भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष: Difference between revisions
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| [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] | |||
| [[1895]] | |||
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| [[रहीमतुल्ला सयानी]] | |||
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| [[सी. शंकरन नायर]] | |||
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| [[अमरावती]] | |||
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| [[आनन्द मोहन बोस]] | |||
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| [[रमेश चन्द्र दत्त]] | |||
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Revision as of 06:11, 8 June 2017
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत का सबसे प्राचीन राजनीतिक दल है। कांग्रेस दल का युवा संगठन ‘भारतीय युवा कांग्रेस’ है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर, 1885 ई. में दोपहर बारह बजे बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में ‘गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज’ के भवन में की गई थी। इसके संस्थापक ए. ओ. ह्यूम थे और प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी बनाये गए थे। भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस में कुल 72 सदस्य थे, जिनमें महत्त्वपूर्ण थे- दादाभाई नौरोजी, फ़िरोजशाह मेहता, दिनशा इदुलजी वाचा, काशीनाथा तैलंग, वी. राघवाचार्य, एन.जी. चन्द्रावरकर, एस. सुब्रमण्यम आदि। इसी सम्मेलन में दादाभाई नौरोजी के सुझाव पर 'भारतीय राष्ट्रीय संघ' का नाम बदलकर 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' रख दिया गया था।
कांग्रेस के उद्देश्य एवं कार्यक्रम
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्देश्य एवं कार्यक्रम इस प्रकार थे[1]-
- लोकतांत्रिक राष्ट्रवादी आंदोलन चलाना।
- भारतीयों को राजनीतिक लक्ष्यों से परिचित कराना तथा राजनीतिक शिक्षा देना।
- आंदोलन के लिये मुख्यालय की स्थापना।
- देश के विभिन्न भागों के राजनीतिक नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंधों की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
- उपनिवेशवादी विरोधी विचारधारा को प्रोत्साहन एवं समर्थन।
- एक सामान्य आर्थिक एक राजनीतिक कार्यक्रम हेतु देशवासियों को एकमत करना।
- लोगों को जाति, धर्म एवं प्रांतीयता की भावना से उठाकर उनमें एक राष्ट्रव्यापी अनुभव को जागृत करना।
- भारतीय राष्ट्रवादी भावना को प्रोत्साहन एवं उसका प्रसार।
अध्यक्ष
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची निम्न प्रकार है-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का इतिहास एवं उनके अध्यक्ष (हिन्दी) samanyagyan.com। अभिगमन तिथि: 07 जून, 2017।