हिन्दी सामान्य ज्ञान 20: Difference between revisions
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-[[ब्रजभाषा]] | -[[ब्रजभाषा]] | ||
+[[मैथिली भाषा]] | +[[मैथिली भाषा]] | ||
-खड़ी बोली | -[[खड़ी बोली]] | ||
||'मैथिली भाषा' [[हिन्दी]] प्रदेश की उपभाषा '[[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]]' की एक बोली है। मैथिली नाम उस क्षेत्र के '[[मिथिला]]' से सम्बद्ध है। मिथिला शब्द | ||'मैथिली भाषा' [[हिन्दी]] प्रदेश की उपभाषा '[[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]]' की एक बोली है। मैथिली नाम उस क्षेत्र के '[[मिथिला]]' से सम्बद्ध है। मिथिला शब्द [[भारतीय साहित्य]] में बहुत पहले से ही विद्यमान है। मैथिली भाषा मुख्य रूप से [[भारत]] में उत्तरी [[बिहार]] और [[नेपाल]] के तराई के ईलाक़ों में बोली जाने वाली [[भाषा]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैथिली भाषा]] | ||
{[[भक्ति]] को [[रस]] रूप में प्रतिष्ठित करने वाले आचार्य कौन हैं? | {[[भक्ति]] को [[रस]] रूप में प्रतिष्ठित करने वाले आचार्य कौन हैं? | ||
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+[[वल्लभाचार्य]] | +[[वल्लभाचार्य]] | ||
-[[रूप गोस्वामी]] | -[[रूप गोस्वामी]] | ||
||श्री [[वल्लभाचार्य]] जी विष्णुस्वामी संप्रदाय की परंपरा में एक स्वतंत्र भक्तिपंथ के प्रतिष्ठाता, शुद्धाद्वैत दार्शनिक सिद्धांत के समर्थक, प्रचारक और भगवत-अनुग्रह प्रधान एवं [[भक्ति]] सेवा समन्वित 'पुष्टिमार्ग' के प्रवर्त्तक थे। वे जिस काल में उत्पन्न हुए थे, वह राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक सभी दृष्टियों से बड़े संकट का समय था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वल्लभाचार्य]] | ||श्री [[वल्लभाचार्य]] जी विष्णुस्वामी संप्रदाय की परंपरा में एक स्वतंत्र भक्तिपंथ के प्रतिष्ठाता, [[शुद्धाद्वैतवाद|शुद्धाद्वैत]] दार्शनिक सिद्धांत के समर्थक, प्रचारक और भगवत-अनुग्रह प्रधान एवं [[भक्ति]] सेवा समन्वित 'पुष्टिमार्ग' के प्रवर्त्तक थे। वे जिस काल में उत्पन्न हुए थे, वह राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक सभी दृष्टियों से बड़े संकट का समय था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वल्लभाचार्य]] | ||
{[[ | {[[हृदय]] की वह कौन-सी स्थायी दशा है, जो सदाचार को प्रेरित करती है? | ||
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-प्रेम दशा | -प्रेम दशा | ||
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+[[पृथ्वीराज चौहान]] के | +[[पृथ्वीराज चौहान]] के | ||
-महाराज [[हम्मीर देव|हम्मीर]] के | -महाराज [[हम्मीर देव|हम्मीर]] के | ||
||[[चित्र:Prithvi-Raj-Chauhan-Statue-Ajmer.jpg|right| | ||[[चित्र:Prithvi-Raj-Chauhan-Statue-Ajmer.jpg|right|100px|पृथ्वीराज चौहान]][[कन्नौज]] के शासक [[जयचंद्र]] की पुत्री [[संयोगिता]] पृथ्वीराज चौहान से प्रेम करती थी, और पृथ्वीराज उसे भगा ले गए थे। इस घटना के कारण जयचंद्र क्रोध से भर गया था। पर अब अनेक इतिहासकार इस कथन को स्वीकार नहीं करते। यह कहानी बहुत बाद में कवि [[चंदबरदाई]] ने लिखी, जो कि पृथ्वीराज चौहान के दरबार के राजकवि थे। यथार्थ में इन दोनों राजाओं के बीच पुरानी दुश्मनी थी और इसी कारण से जयचंद्र ने [[मुहम्मद ग़ोरी]] के विरुद्ध पृथ्वीराज का साथ नहीं दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पृथ्वीराज चौहान]] | ||
{अपभ्रंश को 'पुरानी हिन्दी' किसने कहा है? | {[[अपभ्रंश]] को 'पुरानी हिन्दी' किसने कहा है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-ग्रियर्सन | -[[ग्रियर्सन]] | ||
-[[श्यामसुन्दर दास]] | -[[श्यामसुन्दर दास]] | ||
+[[चन्द्रधर शर्मा गुलेरी]] | +[[चन्द्रधर शर्मा गुलेरी]] | ||
-[[भारतेन्दु हरिशचंद्र]] | -[[भारतेन्दु हरिशचंद्र]] | ||
||निबंधकार के रूप में भी | || [[चित्र:Chandradhar-sharma-guleri.jpg|right|100px|चन्द्रधर शर्मा गुलेरी]] निबंधकार के रूप में भी चन्द्रधर शर्मा गुलेरी जी बड़े प्रसिद्ध रहे हैं। इन्होंने सौ से अधिक निबंध लिखे हैं। सन् 1903 ई. में [[जयपुर]] से 'जैन वैद्य' के माध्यम से समालोचक पत्र प्रकाशित होना शुरू हुआ था, जिसके वे संपादक रहे। इन्होंने पूरे मनोयोग से समालोचक में अपने [[निबंध]] और टिप्पणियाँ देकर जीवंत बनाए रखा। चंद्रधर शर्मा के निबंध विषय अधिकतर - [[इतिहास]], [[दर्शन]], [[धर्म]], मनोविज्ञान और [[पुरातत्त्व]] संबंधी ही हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चन्द्रधर शर्मा गुलेरी]] | ||
{[[कबीर]] किस काव्य धारा के कवि हैं? | {[[कबीर]] किस काव्य धारा के कवि हैं? | ||
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-[[हिमाचल प्रदेश]] | -[[हिमाचल प्रदेश]] | ||
-[[बिहार]] | -[[बिहार]] | ||
||[[चित्र:Tajmahal-1.jpg|ताजमहल, आगरा|100px|right]]उत्तर प्रदेश [[भारत]] | ||[[चित्र:Tajmahal-1.jpg|ताजमहल, आगरा|100px|right]] उत्तर प्रदेश [[भारत]] का जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और [[इलाहाबाद]] न्यायिक राजधानी है। उत्तर प्रदेश के दूसरे महत्त्वपूर्ण नगर- [[आगरा]], [[अलीगढ़]], [[अयोध्या]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]] ([[बनारस]]), [[गोरखपुर]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[मुरादाबाद]], [[सहारनपुर]], [[फ़ैज़ाबाद]], एवं [[कानपुर]] आदि हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]] | ||
{[[साहित्य]] को क्या माना गया है? | {[[साहित्य]] को क्या माना गया है? | ||
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-[[नागार्जुन]] | -[[नागार्जुन]] | ||
-[[सुमित्रानंदन पंत]] | -[[सुमित्रानंदन पंत]] | ||
||[[चित्र:Ramdhari-Singh-Dinkar-2.jpg|रामधारी सिंह दिनकर|100px|right]][[हिन्दी]] के सुविख्यात कवि [[रामधारी सिंह दिनकर]] का जन्म 23 सितंबर, 1908 ई. में सिमरिया, [[मुंगेर]] | ||[[चित्र:Ramdhari-Singh-Dinkar-2.jpg|रामधारी सिंह दिनकर|100px|right]][[हिन्दी]] के सुविख्यात कवि [[रामधारी सिंह दिनकर]] का जन्म 23 सितंबर, 1908 ई. में सिमरिया, [[मुंगेर ज़िला]] ([[बिहार]]) में एक सामान्य किसान 'रवि सिंह' तथा उनकी पत्नी 'मनरूप देवी' के पुत्र के रूप में हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर एक ओजस्वी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कवि के रूप में जाने जाते थे। उनकी कविताओं में [[छायावादी युग]] का प्रभाव होने के कारण [[शृंगार रस]] के भी प्रमाण मिलते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामधारी सिंह दिनकर]] | ||
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Revision as of 14:38, 24 November 2014
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