बिस्मिल्लाह ख़ाँ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{भारत गणराज्य}}" to "")
Line 57: Line 57:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत रत्‍न}}{{भारत रत्‍न2}}{{शास्त्रीय वादक कलाकार}}{{भारत गणराज्य}}
{{भारत रत्‍न}}{{भारत रत्‍न2}}{{शास्त्रीय वादक कलाकार}}
[[Category:भारत_रत्न_सम्मान]]
[[Category:भारत_रत्न_सम्मान]]
[[Category:पद्म विभूषण]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:वादन]][[Category:शास्त्रीय वादक कलाकार]][[Category:संगीत कोश]][[Category:कला_कोश]]
[[Category:पद्म विभूषण]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:वादन]][[Category:शास्त्रीय वादक कलाकार]][[Category:संगीत कोश]][[Category:कला_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 08:57, 10 July 2011

बिस्मिल्लाह ख़ाँ
पूरा नाम उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ
जन्म 21 मार्च 1916
जन्म भूमि डुमरांव, बिहार
मृत्यु 21 अगस्त, 2006
कर्म-क्षेत्र संगीतज्ञ
विषय शहनाई वादक
विद्यालय बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और शांतिनिकेतन
पुरस्कार-उपाधि भारत रत्न, रोस्टम पुरस्कार, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, तानसेन पुरस्कार
प्रसिद्धि शहनाई वादक

उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ
भारत रत्न सम्मानित बिस्मिल्ला ख़ाँ (जन्म- 21 मार्च 1916 - मृत्यु- 21 अगस्त, 2006 ) एक प्रख्यात शहनाई वादक थे। 1969 में एशियाई संगीत सम्मेलन के रोस्टम पुरस्कार तथा अनेक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित बिस्मिल्ला खाँ ने शहनाई को भारत के बाहर एक पहचान प्रदान किया है।

जीवन परिचय

1916 में बिहार के डुमरांव में जन्मे उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ विश्व के सर्वश्रेष्ठ शहनाईवादक माने जाते हैं। बिस्मिल्ला ख़ाँ के परदादा शहनाई नवाज़ उस्ताद सालार हुसैन ख़ाँ से शुरू यह परिवार पिछली पाँच पीढ़ियों से शहनाई वादन का प्रतिपादक रहा है। ख़ाँ को उनके चाचा अली बक्श 'विलायतु' ने संगीत की शिक्षा दी, जो बनारस के पवित्र विश्वनाथ मन्दिर में अधिकृत शहनाई वादक थे। बिस्मिल्ला ख़ाँ ने जटिल संगीत की रचना, जिसे तब तक शहनाई के विस्तार से बाहर माना जाता था, में परिवर्द्धन करके अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और शीघ्र ही उन्हें इस वाद्य से ऐसे जोड़ा जाने लगा, जैसा किसी अन्य वादक के साथ नहीं हुआ। उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ ने भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में लाल क़िले से अत्यधिक मर्मस्पर्शी शहनाई वादक प्रस्तुत किया। उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान, यूरोप, ईरान, इराक, कनाडा, पश्चिम अफ़्रीका, अमेरिका, भूतपूर्व सोवियत संघ, जापान, हांगकांग और विश्व भर की लगभग सभी राजधानियों में प्रदर्शन किया है।

श्रद्धा

मज़हबी शिया होने के बावज़ूद ख़ाँ विद्या की हिन्दू देवी सरस्वती के परम उपासक हैं। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और शांतिनिकेतन ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की है।

सम्मान एवं पुरस्कार


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख