दर्दीय भाषाएँ: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ") |
|||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''दर्दीय भाषाएँ''' [[पाकिस्तान]], [[कश्मीर]] और [[अफ़ग़ानिस्तान]] में बोली जाने वाली अंतर्संबंधित भारतीय-ईरानी भाषाओं के समूह | '''दर्दीय भाषाएँ''' [[पाकिस्तान]], [[कश्मीर]] और [[अफ़ग़ानिस्तान]] में बोली जाने वाली अंतर्संबंधित भारतीय-ईरानी भाषाओं के समूह को कहा जाता है। इसे 'दार्द' या 'पिशाच भाषा' भी कहा जाता है।<ref name="aa">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-3|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=11|url=}}</ref> | ||
{{tocright}} | {{tocright}} | ||
==उपसमूह== | ==उपसमूह== | ||
Line 6: | Line 6: | ||
#खोवारी या मध्य (पश्चिमोत्तर [[पाकिस्तान]] के चित्राल ज़िले में प्रयुक्त) | #खोवारी या मध्य (पश्चिमोत्तर [[पाकिस्तान]] के चित्राल ज़िले में प्रयुक्त) | ||
#पूर्वी, जिसमें शिणा और [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]] शामिल हैं। | #पूर्वी, जिसमें शिणा और [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]] शामिल हैं। | ||
==== | ====विद्वान् मतभेद==== | ||
कुछ | कुछ विद्वान् 'दर्दीय' शब्द का इस्तेमाल केवल पूर्वी उपसमूह की भाषाओं के लिए करते हैं और समूचे समूह के लिए 'पिशाच' शब्द का प्रयोग करते हैं। भारतीय-ईरानी भाषा परिवार में दर्दीय भाषाओं की सही स्थिति विद्वानों के बीच विवाद का विषय रही है। कुछ विद्वान् मानते हैं कि ये भाषाएं भारतीय-ईरानी भाषाओं के अविशिष्ट चरण से उत्पन्न हुई हैं। अन्य लोगों का मानना है कि पूर्वी और खोवारी समूह भारतीय-आर्य भाषाएं हैं, जबकि काफ़िरी उपसमूह अलग है।<ref name="aa"/> | ||
==कश्मीरी भाषा== | ==कश्मीरी भाषा== | ||
{{main|कश्मीरी भाषा}} | {{main|कश्मीरी भाषा}} |
Latest revision as of 14:27, 6 July 2017
दर्दीय भाषाएँ पाकिस्तान, कश्मीर और अफ़ग़ानिस्तान में बोली जाने वाली अंतर्संबंधित भारतीय-ईरानी भाषाओं के समूह को कहा जाता है। इसे 'दार्द' या 'पिशाच भाषा' भी कहा जाता है।[1]
उपसमूह
इन्हें आमतौर पर तीन उपसमूहों में विभक्त किया जाता है-
- काफ़िरी या पश्चिमी
- खोवारी या मध्य (पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के चित्राल ज़िले में प्रयुक्त)
- पूर्वी, जिसमें शिणा और कश्मीरी शामिल हैं।
विद्वान् मतभेद
कुछ विद्वान् 'दर्दीय' शब्द का इस्तेमाल केवल पूर्वी उपसमूह की भाषाओं के लिए करते हैं और समूचे समूह के लिए 'पिशाच' शब्द का प्रयोग करते हैं। भारतीय-ईरानी भाषा परिवार में दर्दीय भाषाओं की सही स्थिति विद्वानों के बीच विवाद का विषय रही है। कुछ विद्वान् मानते हैं कि ये भाषाएं भारतीय-ईरानी भाषाओं के अविशिष्ट चरण से उत्पन्न हुई हैं। अन्य लोगों का मानना है कि पूर्वी और खोवारी समूह भारतीय-आर्य भाषाएं हैं, जबकि काफ़िरी उपसमूह अलग है।[1]
कश्मीरी भाषा
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
कश्मीरी एकमात्र दर्दीय भाषा है, जिसका साहित्यिक कृतियों के लिए व्यापक उपयोग होता है। शिणा के अलावा पूर्वी उपसमूह की भाषाएं दक्षिण में बोली जाने वाली भारतीय-आर्य भाषाओं के प्रभाव के कारण काफ़ी बदल चुकी हैं। दर्दीय भाषाएँ अपनी ध्वनि प्रणाली तथा वैदिक संस्कृत के काल के बाद भारत और ईरान में लुप्त हो चुके कई शब्दों के संरक्षण के मामले में भारतीय-ईरानी भाषाओं से भिन्न हैं।
|
|
|
|
|