चीर घाट वृन्दावन: Difference between revisions
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'''चीर घाट''' प्रसिद्ध धार्मिक नगरी [[मथुरा]] के [[वृन्दावन|वृन्दावन धाम]] में [[यमुना]] किनारे अवस्थित है। इसी स्थान पर [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने यमुना में स्नान करती हुईं [[गोपी|गोपियों]] के वस्त्र चुरा लिए थे। | |||
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Latest revision as of 06:58, 24 July 2016
चीर घाट वृन्दावन
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विवरण | 'चीर घाट' प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में स्नान करती हुईं गोपियों के वस्त्र चुरा लिए थे। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मथुरा |
प्रसिद्धि | हिन्दू धार्मिक स्थल |
कब जाएँ | कभी भी |
यातायात | बस, कार ऑटो आदि |
संबंधित लेख | केशी घाट वृन्दावन, विश्राम घाट मथुरा, ब्रह्माण्ड घाट महावन, काम्यवन, कोकिलावन, कृष्ण, कदम्ब
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अन्य जानकारी | कात्यायनी व्रत के अन्त में कृष्ण ने स्वयं वहाँ पधारकर वस्त्र हरण के बहाने उनको मनोभिलाषित वर प्रदान किया- अगली शरद पूर्णिमा की रात में तुम्हारी मनोभिलाषा पूर्ण होगी। |
अद्यतन | 12:28, 24 जुलाई 2016 (IST)
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चीर घाट प्रसिद्ध धार्मिक नगरी मथुरा के वृन्दावन धाम में यमुना किनारे अवस्थित है। इसी स्थान पर श्रीकृष्ण ने यमुना में स्नान करती हुईं गोपियों के वस्त्र चुरा लिए थे।
- वृन्दावन में यमुना के तट पर एक प्राचीन कदम्ब वृक्ष है। यहीं पर श्रीकृष्ण ने कात्यायनी व्रत पालन हेतु यमुना में स्नान करती हुईं गोप-रमणियों के वस्त्र हरण किये थे। ये ब्रज कुमारियाँ प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त्त में श्री यमुना जी में स्नान करतीं और तट पर बालू से कात्यायनी (योगमाया) की मूर्ति बनाकर आराधना करती हुई यह मन्त्र उच्चारण करती थीं-
कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी ।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नम: [1]
व्रत के अन्त में कृष्ण ने स्वयं वहाँ पधारकर वस्त्र हरण के बहाने उनको मनोभिलाषित वर प्रदान किया- अगली शरद पूर्णिमा की रात में तुम्हारी मनोभिलाषा पूर्ण होगी। शेरगढ़ के पास एक और चीरघाट तथा कदम्ब वृक्ष प्रसिद्ध है। कल्पभेद के अनुसार दोनों स्थान चीरघाट हो सकते हैं। इसमें कोई सन्देह की बात नहीं।
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वीथिका
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चीर घाट, वृन्दावन
Cheer ghat, Vrindavan -
यमुना मंदिर, चीर घाट, वृन्दावन
Yamuna Temple, Cheer Ghat, Vrindavan
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ श्रीमद्भागवत 10/22/4