महर्षि महेश योगी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 22: | Line 22: | ||
|पुरस्कार-उपाधि=महर्षि | |पुरस्कार-उपाधि=महर्षि | ||
|प्रसिद्धि=योगाचार्य | |प्रसिद्धि=योगाचार्य | ||
|विशेष योगदान=सन [[1957]] में टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। | |विशेष योगदान=सन [[1957]] में टीएम आन्दोलन(Transcendental Meditation movement) आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। | ||
|नागरिकता= | |नागरिकता= | ||
|संबंधित लेख= | |संबंधित लेख= | ||
Line 38: | Line 38: | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन= | |अद्यतन= | ||
}}'''महर्षि महेश योगी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Maharishi Mahesh Yogi'', जन्म- [[12 जनवरी]], [[1918]]; मृत्यु- [[5 फ़रवरी]], [[2008]]) प्रसिद्ध भारतीय योगाचार्य थे, जिन्होंने [[योग]] को [[भारत]] के बाहर भी प्रसिद्धि दिलाई। उन्होंने पारलौकिक ध्यान योग में विशेषज्ञता प्राप्त की थी। उनके ज्ञान से प्रभावित होकर मशहूर | }}'''महर्षि महेश योगी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Maharishi Mahesh Yogi'', जन्म- [[12 जनवरी]], [[1918]]; मृत्यु- [[5 फ़रवरी]], [[2008]]) प्रसिद्ध भारतीय योगाचार्य थे, जिन्होंने [[योग]] को [[भारत]] के बाहर भी प्रसिद्धि दिलाई। उन्होंने पारलौकिक ध्यान योग में विशेषज्ञता प्राप्त की थी। उनके ज्ञान से प्रभावित होकर मशहूर 'म्यूज़िक बैंड' बीटल्स भारत आए थे। ये [[मंत्र]] [[मेडिटेशन]] का ही एक प्रकार है, जिसका अभ्यास बंद आंखों के साथ किया जाता है। महर्षि महेश योगी ने [[शंकराचार्य]] की मौजूदगी में [[रामेश्वरम]] में 10 हज़ार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक [[योग]] और साधना की दीक्षा दी थी। [[हिमालय के नागरिक|हिमालय क्षेत्र]] में दो [[वर्ष]] का [[मौन व्रत]] करने के बाद सन [[1955]] में उन्होंने टीएम तकनीक(Transcendental Meditation movement) की शिक्षा देनी आरम्भ की।<br/> | ||
<br/> | <br/> | ||
*अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत [[1959]] में [[अमेरिका]] से करने वाले महर्षि योगी के [[दर्शन]] का मूल आधार था, "जीवन | *अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत [[1959]] में [[अमेरिका]] से करने वाले महर्षि योगी के [[दर्शन]] का मूल आधार था, "जीवन परम आनंद से भरपूर है और मनुष्य का जन्म इसका आनंद उठाने के लिए हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति में [[ऊर्जा]], ज्ञान और सामर्थ्य का अपार भंडार है तथा इसके सदुपयोग से वह जीवन को सुखद बना सकता है।" | ||
*वर्ष [[1990]] में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर महर्षि महेश योगी यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया। | *वर्ष [[1990]] में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर महर्षि महेश योगी यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया। | ||
*दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया। | *दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने [[आयुर्वेद|आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति]] और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया। | ||
*महर्षि महेश योगी ने [[वेद|वेदों]] में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये वह आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं। | *महर्षि महेश योगी ने [[वेद|वेदों]] में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये वह आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं। | ||
*उन्होंने महर्षि मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित किया, जिसके माध्यम से ' | *उन्होंने '''महर्षि मुक्त विश्वविद्यालय''' स्थापित किया, जिसके माध्यम से 'ऑनलाइन' शिक्षा दी जाती है। वे साप्ताहिक विडियो पत्रकार वार्ता भी आयोजित करते हैं। | ||
*उनके शिष्यों में भूतपूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गाँधी]] से लेकर आध्यात्मिक गुरु दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे। | *उनके शिष्यों में भूतपूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गाँधी]] से लेकर आध्यात्मिक गुरु दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे। | ||
*महर्षि महेश योगी ने एक मुद्रा की स्थापना भी की थी। उनकी मुद्रा 'राम' को नीदरलैंड में क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। राम नाम की इस मुद्रा में चमकदार रंगों वाले एक, पाँच और दस के नोट हैं। इस मुद्रा को महर्षि की संस्था ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस ने [[अक्टूबर]] [[2002]] में जारी किया था। | *महर्षि महेश योगी ने एक [[मुद्रा चिन्ह|मुद्रा]] की स्थापना भी की थी। उनकी मुद्रा 'राम' को नीदरलैंड में क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। राम नाम की इस मुद्रा में चमकदार रंगों वाले एक, पाँच और दस के नोट हैं। इस मुद्रा को महर्षि की संस्था '''ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस''' ने [[अक्टूबर]] [[2002]] में जारी किया था। | ||
*सन [[1955]] में महर्षि महेश योगी ने टीएम तकनीक की शिक्षा देना आरम्भ किया था। [[1957]] में उन्होंने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाया गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा, जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने [[1968]] में उनके आश्रम का दौरा किया। | *सन [[1955]] में महर्षि महेश योगी ने टीएम तकनीक (Transcendental Meditation movement) की शिक्षा देना आरम्भ किया था। [[1957]] में उन्होंने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाया गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा, जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने [[1968]] में उनके [[आश्रम]] का दौरा किया। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} |
Latest revision as of 05:30, 26 July 2022
महर्षि महेश योगी
| |
पूरा नाम | महर्षि महेश योगी |
जन्म | 12 जनवरी, 1918 |
जन्म भूमि | राजिम, छत्तीसगढ़ |
मृत्यु | 5 फ़रवरी, 2008 |
मृत्यु स्थान | लिम्बर्ग, नीदरलैण्ड |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | योग |
पुरस्कार-उपाधि | महर्षि |
प्रसिद्धि | योगाचार्य |
विशेष योगदान | सन 1957 में टीएम आन्दोलन(Transcendental Meditation movement) आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। |
अन्य जानकारी | महर्षि महेश योगी ने वेदों में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये वह आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं। |
महर्षि महेश योगी (अंग्रेज़ी: Maharishi Mahesh Yogi, जन्म- 12 जनवरी, 1918; मृत्यु- 5 फ़रवरी, 2008) प्रसिद्ध भारतीय योगाचार्य थे, जिन्होंने योग को भारत के बाहर भी प्रसिद्धि दिलाई। उन्होंने पारलौकिक ध्यान योग में विशेषज्ञता प्राप्त की थी। उनके ज्ञान से प्रभावित होकर मशहूर 'म्यूज़िक बैंड' बीटल्स भारत आए थे। ये मंत्र मेडिटेशन का ही एक प्रकार है, जिसका अभ्यास बंद आंखों के साथ किया जाता है। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हज़ार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी थी। हिमालय क्षेत्र में दो वर्ष का मौन व्रत करने के बाद सन 1955 में उन्होंने टीएम तकनीक(Transcendental Meditation movement) की शिक्षा देनी आरम्भ की।
- अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत 1959 में अमेरिका से करने वाले महर्षि योगी के दर्शन का मूल आधार था, "जीवन परम आनंद से भरपूर है और मनुष्य का जन्म इसका आनंद उठाने के लिए हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति में ऊर्जा, ज्ञान और सामर्थ्य का अपार भंडार है तथा इसके सदुपयोग से वह जीवन को सुखद बना सकता है।"
- वर्ष 1990 में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर महर्षि महेश योगी यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया।
- दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया।
- महर्षि महेश योगी ने वेदों में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये वह आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं।
- उन्होंने महर्षि मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित किया, जिसके माध्यम से 'ऑनलाइन' शिक्षा दी जाती है। वे साप्ताहिक विडियो पत्रकार वार्ता भी आयोजित करते हैं।
- उनके शिष्यों में भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से लेकर आध्यात्मिक गुरु दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे।
- महर्षि महेश योगी ने एक मुद्रा की स्थापना भी की थी। उनकी मुद्रा 'राम' को नीदरलैंड में क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। राम नाम की इस मुद्रा में चमकदार रंगों वाले एक, पाँच और दस के नोट हैं। इस मुद्रा को महर्षि की संस्था ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस ने अक्टूबर 2002 में जारी किया था।
- सन 1955 में महर्षि महेश योगी ने टीएम तकनीक (Transcendental Meditation movement) की शिक्षा देना आरम्भ किया था। 1957 में उन्होंने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाया गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा, जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने 1968 में उनके आश्रम का दौरा किया।
|
|
|
|
|