धर्मवर्धन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

धर्मवर्धन एक पौराणिक स्थान था, जिसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है। इस स्थान पर श्रीराम के भाई भरत के पहुँचने का उल्लेख है।[1]

  • वाल्मीकि रामायण के अनुसार भरत केकय से अयोध्या आते समय प्रागवट के स्थान पर गंगा और फिर कुटि-कोष्टिका पार करने के पश्चात् धर्मवर्धन नामक स्थान पर पहुँचे थे-

'स गंगां प्राग्वटे तीर्त्वा समयात्कुटिकोष्टिकाम्, सबलस्तां तीर्त्वाय समगाद्धर्मवर्धनम्'[2]

  • धर्मवर्धन नगर की स्थिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा के पूर्व के इलाके में कहीं रही होगी, ऐसा अनुमान किया जाता है।
  • इस नगर का अभिज्ञान अनिश्चित है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 587 |
  2. अयोध्याकाण्ड 71, 10.

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः