सोंगी मुखौटा नृत्य: Difference between revisions
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*नर्तक काल भैरव और बेताल के भी मुखौटे पहन कर नृत्य करते हैं। यह नृत्य असत्य पर सत्य की विजय का संदेश देता है। | *नर्तक काल भैरव और बेताल के भी मुखौटे पहन कर नृत्य करते हैं। यह नृत्य असत्य पर सत्य की विजय का संदेश देता है। | ||
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Revision as of 12:58, 15 October 2012
सोंगी मुखौटा नृत्य चैत्र मास की पूर्णिमा पर देवी की पूजा के साथ महाराष्ट्र में किया जाता है। इस नृत्य में दो कलाकार नरसिंह रूप धारण कर नृत्य करते हैं। महाराष्ट्र में होली के बाद यह उत्सव मनाया जाता है।
- इस उत्सव में पारम्परिक व्रत एवं पूजा के बाद बलि देने का रिवाज भी शामिल है।
- सोंगी मुखौटा नृत्य हाथ में छोटी डंडियॉं लेकर किया जाता है।
- नर्तक काल भैरव और बेताल के भी मुखौटे पहन कर नृत्य करते हैं। यह नृत्य असत्य पर सत्य की विजय का संदेश देता है।
- ढोल, पावरी तथा संबल वाद्य इस नृत्य में प्रमुख रूप में उपयोग किए जाते हैं।
- पावरी वादक हरे रंग का चोंगा पहनते हैं तथा सिर पर मोर के पंख बांधते हैं।[1]
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