टी. वी. रामकृष्णन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:48, 22 January 2022 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''तिरुपत्तूर वेंकटचलम रामकृष्णन''' (अंग्रेज़ी: ''T. V. Ra...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

तिरुपत्तूर वेंकटचलम रामकृष्णन (अंग्रेज़ी: T. V. Ramakrishnan, जन्म- 14 अगस्त, 1941) भारतीय सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी हैं, जिन्हें संघनित पदार्थ भौतिकी में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी कार्यरत रहे। आप त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी थे।

  • टी. वी. रामकृष्णन का जन्म 14 अगस्त, 1941 को मद्रास, तमिलनाडु में हुआ था।
  • उन्होंने 1959 और 1961 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से भौतिकी में बी.एससी और एम.एससी पूरा किया।
  • सन 1961 से 1962 तक टी. वी. रामकृष्णन ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सीएसआईआर रिसर्च फेलो के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने अपनी पीएच.डी. 1966 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से की।
  • उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर में व्याख्याता के रूप में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की।
  • वह 1986 में भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर में स्थानांतरित हो गए, जहाँ वे 2003 तक बने रहे।
  • उन्होंने 2010 से 2013 तक इंफोसिस पुरस्कार के लिए भौतिक विज्ञान जूरी में भी काम किया।
  • टी. वी. रामकृष्णन ने इलेक्ट्रॉन स्थानीयकरण के स्केलिंग सिद्धांत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तरल से ठोस संक्रमण और मिश्रित संयोजकता प्रणालियों के सिद्धांत में भी योगदान दिया।
  • उन्हें 1983 में 'शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार' और 2001 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः