Difference between revisions of "बिहार पर्यटन"

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*बिहार पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों, धर्म, अध्यात्म और [[संस्कृति]] का केन्द्र रहा है। यहाँ की परम्पराएं, संस्कृति, रीति-रिवाज और जीवन-पद्धतियां, मेले, पर्व, त्योहार हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं।
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[[चित्र:Mahabodhi-Temple-Bihar.jpg|thumb|150px|[[महाबोधि मंदिर]], [[बोधगया]], [[बिहार]]]]
*राज्‍य के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं- [[राजगीर]], [[नालंदा]], [[वैशाली]], [[पावापुरी]] जहाँ भगवान [[महावीर]] ने अंतिम सांस ली और निर्वाण को प्राप्‍त हुए, [[बोधगया]], विक्रमशिला उच्‍च शिक्षा के बौद्ध विश्‍वविद्यालय के अवशेष, [[पटना]] पाटलीपुत्र का प्राचीन नगर और [[सासाराम]] [[शेरशाह सूरी]] का मक़बरा और [[मधुबनी]]।
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[[बिहार]] पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों, [[धर्म]], अध्यात्म और [[संस्कृति]] का केन्द्र रहा है। यहाँ की परम्पराएं, [[संस्कृति]], रीति-रिवाज और जीवन-पद्धतियां, मेले, पर्व, त्योहार हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं।
*अन्‍य महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल हैं : मुंडेश्‍वरी मंदिर, कैमूर, रोहतासगढ़ क़िला, रोहतास, जैन तीर्थ स्‍थल, कुंडलपुर, [[नालंदा]], बिहार योग केंद्र, [[मुंगेर]], [[मनेर]] शरीफ, [[पटना]], ग्रामीण  
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*राज्‍य के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं- [[राजगीर]], [[नालंदा]], [[वैशाली]], [[पावापुरी]] जहाँ भगवान [[महावीर]] ने अंतिम सांस ली और निर्वाण को प्राप्‍त हुए, [[बोधगया]], [[विक्रमशिला]] उच्‍च शिक्षा के बौद्ध विश्‍वविद्यालय के [[अवशेष]], [[पटना]] [[पाटलीपुत्र]] का प्राचीन नगर और [[सासाराम]] [[शेरशाह सूरी का मक़बरा]] और [[मधुबनी]]।
पर्यटन स्‍थल नेपुरा, नालंदा, केसरिया स्‍तूप, पूर्वी चंपारन।<br /><br />
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*अन्‍य महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल हैं : मुंडेश्‍वरी मंदिर, कैमूर, [[रोहतासगढ़]], रोहतास, जैन तीर्थ स्‍थल, कुंडलपुर, [[नालंदा]], बिहार योग केंद्र, [[मुंगेर]], [[मनेर शरीफ]], [[पटना]], ग्रामीण पर्यटन स्‍थल नेपुरा, [[नालंदा]], [[केसरिया, बिहार|केसरिया]], पूर्वी चंपारन।<br /><br />
 
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|[[पटना]]|| यह बिहार प्रदेश की राजधानी है। [[अजातशत्रु]] के पुत्र उदयभद्र ने 444 - 460 ई. पू. में [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना की थी और उसे अपनी राजधानी बनाया था। पटना में ऐतिहासिक स्थल, सिखों के दसवें गुरु का जन्म स्थल प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
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|[[पटना]]|| यह [[बिहार]] प्रदेश की राजधानी है। [[अजातशत्रु]] के पुत्र उदयभद्र ने 444 - 460 ई. पू. में [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना की थी और उसे अपनी राजधानी बनाया था। पटना में ऐतिहासिक स्थल, [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें गुरु का जन्म स्थल प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
 
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|[[राजगीर]]|| राजगीर गर्म झरनों के लिए जाना जाता है। शीतकाल में भ्रमण और स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। यहाँ प्रथम विश्‍व [[बौद्ध]] संगीति का आयोजन हुआ था। यहाँ [[जैन]] व हिन्दुओं के अनेक पवित्र धार्मिक स्थल हैं।
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|[[राजगीर]]|| राजगीर गर्म झरनों के लिए जाना जाता है। शीतकाल में भ्रमण और स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। यहाँ प्रथम विश्‍व [[बौद्ध]] संगीति का आयोजन हुआ था। यहाँ [[जैन]] व [[हिन्दु|हिन्दुओं]] के अनेक पवित्र धार्मिक स्थल हैं।
 
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|[[नालन्दा]] || प्राचीनकाल में नालन्दा विश्‍वविद्यालय था, जहां देश-विदेश के छात्र शिक्षा के लिए आते थे। आजकल इसके अवशेष दिखलाई देते हैं।
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|[[नालन्दा]] || प्राचीनकाल में [[नालन्दा विश्‍वविद्यालय]] था, जहां देश-विदेश के छात्र शिक्षा के लिए आते थे। आजकल इसके [[अवशेष]] दिखलाई देते हैं।
 
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|[[गया]] || गया हिन्दुओं का महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए पिण्डदान किया जाता है। भगवान श्री [[राम|रामचन्द्र]] ने अपने पिता [[दशरथ]] का पिण्डदान यहाँ किया था।
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|[[गया]] || गया हिन्दुओं का महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए [[पिण्डदान]] किया जाता है। भगवान श्री [[राम|रामचन्द्र]] ने अपने पिता [[दशरथ]] का पिण्डदान यहाँ किया था।
 
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|[[बक्सर]]|| बक्सर में गुरु [[विश्वामित्र]] का आश्रम था। यहीं पर राम और [[लक्ष्मण]] का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध [[ताड़का]] राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पा किया गया था। 1764 ई. का 'बक्सर युद्ध' भी इतिहास प्रसिद्ध है।
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|[[बक्सर]]|| बक्सर में गुरु [[विश्वामित्र]] का आश्रम था। यहीं पर राम और [[लक्ष्मण]] का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध [[ताड़का]] राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पा किया गया था। 1764 ई. का '[[बक्सर का युद्ध|बक्सर युद्ध]]' भी इतिहास प्रसिद्ध है।
 
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|[[मनेर]]|| मनेर बिहार प्रदेश की राजधानी पटना से 29 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ शाहदौलत और शेख याहिया मनेरी के मक़बरे हैं।
 
|[[मनेर]]|| मनेर बिहार प्रदेश की राजधानी पटना से 29 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ शाहदौलत और शेख याहिया मनेरी के मक़बरे हैं।
 
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|[[मधुबनी]]|| मधुबनी नगर मधुबनी [[चित्रकला]] के लिए प्रख्यात है। 2003 ई. में लन्दन में आयोजित कला प्रदर्शनी में मधुबनी पेंटिंग्स को बहुत प्रशंसा मिली थी।
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|[[मधुबनी]]|| मधुबनी नगर [[मधुबनी चित्रकला]] के लिए प्रख्यात है। 2003 ई. में लन्दन में आयोजित कला प्रदर्शनी में मधुबनी पेंटिंग्स को बहुत प्रशंसा मिली थी।
 
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|[[मुंगेर]]|| मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहीं पर प्रसिद्ध योग विश्‍वविद्यालय भी है। प्राचीन अंग साम्राज्य का मुंगेर प्रमुख केन्द्र था।
 
|[[मुंगेर]]|| मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहीं पर प्रसिद्ध योग विश्‍वविद्यालय भी है। प्राचीन अंग साम्राज्य का मुंगेर प्रमुख केन्द्र था।
 
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|[[सोनपुर]]|| सोनपुर में कार्तिक माह में एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। सोनपुर में प्रसिद्ध ऐतिहासिक हरिहरनाथ जी का मन्दिर है।
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|[[सोनपुर]]|| सोनपुर में [[कार्तिक]] [[माह]] में [[एशिया]] का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। सोनपुर में प्रसिद्ध ऐतिहासिक हरिहरनाथ जी का मन्दिर है।
 
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|[[वैशाली]]|| छठी सदी ई. पू. में वैशाली नगर गणतन्त्र था। वैशाली विश्‍व के प्राचीनतम गणतन्त्र के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का जन्म स्थल है।
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|[[वैशाली]]|| छठी [[सदी]] ई. पू. में वैशाली नगर गणतन्त्र था। वैशाली विश्‍व के प्राचीनतम गणतन्त्र के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का जन्म स्थल है।
 
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|वाल्मीकि नगर|| यह स्थान [[वाल्मीकि]] ॠषि के जन्म स्थल के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में वाल्मीकि ॠषि का आश्रम यहाँ था। वाल्मीकि नगर में एक प्रसिद्ध अभयारण्य भी है।
 
|वाल्मीकि नगर|| यह स्थान [[वाल्मीकि]] ॠषि के जन्म स्थल के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में वाल्मीकि ॠषि का आश्रम यहाँ था। वाल्मीकि नगर में एक प्रसिद्ध अभयारण्य भी है।
 
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|[[विक्रमशिला]]|| विक्रमशिला [[भागलपुर]] ज़िले में [[गंगा नदी|गंगा]] के तट पर स्थित है। प्राचीन समय में विख्यात विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय था। उसके ऐतिहासिक अवशेष अब भी यहाँ हैं।
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|[[विक्रमशिला]]|| विक्रमशिला [[भागलपुर ज़िला|भागलपुर ज़िले]] में [[गंगा नदी|गंगा]] के [[तट]] पर स्थित है। प्राचीन समय में विख्यात [[विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय]] था। उसके ऐतिहासिक अवशेष अब भी यहाँ हैं।
 
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|[[जीरादेयू]]|| जीरादे्यू भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. [[राजेन्द्र प्रसाद]] का जन्म स्थल है।
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|[[जीरादेयू]]|| जीरादे्यू भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] डॉ. [[राजेन्द्र प्रसाद]] का जन्म स्थल है।
 
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|[[सासाराम]]|| [[सूर वंश]] के संस्थापक अफग़ान शासक [[शेरशाह सूरी]] का मक़बरा सासाराम में है और देश का प्रसिद्ध 'ग्रांड ट्रंक रोड' भी इसी शहर से होकर गुजरता है।
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|[[सासाराम]]|| [[सूर वंश]] के संस्थापक अफग़ान शासक [[शेरशाह सूरी का मक़बरा]] सासाराम में है और देश का प्रसिद्ध '[[ग्रांड ट्रंक रोड]]' भी इसी शहर से होकर गुजरता है।
 
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|[[सीतामढ़ी]]|| सीतामढ़ी हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। सीतामढ़ी के पूनौरा नामक स्थान पर जब राजा [[जनक]] ने खेत में हल जोता था, उस समय धरती से [[सीता]] का जन्म हुआ था। सीता जी के जन्म के कारण इस नगर का नाम सीतामढ़ी पड़ा।
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|[[सीतामढ़ी]]|| सीतामढ़ी [[हिन्दु|हिन्दुओं]] का प्रमुख [[तीर्थ]] स्थल है। सीतामढ़ी के पूनौरा नामक स्थान पर जब राजा [[जनक]] ने खेत में हल जोता था, उस समय [[धरती]] से [[सीता]] का जन्म हुआ था। सीता जी के जन्म के कारण इस नगर का नाम सीतामढ़ी पड़ा।
 
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|[[विसपी]]|| यह स्थान मधुबनी / दरभंगा ज़िले में है। विसपी में मैथिली कवि विद्यापति का जन्म हुआ था।
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|[[विसपी]]|| यह स्थान [[मधुबनी ज़िला|मधुबनी]] / [[दरभंगा ज़िला|दरभंगा ज़िले]] में है। विसपी में मैथिली कवि [[विद्यापति]] का जन्म हुआ था।
 
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|[[पावापुरी]]|| पावापुरी पटना से 104 किलोमीटर और नालन्दा से 25 किमी दूरी पर स्थित है। यहीं जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर जी ने निर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ का जल मन्दिर, मनियार मठ तथा वेनुवन दर्शनीय स्थल हैं।
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|[[पावापुरी]]|| पावापुरी [[पटना]] से 104 किलोमीटर और नालन्दा से 25 किमी दूरी पर स्थित है। यहीं [[जैन धर्म]] के प्रवर्तक [[महावीर]] जी ने निर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ का [[जल मंदिर]], मनियार मठ तथा वेनुवन दर्शनीय स्थल हैं।
 
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|[[बरौनी]]|| बरौनी उत्तरी बिहार का प्रमुख औद्योगिक नगर है। यहाँ तेल शोधन कारखाना, गंगा पर सड़क और रेल पुल है।
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|[[बरौनी]]|| बरौनी उत्तरी बिहार का प्रमुख औद्योगिक नगर है। यहाँ तेल शोधन कारख़ाना, गंगा पर सड़क और रेल पुल है।
 
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|[[भागलपुर]]|| भागलपुर बिहार के ऐतिहासिक नगरों में से एक है। भागलपुर विश्‍वविद्यालय यहाँ का प्रमुख शिक्षा केन्द्र हैं। बरारी की गुफाएं दर्शनीय हैं। विष्णु मन्दिर, शिव मन्दिर प्रसिद्ध है । यहाँ 'टसर रेशम' का उत्पादन होता है।
 
|[[भागलपुर]]|| भागलपुर बिहार के ऐतिहासिक नगरों में से एक है। भागलपुर विश्‍वविद्यालय यहाँ का प्रमुख शिक्षा केन्द्र हैं। बरारी की गुफाएं दर्शनीय हैं। विष्णु मन्दिर, शिव मन्दिर प्रसिद्ध है । यहाँ 'टसर रेशम' का उत्पादन होता है।
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|[[आरा]]|| आरा पटना से 32 मील की दूरी पर है। आरा के दर्शनीय स्थलों में आरण्य देवी, मढ़िया का राम मन्दिर प्रसिद्ध है।
 
|[[आरा]]|| आरा पटना से 32 मील की दूरी पर है। आरा के दर्शनीय स्थलों में आरण्य देवी, मढ़िया का राम मन्दिर प्रसिद्ध है।
 
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|[[कटिहार]]|| कटिहार ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। सिखों के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु|तेगबहादुर]] द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था। सालमारी स्टेशन के पास [[शिव]] जी का गोरखनाथ मन्दिर, रानी इन्द्रावती की राजधानी सौरिया प्रसिद्ध हैं।
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|[[कटिहार]]|| कटिहार ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। [[सिक्ख|सिक्खों]] के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु|तेगबहादुर]] द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था। सालमारी स्टेशन के पास [[शिव]] जी का गोरखनाथ मन्दिर, रानी इन्द्रावती की राजधानी सौरिया प्रसिद्ध हैं।
 
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|[[बिहार शरीफ़]]|| बिहार शरीफ़ पटना से 85 किलोमीटर की दूर दक्षिण-पूर्व में है। यह [[मुस्लिम]] संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है । यहाँ मख़दूम साहब की दरग़ाह तथा मलिक इब्राहिम वयां का मक़बरा है।
 
|[[बिहार शरीफ़]]|| बिहार शरीफ़ पटना से 85 किलोमीटर की दूर दक्षिण-पूर्व में है। यह [[मुस्लिम]] संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है । यहाँ मख़दूम साहब की दरग़ाह तथा मलिक इब्राहिम वयां का मक़बरा है।
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|[[पूर्णिया]]|| पूर्णिया [[महाभारत]] कालीन धर्म-स्थल था। यह उत्तर-पूर्वी बिहार में है। यहाँ से [[नेपाल]] जाने का रास्ता है। बनभाखी के सिकलीगढ़ प्राचीन गरिमापूर्ण स्थल है।
 
|[[पूर्णिया]]|| पूर्णिया [[महाभारत]] कालीन धर्म-स्थल था। यह उत्तर-पूर्वी बिहार में है। यहाँ से [[नेपाल]] जाने का रास्ता है। बनभाखी के सिकलीगढ़ प्राचीन गरिमापूर्ण स्थल है।
 
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|[[बराबर पहाड़ी]] || बराबर पहाड़ी में सात प्राचीन गुफाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफाओं में से तीन में [[अशोक]] के अभिलेख अंकित हैं।
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|[[बराबर पहाड़ी]] || बराबर पहाड़ी में सात प्राचीन गुफाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफाओं में से तीन में [[अशोक]] के [[अभिलेख]] अंकित हैं।
 
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{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
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==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{बिहार के पर्यटन स्थल}}
 
{{बिहार के पर्यटन स्थल}}
{{बिहार के नगर}}{{बिहार के ऐतिहासिक स्थान}}
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{{भारत पर्यटन}}
 
[[Category:बिहार]]
 
[[Category:बिहार]]
[[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]]
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[[Category:बिहार के पर्यटन स्थल]]
[[Category:नया पन्ना]]
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[[Category:पर्यटन कोश]]
 
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Latest revision as of 09:57, 25 May 2013

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[[chitr:Mahabodhi-Temple-Bihar.jpg|thumb|150px|mahabodhi mandir, bodhagaya, bihar]] bihar paryatan sthaloan, aitihasik dharoharoan, dharm, adhyatm aur sanskriti ka kendr raha hai. yahaan ki paramparaean, sanskriti, riti-rivaj aur jivan-paddhatiyaan, mele, parv, tyohar hamesha se paryatakoan ko akarshit karate rahe haian.

pramukh paryatan sh‍thal
nagar vivaran
patana yah bihar pradesh ki rajadhani hai. ajatashatru ke putr udayabhadr ne 444 - 460 ee. poo. mean pataliputr ki sthapana ki thi aur use apani rajadhani banaya tha. patana mean aitihasik sthal, sikkhoan ke dasavean guru ka janm sthal pramukh darshaniy sthal haian.
rajagir rajagir garm jharanoan ke lie jana jata hai. shitakal mean bhraman aur svasthy ke lie uttam hai. yahaan pratham vishh‍v bauddh sangiti ka ayojan hua tha. yahaan jain v hinduoan ke anek pavitr dharmik sthal haian.
nalanda prachinakal mean nalanda vishh‍vavidyalay tha, jahaan desh-videsh ke chhatr shiksha ke lie ate the. ajakal isake avashesh dikhalaee dete haian.
gaya gaya hinduoan ka mahattvapoorn tirth sthal hai. yahaan poorvajoan ki atma ki shanti ke lie pindadan kiya jata hai. bhagavan shri ramachandr ne apane pita dasharath ka pindadan yahaan kiya tha.
baksar baksar mean guru vishvamitr ka ashram tha. yahian par ram aur lakshman ka prarambhik shikshan-prashikshan hua. prasiddh ta daka rakshasi ka vadh ram dvara yahian pa kiya gaya tha. 1764 ee. ka 'baksar yuddh' bhi itihas prasiddh hai.
maner maner bihar pradesh ki rajadhani patana se 29 kilomitar ki doori par hai. yahaan shahadaulat aur shekh yahiya maneri ke maqabare haian.
madhubani madhubani nagar madhubani chitrakala ke lie prakhyat hai. 2003 ee. mean landan mean ayojit kala pradarshani mean madhubani peantiangs ko bahut prashansa mili thi.
muanger muanger mean aitihasik qila hai. yahian par prasiddh yog vishh‍vavidyalay bhi hai. prachin aang samrajy ka muanger pramukh kendr tha.
sonapur sonapur mean kartik mah mean eshiya ka sabase b da pashu mela lagata hai. sonapur mean prasiddh aitihasik hariharanath ji ka mandir hai.
vaishali chhathi sadi ee. poo. mean vaishali nagar ganatantr tha. vaishali vishh‍v ke prachinatam ganatantr ke lie prasiddh hai. prasiddh jain tirthankar mahavir ka janm sthal hai.
valmiki nagar yah sthan valmiki rrishi ke janm sthal ke lie prasiddh hai. prachin kal mean valmiki rrishi ka ashram yahaan tha. valmiki nagar mean ek prasiddh abhayarany bhi hai.
vikramashila vikramashila bhagalapur zile mean ganga ke tat par sthit hai. prachin samay mean vikhyat vikramashila vishh‍vavidyalay tha. usake aitihasik avashesh ab bhi yahaan haian.
jiradeyoo jiradehyoo bharat ke pratham rashtrapati d aau. rajendr prasad ka janm sthal hai.
sasaram soor vansh ke sansthapak aphagan shasak sherashah soori ka maqabara sasaram mean hai aur desh ka prasiddh 'graand trank rod' bhi isi shahar se hokar gujarata hai.
sitamadhi sitamadhi hinduoan ka pramukh tirth sthal hai. sitamadhi ke poonaura namak sthan par jab raja janak ne khet mean hal jota tha, us samay dharati se sita ka janm hua tha. sita ji ke janm ke karan is nagar ka nam sitamadhi p da.
visapi yah sthan madhubani / darabhanga zile mean hai. visapi mean maithili kavi vidyapati ka janm hua tha.
pavapuri pavapuri patana se 104 kilomitar aur nalanda se 25 kimi doori par sthit hai. yahian jain dharm ke pravartak mahavir ji ne nirvan prapt kiya tha. yahaan ka jal mandir, maniyar math tatha venuvan darshaniy sthal haian.
barauni barauni uttari bihar ka pramukh audyogik nagar hai. yahaan tel shodhan karakhana, ganga par s dak aur rel pul hai.
bhagalapur bhagalapur bihar ke aitihasik nagaroan mean se ek hai. bhagalapur vishh‍vavidyalay yahaan ka pramukh shiksha kendr haian. barari ki guphaean darshaniy haian. vishnu mandir, shiv mandir prasiddh hai . yahaan 'tasar resham' ka utpadan hota hai.
ara ara patana se 32 mil ki doori par hai. ara ke darshaniy sthaloan mean arany devi, madhiya ka ram mandir prasiddh hai.
katihar katihar zile mean barari guru bazar ka gurudvara prasiddh hai. sikkhoan ke navean guru tegabahadur dvara langar ka ayojan kiya gaya tha. salamari steshan ke pas shiv ji ka gorakhanath mandir, rani indravati ki rajadhani sauriya prasiddh haian.
bihar sharif bihar sharif patana se 85 kilomitar ki door dakshin-poorv mean hai. yah muslim sanskriti ka pramukh kendr hai . yahaan makhadoom sahab ki daragah tatha malik ibrahim vayaan ka maqabara hai.
poorniya poorniya mahabharat kalin dharm-sthal tha. yah uttar-poorvi bihar mean hai. yahaan se nepal jane ka rasta hai. banabhakhi ke sikaligadh prachin garimapoorn sthal hai.
barabar paha di barabar paha di mean sat prachin guphaean vistrit prakoshthoan ke roop mean nirmit haian. in sat guphaoan mean se tin mean ashok ke abhilekh aankit haian.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

sanbandhit lekh