गुरु गोविंद सिंह जयंती: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:सिक्ख धर्म कोश" to "Category:सिक्ख धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{ | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
|चित्र=Guru Gobind Singh.jpg | |||
'''गुरु गोविन्द सिंह जयंती''' [[गुरु गोविन्द सिंह]] की याद में मनायी जाती है। गुरु गोविंद सिंह [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। | |चित्र का नाम=गुरु गोविन्द सिंह | ||
|विवरण='''गुरु गोविन्द सिंह जयंती''' [[गुरु गोविन्द सिंह]] की याद में मनायी जाती है। | |||
|शीर्षक 1=जन्म तिथि | |||
|पाठ 1=[[22 दिसंबर]] | |||
|शीर्षक 2=पुण्य तिथि | |||
|पाठ 2=[[7 अक्तूबर]] | |||
|शीर्षक 3=जयंती तिथि (वर्ष 2022) | |||
|पाठ 3=[[9 जनवरी]], [[रविवार]] | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|अन्य जानकारी= गुरु गोविन्द सिंह जयंती की गणना नानकशाही कैलेंडर के अनुसार की जाती है।<ref>{{cite web |url=http://www.timeanddate.com/holidays/india/guru-govind-singh-jayanti |title=Guru Govind Singh Jayanti in India |accessmonthday=27 दिसम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.timeanddate.com |language=अंग्रेज़ी }}</ref> | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''गुरु गोविन्द सिंह जयंती''' [[गुरु गोविन्द सिंह]] की याद में मनायी जाती है। गुरु गोविंद सिंह [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। गुरु गोविन्द सिंह जयंती नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है। | |||
==गुरु गोविंद सिंह== | ==गुरु गोविंद सिंह== | ||
{{main|गुरु गोविंद सिंह}} | {{main|गुरु गोविंद सिंह}} | ||
'''गुरु गोविंद सिंह''' (जन्म- [[22 दिसंबर]] सन् 1666 ई. [[पटना]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[7 अक्तूबर]] सन् 1708 ई. [[नांदेड़]], [[महाराष्ट्र]]) [[सिक्ख धर्म|सिक्खों]] के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ ज्ञानी कहते हैं कि जब-जब [[धर्म]] का ह्रास होता है, तब-तब सत्य एवं न्याय का विघटन भी होता है तथा आतंक के कारण अत्याचार, अन्याय, हिंसा और मानवता खतरे में होती है। उस समय दुष्टों का नाश एवं सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा करने के लिए ईश्वर स्वयं इस भूतल पर अवतरित होते हैं। गुरु | '''गुरु गोविंद सिंह''' (जन्म- [[22 दिसंबर]] सन् 1666 ई. [[पटना]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[7 अक्तूबर]] सन् [[1708]] ई. [[नांदेड़]], [[महाराष्ट्र]]) [[सिक्ख धर्म|सिक्खों]] के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ ज्ञानी कहते हैं कि जब-जब [[धर्म]] का ह्रास होता है, तब-तब सत्य एवं न्याय का विघटन भी होता है तथा आतंक के कारण अत्याचार, अन्याय, हिंसा और मानवता खतरे में होती है। उस समय दुष्टों का नाश एवं सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा करने के लिए ईश्वर स्वयं इस भूतल पर अवतरित होते हैं। गुरु गोबिन्द सिंह जी ने भी इस तथ्य का प्रतिपादन करते हुए कहा है, | ||
<blockquote>"जब-जब होत अरिस्ट अपारा। तब-तब देह धरत अवतारा।"</blockquote> | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राष्ट्रीय दिवस}} | {{राष्ट्रीय दिवस}} |
Latest revision as of 06:11, 28 November 2021
गुरु गोविंद सिंह जयंती
| |
विवरण | गुरु गोविन्द सिंह जयंती गुरु गोविन्द सिंह की याद में मनायी जाती है। |
जन्म तिथि | 22 दिसंबर |
पुण्य तिथि | 7 अक्तूबर |
जयंती तिथि (वर्ष 2022) | 9 जनवरी, रविवार |
अन्य जानकारी | गुरु गोविन्द सिंह जयंती की गणना नानकशाही कैलेंडर के अनुसार की जाती है।[1] |
गुरु गोविन्द सिंह जयंती गुरु गोविन्द सिंह की याद में मनायी जाती है। गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। गुरु गोविन्द सिंह जयंती नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है।
गुरु गोविंद सिंह
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
गुरु गोविंद सिंह (जन्म- 22 दिसंबर सन् 1666 ई. पटना, बिहार; मृत्यु- 7 अक्तूबर सन् 1708 ई. नांदेड़, महाराष्ट्र) सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ ज्ञानी कहते हैं कि जब-जब धर्म का ह्रास होता है, तब-तब सत्य एवं न्याय का विघटन भी होता है तथा आतंक के कारण अत्याचार, अन्याय, हिंसा और मानवता खतरे में होती है। उस समय दुष्टों का नाश एवं सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा करने के लिए ईश्वर स्वयं इस भूतल पर अवतरित होते हैं। गुरु गोबिन्द सिंह जी ने भी इस तथ्य का प्रतिपादन करते हुए कहा है,
"जब-जब होत अरिस्ट अपारा। तब-तब देह धरत अवतारा।"
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Guru Govind Singh Jayanti in India (अंग्रेज़ी) www.timeanddate.com। अभिगमन तिथि: 27 दिसम्बर, 2014।
संबंधित लेख