रमेश देव

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रमेश देव (अंग्रेज़ी: Ramesh Deo, जन्म- 30 जनवरी, 1929; मृत्यु- 2 फ़रवरी, 2022) भारतीय फ़िल्म अभिनेता थे। वह मूल रूप से कोल्हापुर, महाराष्ट्र के रहने वाले थे। उन्होंने राजश्री प्रोडक्शंस की फ़िल्म 'आरती' से हिन्दी सिनेमा में अपने अभिनय के कॅरियर की शुरुआत की थी। अपने लंबे फ़िल्मी कॅरियर में रमेश देव ने कई बड़े स्टार्स के साथ काम किया और अपने अभिनय के बल पर मराठी फ़िल्मों से लेकर बॉलीवुड तक में अपना मुकाम बनाया था। अभिनेता रमेश देव ने अपने लंबे फ़िल्मी कॅरियर में 'सोने पर सुहागा', 'आजाद देश के गुलाम', 'कुदरत का कानून', 'इलजाम', 'पत्थर दिल', 'हम नौजवान', 'कर्मयुद्ध', 'मैं आवारा हूं', 'आखिरी दांव', 'प्रेम नगर', 'कोरा कागज' जैसी कई फ़िल्मों में शानदार अभिनय किया था।

परिचय

महाराष्ट्र के छोटे से शहर अमरावती में जन्मे कलाकार रमेश देव ने अपने अभिनय से एक समय पर पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना दिया था। उनकी पत्नी सीमा देव के साथ उनके कई मराठी गाने आज भी उनके चाहने वालों को जुबानी याद हैं। रमेश देव ने अपने कॅरियर में फ़िल्मों साथ-साथ टेलीविजन शोज और विज्ञापनों में भी काम किया। उन्होंने पूरे कॅरियर में 450 से ज्यादा हिंदी और मराठी फीचर फ़िल्मों में अभिनय किया। हालांकि मुख्य अभिनेता के रूप में उनकी तीन हिंदी फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं किया, लेकिन बाद में उन्होंने एक अच्छे सहायक अभिनेता के रूप में लोकप्रियता हासिल की।

साथ ही रमेश देव कई फ़िल्मों में अपनी पत्नी सीमा देव के साथ भी नजर आए थे। उनमें से प्रमुख ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म ‘आनंद’, जिसमें उन्होंने डॉ. प्रकाश कुलकर्णी की भूमिका निभाई थी। उनके बड़े बेटे अजिंक्य एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। उन्होंने ‘आन: मेन एट वर्क’, ‘शो 24’ की रीमेक और ‘तन्हाजी’ जैसी फ़िल्मों में काम किया है।

कॅरियर

रमेश देव कोल्हापुर में पले-बढ़े थे और उन्होंने पहली बार कैमरे का सामना मराठी फ़िल्म ‘पातालाची पोर’ में एक छोटी सी भूमिका निभाकर किया था। उसके बाद उन्होंने खुद को एक जूनियर कलाकार के रूप में स्थापित किया। उन्हें उस समय एक दिन के काम के लिए 25 रुपये का मेहनताना मिला करता था। बाद में उन्हें मराठी फ़िल्म ‘अंधाला मगतो एक डोला’ में विलेन का किरदार मिला। उसी साल वो ‘पायदली पडलेली फूल’ में सेकेंड लीड के रूप में दिखाई दिए। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए उनके एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था ‘फ़िल्म की प्रचार सामग्री में अक्सर टीजर होता: रमेश देव फ़िल्म में नायक हैं या खलनायक ये आप ही पता लगाएं’।

रमेश देव ने राजश्री प्रोडक्शंस की फ़िल्म ‘आरती’ से हिंदी फ़िल्म जगत में शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें ‘जीवन मृत्यु’, ‘खिलौना’, ‘मेरे अपने’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘घराना’ और ‘घायल’ जैसी कई सुपरहिट फ़िल्मों में देखा गया। हाल ही में वो ‘जॉली एलएलबी’ में ‘कौल साहब’ के रूप में नजर आए थे। अभिनेता रमेश देव इसके बाद निर्माता के तौर पर नजर आए। उन्होंने लगभग आठ मराठी फ़िल्मों का निर्देशन भी किया है, जिनमें ‘चोर चोर’, ‘जीवा सखा’, ‘सेनानी साने गुरुजी’ और ‘चल गम्मत करू’ शामिल हैं। अपने लंबे कॅरियर में रमेश देव ने 285 हिंदी फिल्में, 190 मराठी फिल्में और 30 मराठी नाटकों में काम किया। उन्हें अपने काम के लिए कई राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके थे। उन्होंने कई फिल्में, टीवी सीरियल्स और 250 से अधिक ऐड फिल्मों को भी प्रोड्यूस किया।

मृत्यु

अभिनेता रमेश देव का निधन 2 फ़रवरी, 2022 को हुआ। वह 93 साल के थे। हिंदी और मराठी फिल्मों में कई यादगार भूमिका निभाने वाले रमेश देव का हार्ट अटैक की वजह से निधन हुआ। वह कई दिनों से बीमार थे।


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