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1. [[ककड़ी]] की जाति की एक बेल जो खेतों में फैलती है। पेहैंटा। पेहँटुल। गुरम्हीं। सेंधिया।
*[[ककड़ी]] की जाति की एक बेल जो खेतों में फैलती है। पेहैंटा। पेहँटुल। गुरम्हीं। सेंधिया।


विशेष- इसमें चार पाँच अंगुल के छोटे छोटे अंडाकार [[फल]] लगते हैं जो पकने पर पीले और खटमीठे होते हैं। कच्चे फलों को लोग काटकर सुखाते हैं और भूनकर सोंधाई  या तरकारी बनाते हैं। [[जयपुर]] की कचरी खट्टी बहुत होती है और कड़ई कम। पश्चिम में सोंठ और पानी में मिलाकर इसकी चटनी बनाते हैं। यह गोश्त गलाने के लिये उसमें डाली जाती है।  
'''विशेष''' - इसमें चार पाँच अंगुल के छोटे छोटे अंडाकार [[फल]] लगते हैं जो पकने पर पीले और खटमीठे होते हैं। कच्चे फलों को लोग काटकर सुखाते हैं और भूनकर सोंधाई  या तरकारी बनाते हैं। [[जयपुर]] की कचरी खट्टी बहुत होती है और कड़ई कम। पश्चिम में सोंठ और पानी में मिलाकर इसकी चटनी बनाते हैं। यह गोश्त गलाने के लिये उसमें डाली जाती है।  


2. कचरी या कच्चे पेन्हटे के सुखाए हुए टुकड़े।  
*कचरी या कच्चे पेन्हटे के सुखाए हुए टुकड़े।  
*सूखी कचरी की तरकारी।


3. सूखी कचरी की तरकारी।
'''उदाहरण''' - पापर बरी फुलौरी कचौरी। कूरबरी कचरी ओ मिथौरी। - [[सूरदास]]
*काटकर सुखाए हुए [[फल]] मूल आदि जो तरकारी के लिये रखे जाते हैं।


उदाहरण- पापर बरी फुलौरी कचौरी। कूरबरी कचरी ओ मिथौरी। - [[सूरदास]]
'''उदाहरण''' - कुँदरू और ककोड़ा कौरे। कचरी चार चचेड़ा सौरे। - [[सूरदास]]  
 
*छिलकेदार दाल।  
4. काटकर सुखाए हुए [[फल]] मूल आदि जो तरकारी के लिये रखे जाते हैं।
*[[कपास|रुई]] का बिनौला या खूद।  
 
उदाहरण- कुँदरू और ककोड़ा कौरे। कचरी चार चचेड़ा सौरे। - [[सूरदास]]  
 
5. छिलकेदार दाल।  
 
6. रुई का बिनौला या खूद।  


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कचरी - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्चा)[1]

  • ककड़ी की जाति की एक बेल जो खेतों में फैलती है। पेहैंटा। पेहँटुल। गुरम्हीं। सेंधिया।

विशेष - इसमें चार पाँच अंगुल के छोटे छोटे अंडाकार फल लगते हैं जो पकने पर पीले और खटमीठे होते हैं। कच्चे फलों को लोग काटकर सुखाते हैं और भूनकर सोंधाई या तरकारी बनाते हैं। जयपुर की कचरी खट्टी बहुत होती है और कड़ई कम। पश्चिम में सोंठ और पानी में मिलाकर इसकी चटनी बनाते हैं। यह गोश्त गलाने के लिये उसमें डाली जाती है।

  • कचरी या कच्चे पेन्हटे के सुखाए हुए टुकड़े।
  • सूखी कचरी की तरकारी।

उदाहरण - पापर बरी फुलौरी कचौरी। कूरबरी कचरी ओ मिथौरी। - सूरदास

  • काटकर सुखाए हुए फल मूल आदि जो तरकारी के लिये रखे जाते हैं।

उदाहरण - कुँदरू और ककोड़ा कौरे। कचरी चार चचेड़ा सौरे। - सूरदास

  • छिलकेदार दाल।
  • रुई का बिनौला या खूद।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 737 |

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