बीबीगढ़: Difference between revisions

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*यहाँ 1857 ई. के सिपाही विद्रोह के दौरान 211 [[अंग्रेज़]] स्त्री-पुरुषों और बच्चों को, जिन्होंने [[26 जून]] को आत्मसमर्पण किया था, [[15 जुलाई]] को [[नाना साहब]] और [[तात्या टोपे]] के आदेशानुसार मार डाला गया और उनके शवों को क़रीब के [[कुआँ|कुएँ]] में फेंक दिया गया।  
*इससे पूर्व [[बनारस]] तथा [[इलाहाबाद]] में अंग्रेज़ों ने गाँव के गाँव फूँक दिये थे।  
*इससे पूर्व [[बनारस]] तथा [[इलाहाबाद]] में अंग्रेज़ों ने गाँव के गाँव फूँक दिये थे।  
*यह उसी के बदले की कार्यवाही थी।  
*यह उसी के बदले की कार्रवाई थी।  
*इसके फलस्वरूप ब्रिटिश सेनाओं ने भी भारतीयों पर नृशंस अत्याचार किये।
*इसके फलस्वरूप ब्रिटिश सेनाओं ने भी भारतीयों पर नृशंस अत्याचार किये।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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<references/>
*पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अकादमी जयपुर
*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

Latest revision as of 09:07, 10 February 2021

thumb|कुआँ, बीबीगढ़ बीबीगढ़ उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर नगर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।

  • यहाँ 1857 ई. के सिपाही विद्रोह के दौरान 211 अंग्रेज़ स्त्री-पुरुषों और बच्चों को, जिन्होंने 26 जून को आत्मसमर्पण किया था, 15 जुलाई को नाना साहब और तात्या टोपे के आदेशानुसार मार डाला गया और उनके शवों को क़रीब के कुएँ में फेंक दिया गया।
  • इससे पूर्व बनारस तथा इलाहाबाद में अंग्रेज़ों ने गाँव के गाँव फूँक दिये थे।
  • यह उसी के बदले की कार्रवाई थी।
  • इसके फलस्वरूप ब्रिटिश सेनाओं ने भी भारतीयों पर नृशंस अत्याचार किये।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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