अशोक स्तम्भ सारनाथ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अशोक स्तम्भ |लेख का नाम=अशोक स्तम्भ}}
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अशोक स्तम्भ |लेख का नाम=अशोक स्तम्भ}}
[[चित्र:चित्र:Ashoka-Pillar-Sarnath.jpg|thumb|अशोक स्तंभ, सारनाथ]]
[[चित्र:Ashoka-Pillar-Sarnath.jpg|thumb|अशोक स्तंभ, सारनाथ]]
'''अशोक स्तम्भ सारनाथ''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[सारनाथ]] नगर में स्थित है।
'''अशोक स्तम्भ सारनाथ''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[सारनाथ]] नगर में स्थित है।
*महान सम्राट [[अशोक]] द्वारा 250 ईसा पूर्व में सारनाथ में बनवाया गया।
*महान सम्राट [[अशोक]] द्वारा 250 ईसा पूर्व में सारनाथ में बनवाया गया।

Revision as of 14:21, 7 July 2013

चित्र:Disamb2.jpg अशोक स्तम्भ एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अशोक स्तम्भ

thumb|अशोक स्तंभ, सारनाथ अशोक स्तम्भ सारनाथ उत्तर प्रदेश राज्य के सारनाथ नगर में स्थित है।

  • महान सम्राट अशोक द्वारा 250 ईसा पूर्व में सारनाथ में बनवाया गया।
  • यह स्तम्भ दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इसे अशोक स्तम्भ के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस स्तम्भ में चार शेर एक दूसरे से पीठ से पीठ सटा कर बैठे हुए है।
  • यह स्तम्भ सारनाथ के संग्रहालय में रखा हुआ है।
  • भारत ने इस स्तम्भ को अपने राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया है तथा स्तम्भ के निचले भाग पर स्थित अशोक चक्र को तिरंगे के मध्य में रखा है ।

इतिहास से

मुख्य मंदिर से पश्चिम की ओर एक अशोककालीन प्रस्तर-स्तंभ है जिसकी ऊँचाई प्रारंभ में 17.55 मी. (55 फुट) थी। वर्तमान समय में इसकी ऊँचाई केवल 2.03 मीटर (7 फुट 9 इंच) है। स्तंभ का ऊपरी सिरा अब सारनाथ संग्रहालय में है। नींव में खुदाई करते समय यह पता चला कि इसकी स्थापना 8 फुट X16 फुट X18 इंच आकार के बड़े पत्थर के चबूतरे पर हुई थी।[1] इस स्तंभ पर तीन लेख उल्लिखित हैं। पहला लेख अशोक कालीन ब्राह्मी लिपि में है जिसमें सम्राट ने आदेश दिया है कि जो भिछु या भिक्षुणी संघ में फूट डालेंगे और संघ की निंदा करेंगे: उन्हें सफ़ेद कपड़े पहनाकर संघ के बाहर निकाल दिया जाएगा। दूसरा लेख कुषाण-काल का है। तीसरा लेख गुप्त काल का है, जिसमें सम्मितिय शाखा के आचार्यों का उल्लेख किया गया है।[2]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आर्कियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (वार्षिक रिपोर्ट), 1904-5, पृ. 69
  2. तत्रैव, पृ. 70

संबंधित लेख