झूलन गोस्वामी: Difference between revisions
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झूलन गोस्वामी के तेज़ गेंदबाजी शुरू करने की [[कहानी]] कम दिलचस्प नहीं है। बचपन में वे पड़ोस के लड़कों के साथ [[क्रिकेट]] खेला करती थीं। उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था। इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली। उन्होंने तेज़ गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं। उनकी कद काठी तेज़ गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है। वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गोस्वामी गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं। उनकी छवि बेहद सटीक तेज़ गेंदबाज की है। | झूलन गोस्वामी के तेज़ गेंदबाजी शुरू करने की [[कहानी]] कम दिलचस्प नहीं है। बचपन में वे पड़ोस के लड़कों के साथ [[क्रिकेट]] खेला करती थीं। उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था। इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली। उन्होंने तेज़ गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं। उनकी कद काठी तेज़ गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है। वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गोस्वामी गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं। उनकी छवि बेहद सटीक तेज़ गेंदबाज की है। | ||
==कीर्तिमान== | ==कीर्तिमान== | ||
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34 वर्षीय झूलन गोस्वामी ने [[9 मई]], [[2017]] को [[ऑस्ट्रेलिया]] की कैथरीन फिट्जपैट्रिक के 180 विकेटों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने [[दक्षिण अफ़्रीका]] में खेले गये चार देशों के टूर्नामेंट में मेजबान टीम के ख़िलाफ़ तीन विकेट लेकर अपने विकेटों की संख्या को 181 तक पहुंचा दिया। उन्होंने 153वें मैच में यह उपलब्धि हासिल की। जबकि [[2007]] में रिटायर हो चुकीं कैथरीन ने 109 मैचों में 180 विकेट लिये थे। | 34 वर्षीय झूलन गोस्वामी ने [[9 मई]], [[2017]] को [[ऑस्ट्रेलिया]] की कैथरीन फिट्जपैट्रिक के 180 विकेटों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने [[दक्षिण अफ़्रीका]] में खेले गये चार देशों के टूर्नामेंट में मेजबान टीम के ख़िलाफ़ तीन विकेट लेकर अपने विकेटों की संख्या को 181 तक पहुंचा दिया। उन्होंने 153वें मैच में यह उपलब्धि हासिल की। जबकि [[2007]] में रिटायर हो चुकीं कैथरीन ने 109 मैचों में 180 विकेट लिये थे। | ||
==पुरस्कार व सम्मान== | ==पुरस्कार व सम्मान== |
Revision as of 10:41, 10 May 2017
झूलन गोस्वामी
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | झूलन निशित गोस्वामी | ||
अन्य नाम | बाबुल (उपनाम) | ||
जन्म | 25 नवम्बर, 1982 | ||
जन्म भूमि | नादिया, पश्चिम बंगाल | ||
ऊँचाई | 5 फुट 11 इंच | ||
अभिभावक | पिता- निशित गोस्वामी, माता- झरना | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दाहिने हाथ की बल्लेबाज | ||
गेंदबाज़ी शैली | दाहिने हाथ की मध्य तेज़ गेंदबाज | ||
टीम | भारत | ||
भूमिका | हरफनमौला (ऑल राउंडर) | ||
पहला टेस्ट | 14 जनवरी, 2002 (बनाम इंग्लैण्ड) | ||
आख़िरी टेस्ट | 16 नवम्बर, 2015 (बनाम दक्षिण अफ़्रीका) | ||
पहला वनडे | 6 जनवरी, 2002 (बनाम इंग्लैण्ड) | ||
आख़िरी वनडे | 8 जुलाई, 2015 (बनाम न्यूजीलैण्ड) | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | 10 | 148 | 53 |
बनाये गये रन | 283 | 901 | 329 |
बल्लेबाज़ी औसत | 25.72 | 13.65 | 11.86 |
100/50 | 02 | 0/1 | 0/0 |
सर्वोच्च स्कोर | 69 | 57 | 37 |
फेंकी गई गेंदें | 1972 | 7189 | 1037 |
विकेट | 40 | 175 | 45 |
गेंदबाज़ी औसत | |||
पारी में 5 विकेट | 3 | 2 | 1 |
मुक़ाबले में 10 विकेट | 1 | 0 | 0 |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 5/25 | 6/31 | 5/11 |
कैच/स्टम्पिंग | 5/- | 51/- | 18/- |
झूलन निशित गोस्वामी (अंग्रेज़ी: Jhulan Goswami, जन्म- 25 नवम्बर, 1982, नादिया, पश्चिम बंगाल) भारत की प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर हैं। उन्हें 'नादिया एक्सप्रेस' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी शानदार गेंदबाजी से वे कई बार भारत को जीत दिला चुकी हैं। झूलन गोस्वामी अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय क्रिकेट मैच में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली महिला क्रिकेटर हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन फिट्जपैट्रिक का एक दशक से चला आ रहा रिकॉर्ड तोड़ कर यह उपलब्धी अपने नाम की है। वे मिताली राज से पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान भी कर चुकी हैं।
परिचय
झूलन गोस्वामी का जन्म 25 नवम्बर, 1982 को नादिया, पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनके पिता का नाम निशित गोस्वामी तथा माता का नाम झरना है। अपने कद के कारण झूलन गेंदों को अच्छी उछाल देने में सफल होती हैं। उनकी लम्बाई 5 फुट 11 इंच है। सुबह 4.30 बजे उठकर झूलन गोस्वामी नादिया से दक्षिण कोलकाता के विवेकानंद पार्क तक लोकल ट्रेन से जाया करती थीं, जहां कोच उन्हें क्रिकेट का प्रशिक्षण दिया करते थे। एक दिन क्रिकेट खेलकर रात को देर से घर पहुंचने पर उनकी मां ने उन्हें कई घंटे घर के बाहर खड़े रखा था।
तेज़ गेंदबाज
झूलन गोस्वामी के तेज़ गेंदबाजी शुरू करने की कहानी कम दिलचस्प नहीं है। बचपन में वे पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं। उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था। इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली। उन्होंने तेज़ गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं। उनकी कद काठी तेज़ गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है। वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गोस्वामी गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं। उनकी छवि बेहद सटीक तेज़ गेंदबाज की है।
कीर्तिमान
thumb|left|250px|झूलन गोस्वामी (गेंदबाजी मुद्रा में) 34 वर्षीय झूलन गोस्वामी ने 9 मई, 2017 को ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन फिट्जपैट्रिक के 180 विकेटों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में खेले गये चार देशों के टूर्नामेंट में मेजबान टीम के ख़िलाफ़ तीन विकेट लेकर अपने विकेटों की संख्या को 181 तक पहुंचा दिया। उन्होंने 153वें मैच में यह उपलब्धि हासिल की। जबकि 2007 में रिटायर हो चुकीं कैथरीन ने 109 मैचों में 180 विकेट लिये थे।
पुरस्कार व सम्मान
वर्ष 2007 में आईसीसी की महिला क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर से सम्मानित झूलन गोस्वामी एक समय पर दुनिया की सबसे तेज़ महिला गेंदबाज थीं। उन्होंने भारत के लिए 2002 में डेब्यू किया था।
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