मध्य प्रदेश पर्यटन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (मध्य प्रदेश के पर्यटन का नाम बदलकर मध्य प्रदेश पर्यटन कर दिया गया है)
m (Text replacement - "रूचि" to "रुचि")
 
(6 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
[[चित्र:Madhya-Pradesh-Map-1.jpg|thumb|मध्य प्रदेश का मानचित्र<br /> Map of Madhya Pradesh]]
[[चित्र:Buddha-Stupas.jpg|thumb|250px|[[स्तूप|बुद्ध स्तूप]], [[साँची]]<br /> Buddha Stupa, Sanchi]]
#[[पंचमढ़ी]] का अद्भुत सौंदर्य, [[मध्य प्रदेश]] का एकमात्र हिल स्टेशन है।
#[[पंचमढ़ी]] का अद्भुत सौंदर्य, [[मध्य प्रदेश]] का एकमात्र हिल स्टेशन है।
#भेडाघाट की चमचमाती संगमरमरी चट्टाने और धुआंधार जलप्रपातों का शोर,
#[[भेड़ाघाट]] की चमचमाती संगमरमरी चट्टाने और [[धुआंधार जल प्रपात|धुआंधार जलप्रपातों]] का शोर
#कान्‍हा राष्‍ट्रीय उद्यान, जहां अनूठे बारसिंगे रहते हैं,
#[[कान्हा राष्ट्रीय उद्यान]], जहां अनूठे बारसिंगे रहते हैं
#बांधवगढ़ राष्‍ट्रीय उद्यान जहां प्रागैतिहासिक गुफाएं और वन्‍य जीवन है।  
#[[बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान]] जहां प्रागैतिहासिक गुफाएं और वन्‍य जीवन है।  
ये सब राज्‍य के प्रमुख आकर्षण हैं। ग्वालियर, [[मांडू मध्यप्रदेश|मांडू]], दतिया, चंदेरी, जबलपुर, ओरछा, रायसेन, सांची, विदिशा, उदयगिरि, भीमबेटका, इंदौर और भोपाल ऐतिहासिक महत्‍व के स्‍थल हैं। माहेश्‍वर, ओंकारेश्‍वर, उज्जैन, चित्रकूट और [[अमरकंटक]] ऐसे स्‍थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। खजुराहो के मंदिर विश्‍व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, [[भोजपुर मध्य प्रदेश|भोजपुर]] और उदयपुर के मंदिर इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। सतना, सांची, [[विदिशा]], ग्वालियर, इंदौर, मंदसौर, उज्जैन, राजगढ़, भोपाल, जबलपुर, रीवां और अन्‍य अनेक स्‍थानों के संग्रहालयों में पुरातत्‍वीय महत्‍व के भंडारों को संरक्षित रखा गया है। माहेश्‍वर, [[ओंकारश्वर ज्योतिर्लिंग|ओंकारेश्‍वर]] तथा अमरकंटक को उनके धार्मिक महत्‍व के अनुसार समग्र विकास के लिए पवित्र शहर घोषित किया गया है। बुरहानपुर को नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
ये सब राज्‍य के प्रमुख आकर्षण हैं। [[ग्वालियर]], [[मांडू मध्यप्रदेश|मांडू]], [[दतिया]], [[चंदेरी]], [[जबलपुर]], [[ओरछा]], [[रायसेन]], [[सांची]], [[विदिशा]], [[उदयगिरि मध्य प्रदेश|उदयगिरि]], [[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]], [[इंदौर]] और [[भोपाल]] ऐतिहासिक महत्‍व के स्‍थल हैं। माहेश्‍वर, [[ओंकारेश्वर]], [[उज्जैन]], [[चित्रकूट]] और [[अमरकंटक]] ऐसे स्‍थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। [[खजुराहो]] के मंदिर विश्‍व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, [[भोजपुर मध्य प्रदेश|भोजपुर]] और [[उदयपुर मध्य प्रदेश|उदयपुर]] के मंदिर इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। सतना, सांची, [[विदिशा]], ग्वालियर, इंदौर, मंदसौर, उज्जैन, [[राजगढ़]], [[भोपाल]], [[जबलपुर]], [[रीवा]] और अन्‍य अनेक स्‍थानों के संग्रहालयों में पुरातत्‍वीय महत्‍व के भंडारों को संरक्षित रखा गया है। माहेश्‍वर, [[ओंकारश्वर ज्योतिर्लिंग|ओंकारेश्‍वर]] तथा [[अमरकंटक]] को उनके धार्मिक महत्‍व के अनुसार समग्र विकास के लिए पवित्र शहर घोषित किया गया है। [[बुरहानपुर]] को नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
*[[खोह]] मध्य प्रदेश में नागदा के निकट स्थित है।  
*[[खोह]] मध्य प्रदेश में [[नागदा]] के निकट स्थित है।  
====<u>नरवर</u>====
====नरवर====
{{मुख्य|नरवर}}
{{मुख्य|नरवर}}
यह ऐतिहासिक नगर [[मध्य प्रदेश]] के [[ग्वालियर]] के समीप है। [[महाभारत]] में वर्णित यह नगर राजा [[नल]] की राजधानी बताया गया है। 12वीं शताब्दी तक इस नगर को नलपुर कहा जाता था। यहाँ स्थित क़िला जो [[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य पर्वतश्रेणी]] की एक खड़ी चट्टान पर स्थित है, मध्यकालीन भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है
यह ऐतिहासिक नगर [[मध्य प्रदेश]] के [[ग्वालियर]] के समीप है। [[महाभारत]] में वर्णित यह नगर राजा [[नल]] की राजधानी बताया गया है। 12वीं शताब्दी तक इस नगर को नलपुर कहा जाता था। यहाँ स्थित क़िला जो [[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य पर्वतश्रेणी]] की एक खड़ी चट्टान पर स्थित है, मध्यकालीन भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है


====<u>पद्मावती</u>====
====पद्मावती====
{{मुख्य|पद्मावती}}
{{मुख्य|पद्मावती}}
*मध्य प्रदेश के [[ग्वालियर]] के समीप वर्तमान पद्मपवैया नामक स्थान ही प्राचीन काल का पद्मावती नगर था।
*मध्य प्रदेश के [[ग्वालियर]] के समीप वर्तमान पद्मपवैया नामक स्थान ही प्राचीन काल का पद्मावती नगर था।
*कुछ विद्वानों के अनुसार यह नगर [[विदर्भ]] में [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] एवं पारा (पार्वती) नामक दो नदियों के संगम पर स्थित था।
*कुछ विद्वानों के अनुसार यह नगर [[विदर्भ]] में [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] एवं पारा ([[पार्वती नदी|पार्वती]]) नामक दो नदियों के संगम पर स्थित था।


====जोगीमारा गुफ़ाएं====
====जोगीमारा गुफ़ाएं====
Line 20: Line 20:
*मध्य प्रदेश की पूर्व रियासत सरगुजा में लक्ष्मणपुर से 12 मील की दूरी पर रामगढ़ की पहाड़ी में जोगीमारा नामक शैलकृत गुफ़ाएँ हैं।  
*मध्य प्रदेश की पूर्व रियासत सरगुजा में लक्ष्मणपुर से 12 मील की दूरी पर रामगढ़ की पहाड़ी में जोगीमारा नामक शैलकृत गुफ़ाएँ हैं।  
*जिनमें 300 ई,पू. के कुछ रंगीन भित्तिचित्र यहाँ विद्यमान हैं।  
*जिनमें 300 ई,पू. के कुछ रंगीन भित्तिचित्र यहाँ विद्यमान हैं।  
====<u>पनगोरारिया</u>====
====पनगोरारिया====
{{मुख्य|पनगोरारिया}}
{{मुख्य|पनगोरारिया}}
*पनगोरारिया मध्य प्रदेश के सेहोर ज़िले की पहाड़ियों में स्थित है।
*पनगोरारिया मध्य प्रदेश के सेहोर ज़िले की पहाड़ियों में स्थित है।
*पनगोरारिया स्थान से खोज के दौरान प्राकृतिक गुफ़ाएँ मिली हैं, जिनको काटकर आवास के योग्य बानाया गया था।  
*पनगोरारिया स्थान से खोज के दौरान प्राकृतिक गुफ़ाएँ मिली हैं, जिनको काटकर आवास के योग्य बानाया गया था।  


====<u>नीमच </u>====
====नीमच ====
{{मुख्य|नीमच}}
{{मुख्य|नीमच}}
*यह नगर मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर ज़िले के पास 500 मीटर की ऊँचाई पर बंजर बैसाल्ट पर्वत चौटी पर स्थित है।  
*यह नगर मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर ज़िले के पास 500 मीटर की ऊँचाई पर बंजर बैसाल्ट पर्वत चौटी पर स्थित है।  
*[[ग्वालियर]] रियासत की पूर्व ब्रिटिश छावनी रहा यह नगर 1822 में संयुक्त राजपूताना-[[मालवा]] राजनीतिक एजेंसी का और 1895 में मालवा एजेंसी का मुख्यालय बना।
*[[ग्वालियर]] रियासत की पूर्व ब्रिटिश छावनी रहा यह नगर 1822 में संयुक्त राजपूताना-[[मालवा]] राजनीतिक एजेंसी का और 1895 में मालवा एजेंसी का मुख्यालय बना।
====<u>धमनार </u>====
====धमनार ====
{{मुख्य|धमनार}}
{{मुख्य|धमनार}}
यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में स्थित है। धमनार ग्राम के निकट 14 शैलकृत गुहा-मन्दिर हैं। इनमें से दो गुफ़ाएँ, जिन्हें भीम बाज़ार और बड़ी कचहरी कहते हैं, यह मुख्य हैं।
यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में स्थित है। धमनार ग्राम के निकट 14 शैलकृत गुहा-मन्दिर हैं। इनमें से दो गुफ़ाएँ, जिन्हें भीम बाज़ार और बड़ी कचहरी कहते हैं, यह मुख्य हैं।


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
Line 44: Line 42:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{मध्य प्रदेश के नगर}}{{मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}
{{भारत पर्यटन}}
{{मध्य प्रदेश के ज़िले}}
[[Category:मध्य_प्रदेश]]
 
[[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:मध्य_प्रदेश]][[Category:अद्यतन]]
__NOTOC__ __INDEX__
__NOTOC__ __INDEX__

Latest revision as of 07:50, 3 January 2016

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

[[चित्र:Buddha-Stupas.jpg|thumb|250px|बुद्ध स्तूप, साँची
Buddha Stupa, Sanchi]]

  1. पंचमढ़ी का अद्भुत सौंदर्य, मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है।
  2. भेड़ाघाट की चमचमाती संगमरमरी चट्टाने और धुआंधार जलप्रपातों का शोर
  3. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, जहां अनूठे बारसिंगे रहते हैं
  4. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान जहां प्रागैतिहासिक गुफाएं और वन्‍य जीवन है।

ये सब राज्‍य के प्रमुख आकर्षण हैं। ग्वालियर, मांडू, दतिया, चंदेरी, जबलपुर, ओरछा, रायसेन, सांची, विदिशा, उदयगिरि, भीमबेटका, इंदौर और भोपाल ऐतिहासिक महत्‍व के स्‍थल हैं। माहेश्‍वर, ओंकारेश्वर, उज्जैन, चित्रकूट और अमरकंटक ऐसे स्‍थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। खजुराहो के मंदिर विश्‍व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, भोजपुर और उदयपुर के मंदिर इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। सतना, सांची, विदिशा, ग्वालियर, इंदौर, मंदसौर, उज्जैन, राजगढ़, भोपाल, जबलपुर, रीवा और अन्‍य अनेक स्‍थानों के संग्रहालयों में पुरातत्‍वीय महत्‍व के भंडारों को संरक्षित रखा गया है। माहेश्‍वर, ओंकारेश्‍वर तथा अमरकंटक को उनके धार्मिक महत्‍व के अनुसार समग्र विकास के लिए पवित्र शहर घोषित किया गया है। बुरहानपुर को नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

नरवर

यह ऐतिहासिक नगर मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप है। महाभारत में वर्णित यह नगर राजा नल की राजधानी बताया गया है। 12वीं शताब्दी तक इस नगर को नलपुर कहा जाता था। यहाँ स्थित क़िला जो विंध्य पर्वतश्रेणी की एक खड़ी चट्टान पर स्थित है, मध्यकालीन भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है

पद्मावती

  • मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप वर्तमान पद्मपवैया नामक स्थान ही प्राचीन काल का पद्मावती नगर था।
  • कुछ विद्वानों के अनुसार यह नगर विदर्भ में सिन्धु एवं पारा (पार्वती) नामक दो नदियों के संगम पर स्थित था।

जोगीमारा गुफ़ाएं

  • मध्य प्रदेश की पूर्व रियासत सरगुजा में लक्ष्मणपुर से 12 मील की दूरी पर रामगढ़ की पहाड़ी में जोगीमारा नामक शैलकृत गुफ़ाएँ हैं।
  • जिनमें 300 ई,पू. के कुछ रंगीन भित्तिचित्र यहाँ विद्यमान हैं।

पनगोरारिया

  • पनगोरारिया मध्य प्रदेश के सेहोर ज़िले की पहाड़ियों में स्थित है।
  • पनगोरारिया स्थान से खोज के दौरान प्राकृतिक गुफ़ाएँ मिली हैं, जिनको काटकर आवास के योग्य बानाया गया था।

नीमच

  • यह नगर मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर ज़िले के पास 500 मीटर की ऊँचाई पर बंजर बैसाल्ट पर्वत चौटी पर स्थित है।
  • ग्वालियर रियासत की पूर्व ब्रिटिश छावनी रहा यह नगर 1822 में संयुक्त राजपूताना-मालवा राजनीतिक एजेंसी का और 1895 में मालवा एजेंसी का मुख्यालय बना।

धमनार

यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में स्थित है। धमनार ग्राम के निकट 14 शैलकृत गुहा-मन्दिर हैं। इनमें से दो गुफ़ाएँ, जिन्हें भीम बाज़ार और बड़ी कचहरी कहते हैं, यह मुख्य हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख