अंधक संघ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

अंधक संघ महाभारतकालीन एक गणराज्य जिसकी स्थिति यमुना तट पर थी।

'मतंगवाप्यां य: स्नानादेकरात्रेण सिद्धयति, विगाहति ह्यनालंबमंधकं वै सनातनम्'।

'यादवा: कुकुरा भोजा: सर्वे चांधकवृष्णय:, त्वय्यासक्ता: महाबाहो लोका लोकेश्वराश्च ये।'

  • कृष्ण को इस प्रसंग में संघमुख्य भी कहा गया है-

'भेदाद् विनाश: संघानां संघ मुख्योसिकेशव[2] जिससे सूचित होता है कि अंधक तथा वृष्णि गणराज्य थे।

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत शांति पर्व 81, 29
  2. (महाभारत शांति पर्व 81,25)

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः