Difference between revisions of "क्यूँ करे -आदित्य चौधरी"
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m ("क्यूँ करे -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि))) |
गोविन्द राम (talk | contribs) |
||
(4 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 7: | Line 7: | ||
{| width="100%" style="background:transparent" | {| width="100%" style="background:transparent" | ||
|-valign="top" | |-valign="top" | ||
− | | style="width: | + | | style="width:30%"| |
− | | style="width: | + | | style="width:50%"| |
<poem> | <poem> | ||
लायक़ नहीं हैं हम तेरे, तू प्यार क्यूँ करे | लायक़ नहीं हैं हम तेरे, तू प्यार क्यूँ करे | ||
− | कोई गुल भला, ख़िज़ाओं से दीदार क्यूँ करे | + | कोई गुल भला, ख़िज़ाओं से दीदार क्यूँ करे<ref>ख़िज़ा=उजाड़, पतझड़</ref> |
किस्मत ही दिल फ़रेब थी, तू बेवफ़ा नहीं | किस्मत ही दिल फ़रेब थी, तू बेवफ़ा नहीं | ||
− | बंदा ख़ुदा से क्या कहे इसरार क्यूँ करे | + | बंदा ख़ुदा से क्या कहे इसरार क्यूँ करे<ref>इसरार=ख़ुशामद</ref> |
− | जब चारागर ही मर्ज़ है तो किससे क्या कहें | + | जब चारागर ही मर्ज़ है तो किससे क्या कहें<ref>चारागर=डॉक्टर</ref> |
− | शब-ए-हिज़्र, अब रह-रह मुझे बीमार क्यूँ करे | + | शब-ए-हिज़्र, अब रह-रह मुझे बीमार क्यूँ करे<ref>शब-ए-हिज़्र=विरह की रात</ref> |
ख़ामोश आइने को अब इल्ज़ाम कितने दें | ख़ामोश आइने को अब इल्ज़ाम कितने दें | ||
तू ज़िन्दगी की सुबह यूँ बेज़ार क्यूँ करे | तू ज़िन्दगी की सुबह यूँ बेज़ार क्यूँ करे | ||
− | परछाइयाँ भी खो गईं ज़ुलमत के साए में | + | परछाइयाँ भी खो गईं ज़ुलमत के साए में<ref>ज़ुलमत=अंधेरा</ref> |
तू आ के, मेरा ज़िक्र ही बेकार क्यूँ करे | तू आ के, मेरा ज़िक्र ही बेकार क्यूँ करे | ||
</poem> | </poem> | ||
− | | style="width: | + | | style="width:20%"| |
|} | |} | ||
|} | |} | ||
− | < | + | |
+ | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
+ | <references/> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
{{भारतकोश सम्पादकीय}} | {{भारतकोश सम्पादकीय}} |
Latest revision as of 08:34, 19 February 2015
kyooan kare -adity chaudhari
|
tika tippani aur sandarbh