खानवा
- राजस्थान में भरतपुर के निकट एक ग्राम, जो फतेहपुर सीकरी से 10 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
- यहाँ मेवाड़ के राणा साँगा और बाबर के मध्य शनिवार, मार्च 16, 1527 ई. को भीषण युद्ध हुआ था।
- खानवा का युद्ध, जो कोई दस घंटे चला, अविस्मरणीय युद्धों में से एक है।
- यद्यपि राजपूत वीरता से लड़े, किंतु विजयश्री बाबर को हासिल हुई।
- शायद ही कोई दूसरा ऐसा घमासान युद्ध हुआ हो जिसका निर्णय अंतिम घड़ी तक तुला में लटका रहा।
- पानीपत युद्ध का कार्य खानवा के युद्ध ने पूरा किया।
- बाबर द्धारा राणा साँगा पर विजय प्राप्ति ने बाबर एवं उसके सैनिकों की चिंता समाप्त कर दी और वे अब भारत विजय के सपने को साकार कर सकते थे।
- खानवा की विजय ने मुग़ल साम्राज्यवाद के बीजारोपण के मार्ग से बहुत बड़ी बाधा हटा दी थी।
- राजपूतों की हार का एक कारण पवांर राजपूतों की सेना का ठीक युद्ध के समय महाराणा को छोड़कर बाबर से जा मिलना था।
- इस युद्ध के पश्चात बाबर के क़दम भारत में पूरी तरह से जम गए जिससे भावी महान् मुग़ल साम्राज्य की नींव पड़ी।
- खानवा को कनवा नाम से भी जाना जाता है।
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