हरियाणा की कृषि: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('कृषि की दृष्टि से हरियाणा एक समृद्ध राज्य है और य...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
[[कृषि]] की दृष्टि से [[हरियाणा]] एक समृद्ध राज्य है और यह केंद्रीय भंडार (अतिरिक्त खाद्यान्न की राष्ट्रीय संग्रहण प्रणाली) में बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल देता है। हरियाणा में 65 प्रतिशत से भी अधिक लोगों की जीविका का आधार कृषि है। राज्य के घरेलू उत्पादन में 26.4 प्रतिशत योगदान कृषि का है। खाद्यान्न की उत्पादन क्षमता, जो के राज्य निर्माण के समय 25.92 लाख टन थी। आज का सकल कृषि उत्पादन इससे कहीं अधिक है। मुख्य फ़सलों का उत्पादन पहले से बहुत बढ़ गया है। [[चित्र:Map-Haryana.gif|left|हरियाणा का मानचित्र<br /> Map of Haryana|thumb]] [[चावल]], [[गेहूं]], [[ज्वार]], [[बाजरा]], [[मक्का]], [[जौ]], [[गन्ना]], [[कपास दलहन]], [[तिलहन]] और [[आलू]] राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। नकदी फ़सलों में [[गन्ना]], कपास, [[तिलहन]] और [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्जियों]] तथा [[भारत के फल|फलों]] का उत्पादन अधिक हो रहा है। [[सूरजमुखी]] और [[सोयाबीन]], [[मूंगफली]], [[बागवानी]] को भी विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं। मृदु उर्वरता को बढ़ाने के लिए ढेंचा और मूंग के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
[[कृषि]] की दृष्टि से [[हरियाणा]] एक समृद्ध राज्य है और यह केंद्रीय भंडार (अतिरिक्त खाद्यान्न की राष्ट्रीय संग्रहण प्रणाली) में बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल देता है। हरियाणा में 65 प्रतिशत से भी अधिक लोगों की जीविका का आधार कृषि है। राज्य के घरेलू उत्पादन में 26.4 प्रतिशत योगदान कृषि का है। खाद्यान्न की उत्पादन क्षमता, जो के राज्य निर्माण के समय 25.92 लाख टन थी। आज का सकल कृषि उत्पादन इससे कहीं अधिक है। मुख्य फ़सलों का उत्पादन पहले से बहुत बढ़ गया है। [[चावल]], [[गेहूं]], [[ज्वार]], [[बाजरा]], [[मक्का]], [[जौ]], [[गन्ना]], [[कपास दलहन]], [[तिलहन]] और [[आलू]] राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। नकदी फ़सलों में [[गन्ना]], कपास, [[तिलहन]] और [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्जियों]] तथा [[भारत के फल|फलों]] का उत्पादन अधिक हो रहा है। [[सूरजमुखी]] और [[सोयाबीन]], [[मूंगफली]], [[बागवानी]] को भी विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं। मृदु उर्वरता को बढ़ाने के लिए ढेंचा और मूंग के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।


====सिंचाई====
====सिंचाई====
Line 13: Line 13:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{हरियाणा के नगर}}
{{कृषि}}
{{भारत की कृषि}}
[[Category:हरियाणा]]
[[Category:हरियाणा]]
 
[[Category:कृषि]]
[[Category:कृषि कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:14, 6 June 2011

कृषि की दृष्टि से हरियाणा एक समृद्ध राज्य है और यह केंद्रीय भंडार (अतिरिक्त खाद्यान्न की राष्ट्रीय संग्रहण प्रणाली) में बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल देता है। हरियाणा में 65 प्रतिशत से भी अधिक लोगों की जीविका का आधार कृषि है। राज्य के घरेलू उत्पादन में 26.4 प्रतिशत योगदान कृषि का है। खाद्यान्न की उत्पादन क्षमता, जो के राज्य निर्माण के समय 25.92 लाख टन थी। आज का सकल कृषि उत्पादन इससे कहीं अधिक है। मुख्य फ़सलों का उत्पादन पहले से बहुत बढ़ गया है। चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, जौ, गन्ना, कपास दलहन, तिलहन और आलू राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। नकदी फ़सलों में गन्ना, कपास, तिलहन और सब्जियों तथा फलों का उत्पादन अधिक हो रहा है। सूरजमुखी और सोयाबीन, मूंगफली, बागवानी को भी विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं। मृदु उर्वरता को बढ़ाने के लिए ढेंचा और मूंग के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सिंचाई

राज्य में सिंचाई और पेय जल के समान वितरण के लिए सरकार ने 354 करोड़ रुपए की लागत से 109 किलोमीटर लंबी विशाल नहर 'भाखड़ा मुख्य नहर-हांसी शाखा-बुटाना शाखा बहुद्देशीय संपर्क नहर’ का निर्माण किया है। मानसून में यमुना नदी के अतिरिक्त पानी को काम में लेने के लिए 267 करोड़ रुपए की ‘दादूपुर-शाहाबाद-वाल्वी नहर परियोजना’ शुरू की है। इसमें यमुना नगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र में पड़ने वाली 92,532 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई और भूजल रिचार्ज सुविधाओं के लिए 590 क्यूसेक अतिरिक्त जल का प्रयोग किया जाएगा। घग्घर और इसकी सहयोगी नदियों पर चार कम ऊंचाई के बांध - कौशल्या बांध, दंग्राना बांध, दीवानवाला बांध और छामला बांध - योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिन पर क्रमश: - 118 करोड़, 63.69 करोड़, 132.70 करोड़ और 20.41 करोड़ रुपए का ख़र्चा आएगा। इनसे मानसून के पानी का प्रयोग बढ़ेगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख