वृकप्रस्थ

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वृकप्रस्थ बागपत नगर, उत्तर प्रदेश का प्राचीन नाम है। इसका प्राचीन नाम 'व्याघ्रप्रस्थ' या 'वृषप्रस्थ' भी कहा जाता है। कुछ लोगों का यह मानना है कि बागपत 'व्याघ्रप्रस्थ' का अपभ्रंश है।[1]

  • स्थानीय जनश्रुति के अनुसार बागपत उन पाँच ग्रामों में से एक था, जिनकी माँग महाभारत के युद्ध से पहले समझौता करने के लिए पांडवों ने दुर्योधन से की थी।
  • पांडवों द्वारा माँगे जाने वाले अन्य चार ग्राम निम्नलिखित थे-
  1. सोनीपत
  2. तिलपत
  3. इंद्रपत
  4. पानीपत
  • महाभारत में दिये गए पाँच ग्राम दूसरे ही हैं, जैसे- 'अविस्थल', 'वृकस्थल', 'माकंदी', 'वारणावत' और पाँचवा नाम रहित कोई भी अन्य ग्राम
  • संभव है कि 'वृकस्थल' बागपत का महाभारत कालीन नाम रहा हो। वैसे 'वृकस्थल'[2] बागपत या व्याघ्रप्रस्थ का पार्याय हो सकता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 869 |
  2. वृक-भेड़िया या बाघ

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