हरदम याद आती है -आदित्य चौधरी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{| width="100%" style="background:#fbf8df; border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:8px;" |- | <noinclude>[[चित्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m ("हरदम याद आती है -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि)))
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 7: Line 7:
{| width="100%" style="background:transparent"
{| width="100%" style="background:transparent"
|-valign="top"
|-valign="top"
| style="width:30%"|
| style="width:35%"|
| style="width:50%"|
| style="width:35%"|
<poem>
<poem>
कोई मुस्कान ऐसी है जो हरदम याद आती है
कोई मुस्कान ऐसी है जो हरदम याद आती है
Line 25: Line 25:
कई जन्मों के बंधन से वो हरदम याद आती है  
कई जन्मों के बंधन से वो हरदम याद आती है  
</poem>
</poem>
| style="width:20%"|
| style="width:30%"|
|}
|}
|}
|}

Latest revision as of 13:24, 20 March 2015

50px|right|link=|

हरदम याद आती है -आदित्य चौधरी

कोई मुस्कान ऐसी है जो हरदम याद आती है
छिड़कती जान ऐसी है वो हरदम याद आती है

अंधेरी ठंड की रातों में बस लस्सी ही पीनी है
फुला के मुंह जो बैठी है वो हरदम याद आती है

कभी हर बात पे हाँ है कभी हर बात पे ना है
पटक कर पैर खिसियाती वो हरदम याद आती है

शरारत आँखों में तैरी है और मैं देख ना पाऊँ
झुकी नज़रों की शैतानी वो हरदम याद आती है

न जाने कौन से जन्मों में मोती दान कर बैठा
कई जन्मों के बंधन से वो हरदम याद आती है


टीका टिप्पणी और संदर्भ