बरारी घाटी का युद्ध: Difference between revisions

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बरारी घाटी का युद्ध [[9 जनवरी]] 1760 को हुआ था। बरारी घाटी का युद्ध [[भारत का इतिहास|भारतीय इतिहास]] में पतन की ओर अग्रसर [[मुग़ल साम्राज्य]] पर नियंत्रण के लिए [[मराठा|मराठों]] पर की गई [[अफ़ग़ान]] विजयों में से एक है, जिसने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] को [[बंगाल]] में पैर जमाने का समय दे दिया।  
*बरारी घाटी का युद्ध [[9 जनवरी]] 1760 को हुआ था
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बरारी घाटी का युद्ध 9 जनवरी 1760 को हुआ था। बरारी घाटी का युद्ध भारतीय इतिहास में पतन की ओर अग्रसर मुग़ल साम्राज्य पर नियंत्रण के लिए मराठों पर की गई अफ़ग़ान विजयों में से एक है, जिसने अंग्रेज़ों को बंगाल में पैर जमाने का समय दे दिया।

  • दिल्ली से 16 किमी उत्तर में यमुना नदी के बरारी घाट (नौका घाट ) पर पंजाब से अहमद शाह दुर्रानी की अफ़ग़ान सेना से पीछे हट रहे मराठा सरदार दत्ताजी शिन्दे पर ऊंचे उगे सरकंडों की आड़ में छिपे अफ़गान सिपाहियों ने नदी पार करके अचानक हमला कर दिया। दत्ताजी मारे गए और उनकी सेना तितर-बितर हो गई। उनकी पराजय से दिल्ली पर अफ़ग़ानों के अधिकार का मार्ग प्रशस्त हो गया।


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