आग्नेय
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
आग्नेय नामक स्थान का वर्णन वाल्मीकि रामायण[1] में आया है। माना जाता है कि यह स्थान सम्भवत: शिलावहा नदी के पूर्वी तट पर स्थित था। वाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन निम्न प्रकार से है-
'एलधाने नदीं तीर्त्वा प्राप्य चापरपर्वतान्, शिलामाकुर्वन्तीं तीर्त्वा आग्नेय शल्यकर्षणम्'।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वाल्मीकि रामायण, 2,71,3
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=आग्नेय&oldid=239991"