मेरा है वास्ता -आदित्य चौधरी: Difference between revisions

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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>जाना पहचाना रास्ता <small>-आदित्य चौधरी</small></font></div>
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मेरा है वास्ता <small>-आदित्य चौधरी</small></font></div>
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मांगते भीख इंसान इंसान से
<center>
सर्द रातों से लड़ती हुई जान से
<poem style="width:360px; background:#fff; text-align:left; border:1px solid #000; border-radius:5px; padding:10px; font-size:16px; color:#000;">
और गाँवों के बनते वीरान से
 
तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता
Line 21: Line 20:
उसके कमज़ोर कांधों के सामान से
उसके कमज़ोर कांधों के सामान से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता
 
मांगते भीख इंसान इंसान से
सर्द रातों से लड़ती हुई जान से
और गाँवों के बनते वीरान से
 
है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता


आँख से जो न टपकी हो उस बूँद से
आँख से जो न टपकी हो उस बूँद से
Line 28: Line 32:
बिन लिखे उन ख़तों के मज़मून से
बिन लिखे उन ख़तों के मज़मून से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता


करवटों से परेशान फ़ुटपाथ से
करवटों से परेशान फ़ुटपाथ से
Line 35: Line 38:
और हँसिए को थामे हुए हाथ से
और हँसिए को थामे हुए हाथ से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
मेरा है वास्ता, है मेरा वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता


उसके अल्लाह से और भगवान से
उसके अल्लाह से और भगवान से
Line 42: Line 44:
और दंगों में जाती हुई जान से
और दंगों में जाती हुई जान से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता


उसके चूल्हे की बुझती हुई आग से
उसके चूल्हे की बुझती हुई आग से
Line 49: Line 50:
टूटी चूड़ी के फूटे हुए भाग से
टूटी चूड़ी के फूटे हुए भाग से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता


कम्मो दादी की धोती के पैबंद से
कम्मो दादी की धोती के पैबंद से
Line 56: Line 56:
उसके जूआ छुड़ाने की सौगंध से
उसके जूआ छुड़ाने की सौगंध से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता


उसकी छत से टपकती हुई बूँद से
उसकी छत से टपकती हुई बूँद से
Line 63: Line 62:
ज़ुल्म ढाते हुए स्याह क़ानून से
ज़ुल्म ढाते हुए स्याह क़ानून से


तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
तेरा हो या ना हो, तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता
कितना अपना सा लगता है ये रास्ता


है मेरा वास्ता है मेरा वास्ता
मेरा है वास्ता, मेरा है वास्ता
है मेरा वास्ता है मेरा वास्ता
मेरा है वास्ता, मेरा है वास्ता
</poem>
</poem>
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Latest revision as of 10:43, 9 July 2017

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मेरा है वास्ता -आदित्य चौधरी

तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता

उसके खेतों से और उसके खलिहान से
छोटे जुम्मन की फूफी की दूकान से
उसके कमज़ोर कांधों के सामान से

है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता

मांगते भीख इंसान इंसान से
सर्द रातों से लड़ती हुई जान से
और गाँवों के बनते वीरान से

है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता

आँख से जो न टपकी हो उस बूँद से
कसमसाते हुए दिल की हर गूँज से
बिन लिखे उन ख़तों के मज़मून से

है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता

करवटों से परेशान फ़ुटपाथ से
उस मुहल्ले के बिछड़े हुए साथ से
और हँसिए को थामे हुए हाथ से

मेरा है वास्ता, है मेरा वास्ता

उसके अल्लाह से और भगवान से
उसके भजनों से भी, उसकी आज़ान से
और दंगों में जाती हुई जान से

है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता

उसके चूल्हे की बुझती हुई आग से
उस हवेली की जूठन, बचे साग से
टूटी चूड़ी के फूटे हुए भाग से

है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता

कम्मो दादी की धोती के पैबंद से
और पसीने की आती हुई गंध से
उसके जूआ छुड़ाने की सौगंध से

है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता

उसकी छत से टपकती हुई बूँद से
सरहदों पर बहाए हुए ख़ून से
ज़ुल्म ढाते हुए स्याह क़ानून से

तेरा हो या ना हो, तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता
कितना अपना सा लगता है ये रास्ता

मेरा है वास्ता, मेरा है वास्ता
मेरा है वास्ता, मेरा है वास्ता



टीका टिप्पणी और संदर्भ