Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान"

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{[[बुद्ध]] में वैराग्य भावना किन चार दृश्यों के कारण बलवती हुई?
 
{[[बुद्ध]] में वैराग्य भावना किन चार दृश्यों के कारण बलवती हुई?
 
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+बूढ़ा, रोगी, मृतक, संन्यासी
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+बूढ़ा, रोगी, मृतक, सन्न्यासी
-अन्धा, रोगी, लाश, संन्यासी
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-अन्धा, रोगी, लाश, सन्न्यासी
-लंगड़ा, रोगी, लाश, संन्यासी
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-लंगड़ा, रोगी, लाश, सन्न्यासी
-युवा, रोगी, लाश, संन्यासी
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-युवा, रोगी, लाश, सन्न्यासी
||[[चित्र:Buddha1.jpg|right|100px|अभिलिखित अभय मुद्रा में बुद्ध]] [[गौतम बुद्ध]] का मूल नाम 'सिद्धार्थ' था। वे [[शुद्धोदन|राजा शुद्धोदन]] और महामाया के पुत्र थे। शुद्धोदन ने सिद्धार्थ को चक्रवर्ती सम्राट बनाना चाहा, उसमें क्षत्रियोचित गुण उत्पन्न करने के लिये समुचित शिक्षा आदि का प्रबंध भी किया, किंतु सिद्धार्थ सदा किसी चिंता में डूबे दिखाई देते थे। अंत में [[पिता]] ने उन्हें [[विवाह]] बंधन में बांध दिया। एक दिन जब सिद्धार्थ रथ पर भ्रमण के लिये निकले तो उन्होंने मार्ग में जो कुछ भी देखा, उसने उनके जीवन की दिशा ही बदल डाली। एक बार एक दुर्बल वृद्ध व्यक्ति को, एक बार एक रोगी को और एक बार एक शव को देख कर वे संसार से और भी अधिक विरक्त तथा उदासीन हो गये। एक अन्य अवसर पर उन्होंने प्रसन्नचित्त संन्यासी को देखा। उसके चेहरे पर शांति और तेज़ की अपूर्व चमक विराजमान थी। इस दृश्य को देखकर सिद्धार्थ अत्यधिक प्रभावित हुए और उनके मन में वैराग्य की भावना बलवती हो उठी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बुद्ध]]
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||[[चित्र:Buddha1.jpg|right|100px|अभिलिखित अभय मुद्रा में बुद्ध]] [[गौतम बुद्ध]] का मूल नाम 'सिद्धार्थ' था। वे [[शुद्धोदन|राजा शुद्धोदन]] और महामाया के पुत्र थे। शुद्धोदन ने सिद्धार्थ को चक्रवर्ती सम्राट बनाना चाहा, उसमें क्षत्रियोचित गुण उत्पन्न करने के लिये समुचित शिक्षा आदि का प्रबंध भी किया, किंतु सिद्धार्थ सदा किसी चिंता में डूबे दिखाई देते थे। अंत में [[पिता]] ने उन्हें [[विवाह]] बंधन में बांध दिया। एक दिन जब सिद्धार्थ रथ पर भ्रमण के लिये निकले तो उन्होंने मार्ग में जो कुछ भी देखा, उसने उनके जीवन की दिशा ही बदल डाली। एक बार एक दुर्बल वृद्ध व्यक्ति को, एक बार एक रोगी को और एक बार एक शव को देख कर वे संसार से और भी अधिक विरक्त तथा उदासीन हो गये। एक अन्य अवसर पर उन्होंने प्रसन्नचित्त सन्न्यासी को देखा। उसके चेहरे पर शांति और तेज़ की अपूर्व चमक विराजमान थी। इस दृश्य को देखकर सिद्धार्थ अत्यधिक प्रभावित हुए और उनके मन में वैराग्य की भावना बलवती हो उठी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बुद्ध]]
  
 
{[[सम्राट अशोक]] की वह कौन-सी पत्नी थी, जिसने उसे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया था?
 
{[[सम्राट अशोक]] की वह कौन-सी पत्नी थी, जिसने उसे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया था?

Revision as of 13:52, 2 May 2015

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

panne par jaean
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1 tipoo sultan ne aangrezoan ke sath yuddh karate hue kab viragati prapt ki?

1857 ee.
1793 ee.
1799 ee.
1769 ee.

2 buddh mean vairagy bhavana kin char drishyoan ke karan balavati huee?

boodha, rogi, mritak, sannyasi
andha, rogi, lash, sannyasi
lang da, rogi, lash, sannyasi
yuva, rogi, lash, sannyasi

3 samrat ashok ki vah kaun-si patni thi, jisane use sabase zyada prabhavit kiya tha?

chandalika
charulata
gautami
karuvaki

4 nimnalikhit mean se sabase prachin rajavansh kaun-sa hai?

maury vansh
gupt vansh
kushan vansh
kanv vansh

5 ashok ke shilalekhoan ko padhane vala pratham aangrez kaun tha?

j aaun tavar
jems priansep
hairi smith
charls maitak aauf

6 'shrinagar' ki sthapana kis shasak ne ki thi?

bindusar
skandagupt
ashok
dasharath

7 nimn mean se kisane apani rajadhani murshidabad se muanger sthanantarit ki?

alivardi khaan
sirajuddaula
mir zafar
mir qasim

8 kis granth mean shoodroan ke lie ary shabd ka prayog hua hai?

arthashastr
mudrarakshas
ashtadhyayi
vrihatkathamanjari

9 purushapur’ nimnalikhit mean se kisaka prachin nam tha?

patana
pataliputr
peshavar
panjab

10 guptakal ke sikkoan ka sabase b da dher kahaan se prapt hua hai?

'bayana' (bharatapur) se
'devagadh' (jhaansi) se
'bhoomara' (madhy pradesh) se
'tigava' (madhy pradesh) se

panne par jaean
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