User:रविन्द्र प्रसाद/2: Difference between revisions
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-जनानामप्रिय | -जनानामप्रिय | ||
-विगतशोक | -विगतशोक | ||
+ | +देवानाम्प्रिय | ||
-धर्मनामप्रिय | -धर्मनामप्रिय | ||
||'[[अशोक]]' अथवा 'असोक' प्राचीन [[भारत]] में [[मौर्य राजवंश]] का राजा था। अशोक का 'देवानाम्प्रिय' एवं 'प्रियदर्शी' आदि नामों से भी उल्लेख किया जाता है। 'देवानाम्प्रिय प्रियदर्शी', इस वाक्यांश में बी.ए. स्मिथ के मतानुसार 'देवानाम्प्रिय' आदरसूचक पद है और इसी अर्थ में हमने भी इसको लिया है, किंतु 'देवानाम्प्रिय' शब्द (देव-प्रिय नहीं) [[पाणिनी]] के एक सूत्र के अनुसार अनादर का सूचक है। इन सबके उत्तरकालीन वैयाकरण भट्टोजिदीक्षित इसे अपवाद में नहीं रखते। वे इसका अनादरवाची अर्थ 'मूर्ख' ही करते हैं। उनके मत से 'देवानाम्प्रिय ब्रह्मज्ञान से रहित उस पुरुष को कहते हैं जो यज्ञ और पूजा से भगवान को प्रसन्न करने का यत्न करता है। | |||
{[[समुद्रगुप्त]] के काल का [[इतिहास]] जानने का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन क्या है?(अरिहंत, सा.ज्ञा. पृ.86, प्र.70) | {[[समुद्रगुप्त]] के काल का [[इतिहास]] जानने का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन क्या है?(अरिहंत, सा.ज्ञा. पृ.86, प्र.70) |
Revision as of 12:29, 15 June 2012
इतिहास सामान्य ज्ञान
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