जगन्नाथ मंदिर पुरी: Difference between revisions
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Revision as of 11:04, 24 November 2016
जगन्नाथ मंदिर पुरी
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वर्णन | उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में जगन्नाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। |
स्थान | पुरी |
देवी-देवता | श्रीकृष्ण, बलभद्र व उनकी बहन सुभद्रा |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 19° 48' 17.00", पूर्व- 85° 49' 6.00" |
संबंधित लेख | गुंडिचा मन्दिर |
मानचित्र लिंक | गूगल मानचित्र |
अन्य जानकारी | पौराणिक कथा के अनुसार, इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा राजा इन्द्रद्युम्न ने मंत्रोच्चारण व विधि - विधान से की थी। |
अद्यतन | 17:08, 5 मार्च 2012 (IST)
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उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी शहर में जगन्नाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। पुरी के महान मन्दिर में तीन मूर्तियाँ हैं -
- भगवान जगन्नाथ,
- बलभद्र व
- उनकी बहन सुभद्रा की।
ये सभी मूर्तियाँ काष्ठ की बनी हुई हैं।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा राजा इन्द्रद्युम्न ने मंत्रोच्चारण व विधि - विधान से की थी। महाराज इन्द्रद्युम्न मालवा की राजधानी अवन्ति से अपना राज–पाट चलाते थे। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास में शुक्ल द्वितीया को होती है। यह एक विस्तृत समारोह है। जिसमें भारत के विभिन्न भागों से आए लोग सहभागी होते हैं। दस दिन तक यह पर्व मनाया जाता है। इस यात्रा को 'गुण्डीय यात्रा' भी कहा जाता है। गुण्डीच का मन्दिर भी है।
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वीथिका
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जगन्नाथ मंदिर, पुरी (1844)
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जगन्नाथ मंदिर, पुरी (1860)
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जगन्नाथ मंदिर, पुरी (1865)
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सिंह दरवाज़ा, जगन्नाथ मंदिर, पुरी (1868)