कोशल
मगध
अंग

10 कुंती का मध्य नाम क्या था?(हि.ध.प्र.- 135)

सुबला
पृथा
माद्री
अनामिका

11 पाण्डु ने शिकार करते समय मृग के रूप में भूलवश किस ऋषि की हत्या कर दी थी, जिन्होंने तत्पश्चात पाण्डु को शाप दिया था?(हि.ध.प्र.- 136)

मांडव्य
किन्दम
च्यवन
मार्कण्डेय

12 द्रोणाचार्य को दिव्यास्त्र किसने दिये थे?(हि.ध.प्र.- 136)

शरद्वान
परशुराम
शिव
इन्द्र देव

13 किस अप्सरा ने अर्जुन को शाप दिया था कि उसे एक वर्ष तक नंपुसक के रूप में रहना पड़ेगा?(हि.ध.प्र.- 136)

उर्वशी
रम्भा
मेनका
तिलोत्तमा

14 यक्ष के रूप में युधिष्ठिर के सामने कौन आया था, जिसने उनसे विभिन्न दार्शनिक प्रश्न पूछे थे?(हि.ध.प्र.- 136)

इन्द्र
यमराज
धर्मराज
अग्नि