कृष्ण गुप्त: Difference between revisions

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असफढ़ अभिलेख के अनुसार उत्तर [[गुप्तवंश|गुप्त वंश]] का प्रथम शासक कृष्ण गुप्त था। अभिलेख के अतैथिक होने के कारण कृष्ण गुप्त का शासनकाल सुनिश्चित रूप से निर्धारित नहीं किया जा सकता तथापि इस दिशा में हमें [[ईशानवर्मा]] के हड़हा अभिलेख से सहायता मिलती है, जिसकी तिथि 554 ईस्वी है। ईशानवर्मा उत्तर गुप्त वंशी नरेश कुमार गुप्त का शासनकाल स्थूलतः 540 ईस्वी और 560 ईस्वी के बीच निर्धारित किया जा सकता है। चूंकि कुमार गुप्त के पूर्व जीवित गुप्त प्रथम, [[हर्ष गुप्त]] और कृष्ण गुप्त इन तीन शासकों ने राज्य किया और यदि प्रत्येक शासक के लिए औसत बीस वर्ष का शासनकाल निर्धारित किया जाय तो कृष्ण गुप्त का शासन काल लगभग 480 ईस्वी से 500 ईस्वी के बीच रखा जा सकता है।
'''कृष्ण गुप्त''' 'असफढ़ अभिलेख' के अनुसार [[उत्तर गुप्त राजवंश|उत्तर गुप्त वंश]] का प्रथम शासक था। [[अभिलेख]] के अनुसार कृष्ण गुप्त का मूल स्थान [[मगध]] था, जबकि विद्वानों ने उसका मूल स्थान [[मालवा]] कहा गया है।
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Latest revision as of 13:02, 9 April 2014

कृष्ण गुप्त 'असफढ़ अभिलेख' के अनुसार उत्तर गुप्त वंश का प्रथम शासक था। अभिलेख के अनुसार कृष्ण गुप्त का मूल स्थान मगध था, जबकि विद्वानों ने उसका मूल स्थान मालवा कहा गया है।

  • 'असफढ़ अभिलेख' के अतैथिक होने के कारण कृष्ण गुप्त का शासन काल सुनिश्चित रूप से निर्धारित नहीं किया जा सकता, तथापि इस दिशा में ईशानवर्मा के 'हड़हा अभिलेख' से सहायता मिलती है, जिसकी तिथि 554 ईस्वी है।
  • दूसरी ओर कुछ इतिहासकारों ने कृष्ण गुप्त को छठी से सातवीं शती ई. में मगध पर शासन करने वाले उत्तरवर्ती गुप्त वंश का संस्थापक कहा है।
  • उत्तर गुप्त वंशी नरेश कुमार गुप्त का शासन काल स्थूलतः 540 ईस्वी और 560 ईस्वी के बीच निर्धारित किया जा सकता है। चूंकि कुमारगुप्त तृतीय के पूर्व जीवित गुप्त प्रथम, हर्ष गुप्त और कृष्ण गुप्त इन तीन शासकों ने राज्य किया और यदि प्रत्येक शासक के लिए औसत बीस वर्ष का शासन काल निर्धारित किया जाय तो कृष्ण गुप्त का शासन काल लगभग 480 ईस्वी से 500 ईस्वी के बीच रखा जा सकता है।
  • कुछ इतिहासकारों की यह धारणा भी है कृष्ण गुप्त चंद्रगुप्त द्वितीय के ज्येष्ठ पुत्र थे, जिनका उल्लेख वैशाली से प्राप्त मुहर पर 'गोविंद गुप्त' के नाम से हुआ था। किंतु इस कल्पना के लिये कोई सबल आधार नहीं है।


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