कटकई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:46, 24 November 2021 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''कटकई''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

कटकई - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कटक+ई प्रत्यय)[1]

1. कटक, सेना, फौज, लश्कर।

उदाहरण-

मुख सूखहि लोचन श्रवहिं शोक न हृदय समाइ। मनहु करुण रस कटकई उतरी अवध बजाई। - तुलसी साहब की शब्दावली[2]

2. चढ़ाई, सेना का साज।

कटकाई।

उदाहरण-

भई कटकई सरद ससि आवा। - जायसी ग्रंथावली[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 746 |
  2. तुलसी साहब की शब्दावली (हाथरस वाले, बेलवेडियर प्रेस, इलाहाबाद, 1909, 1911
  3. जायसी ग्रंथावली, पृष्ठ 147, सम्पादक माताप्रसाद गुप्त, हिन्दुस्तानी ऐकेडमी, इलाहाबाद, प्रथम संस्करण, 1951

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः