मध्य प्रदेश पर्यटन: Difference between revisions
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ये सब राज्य के प्रमुख आकर्षण हैं। [[ग्वालियर]], [[मांडू मध्यप्रदेश|मांडू]], दतिया, चंदेरी, [[जबलपुर]], [[ओरछा]], [[रायसेन]], [[सांची]], [[विदिशा]], [[उदयगिरि मध्य प्रदेश|उदयगिरि]], [[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]], [[इंदौर]] और [[भोपाल]] ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं। माहेश्वर, [[ओंकारेश्वर]], [[उज्जैन]], [[चित्रकूट]] और [[अमरकंटक]] ऐसे स्थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। [[खजुराहो]] के मंदिर विश्व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, [[भोजपुर मध्य प्रदेश|भोजपुर]] और [[उदयपुर मध्य प्रदेश|उदयपुर]] के मंदिर इतिहास में | ये सब राज्य के प्रमुख आकर्षण हैं। [[ग्वालियर]], [[मांडू मध्यप्रदेश|मांडू]], [[दतिया]], [[चंदेरी]], [[जबलपुर]], [[ओरछा]], [[रायसेन]], [[सांची]], [[विदिशा]], [[उदयगिरि मध्य प्रदेश|उदयगिरि]], [[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]], [[इंदौर]] और [[भोपाल]] ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं। माहेश्वर, [[ओंकारेश्वर]], [[उज्जैन]], [[चित्रकूट]] और [[अमरकंटक]] ऐसे स्थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। [[खजुराहो]] के मंदिर विश्व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, [[भोजपुर मध्य प्रदेश|भोजपुर]] और [[उदयपुर मध्य प्रदेश|उदयपुर]] के मंदिर इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। सतना, सांची, [[विदिशा]], ग्वालियर, इंदौर, मंदसौर, उज्जैन, [[राजगढ़]], [[भोपाल]], [[जबलपुर]], [[रीवा]] और अन्य अनेक स्थानों के संग्रहालयों में पुरातत्वीय महत्व के भंडारों को संरक्षित रखा गया है। माहेश्वर, [[ओंकारश्वर ज्योतिर्लिंग|ओंकारेश्वर]] तथा [[अमरकंटक]] को उनके धार्मिक महत्व के अनुसार समग्र विकास के लिए पवित्र शहर घोषित किया गया है। [[बुरहानपुर]] को नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। | ||
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यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में स्थित है। धमनार ग्राम के निकट 14 शैलकृत गुहा-मन्दिर हैं। इनमें से दो गुफ़ाएँ, जिन्हें भीम बाज़ार और बड़ी कचहरी कहते हैं, यह मुख्य हैं। | यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में स्थित है। धमनार ग्राम के निकट 14 शैलकृत गुहा-मन्दिर हैं। इनमें से दो गुफ़ाएँ, जिन्हें भीम बाज़ार और बड़ी कचहरी कहते हैं, यह मुख्य हैं। | ||
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[[चित्र:Buddha-Stupas.jpg|thumb|250px|बुद्ध स्तूप, साँची
Buddha Stupa, Sanchi]]
- पंचमढ़ी का अद्भुत सौंदर्य, मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है।
- भेड़ाघाट की चमचमाती संगमरमरी चट्टाने और धुआंधार जलप्रपातों का शोर
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, जहां अनूठे बारसिंगे रहते हैं
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान जहां प्रागैतिहासिक गुफाएं और वन्य जीवन है।
ये सब राज्य के प्रमुख आकर्षण हैं। ग्वालियर, मांडू, दतिया, चंदेरी, जबलपुर, ओरछा, रायसेन, सांची, विदिशा, उदयगिरि, भीमबेटका, इंदौर और भोपाल ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं। माहेश्वर, ओंकारेश्वर, उज्जैन, चित्रकूट और अमरकंटक ऐसे स्थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। खजुराहो के मंदिर विश्व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, भोजपुर और उदयपुर के मंदिर इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। सतना, सांची, विदिशा, ग्वालियर, इंदौर, मंदसौर, उज्जैन, राजगढ़, भोपाल, जबलपुर, रीवा और अन्य अनेक स्थानों के संग्रहालयों में पुरातत्वीय महत्व के भंडारों को संरक्षित रखा गया है। माहेश्वर, ओंकारेश्वर तथा अमरकंटक को उनके धार्मिक महत्व के अनुसार समग्र विकास के लिए पवित्र शहर घोषित किया गया है। बुरहानपुर को नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नरवर
यह ऐतिहासिक नगर मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप है। महाभारत में वर्णित यह नगर राजा नल की राजधानी बताया गया है। 12वीं शताब्दी तक इस नगर को नलपुर कहा जाता था। यहाँ स्थित क़िला जो विंध्य पर्वतश्रेणी की एक खड़ी चट्टान पर स्थित है, मध्यकालीन भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है
पद्मावती
- मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप वर्तमान पद्मपवैया नामक स्थान ही प्राचीन काल का पद्मावती नगर था।
- कुछ विद्वानों के अनुसार यह नगर विदर्भ में सिन्धु एवं पारा (पार्वती) नामक दो नदियों के संगम पर स्थित था।
जोगीमारा गुफ़ाएं
- मध्य प्रदेश की पूर्व रियासत सरगुजा में लक्ष्मणपुर से 12 मील की दूरी पर रामगढ़ की पहाड़ी में जोगीमारा नामक शैलकृत गुफ़ाएँ हैं।
- जिनमें 300 ई,पू. के कुछ रंगीन भित्तिचित्र यहाँ विद्यमान हैं।
पनगोरारिया
- पनगोरारिया मध्य प्रदेश के सेहोर ज़िले की पहाड़ियों में स्थित है।
- पनगोरारिया स्थान से खोज के दौरान प्राकृतिक गुफ़ाएँ मिली हैं, जिनको काटकर आवास के योग्य बानाया गया था।
नीमच
- यह नगर मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर ज़िले के पास 500 मीटर की ऊँचाई पर बंजर बैसाल्ट पर्वत चौटी पर स्थित है।
- ग्वालियर रियासत की पूर्व ब्रिटिश छावनी रहा यह नगर 1822 में संयुक्त राजपूताना-मालवा राजनीतिक एजेंसी का और 1895 में मालवा एजेंसी का मुख्यालय बना।
धमनार
यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में स्थित है। धमनार ग्राम के निकट 14 शैलकृत गुहा-मन्दिर हैं। इनमें से दो गुफ़ाएँ, जिन्हें भीम बाज़ार और बड़ी कचहरी कहते हैं, यह मुख्य हैं।
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