प्रभाशंकर पाटनी: Difference between revisions

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'''प्रभाशंकर पाटनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Prabhashankar Patni'', जन्म- [[14 अप्रैल]] [[1862]], सौराष्ट्र; मृत्यु- [[16 अक्टूबर]],[[1938]]) [[गुजरात]] के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्त्ता थे। [[गांधी जी]] से उनकी निकटता थी। [[भावनगर]] में प्रभाशंकर पाटनी ने हरिजन उद्धार, महिला जागरण आदि के रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया। प्रभाशंकर पाटनी [[मुंबई]] के गवर्नर की एक्जिक्यूटिव के सदस्य और [[दिल्ली]] में [[वाइसराय]] की एक्जिक्यूटिव के सदस्य थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन=भारतकोश पुस्तकालय |संपादन=|पृष्ठ संख्या=492|url=}}</ref>
'''प्रभाशंकर पाटनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Prabhashankar Patni'', जन्म- [[14 अप्रैल]] [[1862]], सौराष्ट्र; मृत्यु- [[16 अक्टूबर]],[[1938]]) [[गुजरात]] के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्त्ता थे। [[गांधी जी]] से उनकी निकटता थी। [[भावनगर]] में प्रभाशंकर पाटनी ने हरिजन उद्धार, महिला जागरण आदि के रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया। प्रभाशंकर पाटनी [[मुंबई]] के गवर्नर की एक्जिक्यूटिव के सदस्य और [[दिल्ली]] में [[वाइसराय]] की एक्जिक्यूटिव के सदस्य थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन=भारतकोश पुस्तकालय |संपादन=|पृष्ठ संख्या=492|url=}}</ref>
==परिचय==
==परिचय==
प्रभाशंकर पाटनी का जन्म 14 अप्रैल, 1862 ई. को सौराष्ट्र के मोख कस्बे में एक गरीब [[परिवार]] में हुआ था। उन्होंने दो वर्ष तक [[मुंबई]] के मेडिकल कॉलेज़ में शिक्षा पाई। पाटनी [[संस्कृत]] के विद्वान् और नरम विचारों के व्यक्ति थे। पर वे राष्ट्रवादी थे। इस बीच [[1891]] में [[भावनगर]] रियासत में पहले प्रभाशंकर राजकुमार के सहयोगी, फिर राजा के निजी सचिव और बाद में [[दीवान]] बन गए। [[गांधी जी]] से उनकी निकटता थी और भावनगर में उन्होंने हरिजन उद्धार, महिला जागरण आदि के रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया।  
प्रभाशंकर पाटनी का जन्म 14 अप्रैल, 1862 ई. को सौराष्ट्र के मोख कस्बे में एक ग़रीब [[परिवार]] में हुआ था। उन्होंने दो वर्ष तक [[मुंबई]] के मेडिकल कॉलेज़ में शिक्षा पाई। पाटनी [[संस्कृत]] के विद्वान् और नरम विचारों के व्यक्ति थे। पर वे राष्ट्रवादी थे। इस बीच [[1891]] में [[भावनगर]] रियासत में पहले प्रभाशंकर राजकुमार के सहयोगी, फिर राजा के निजी सचिव और बाद में [[दीवान]] बन गए। [[गांधी जी]] से उनकी निकटता थी और भावनगर में उन्होंने हरिजन उद्धार, महिला जागरण आदि के रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया।  
==भारत का प्रतिनिधित्व==
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भावनगर रियासत की सेवा के बाद प्रभाशंकर पाटनी मुंबई के गवर्नर की एक्जिक्यूटिव के सदस्य और [[दिल्ली]] में [[वाइसराय]] की एक्जिक्यूटिव के सदस्य मनोनीत हुए थे। [[1917]] में उन्हें भारत मंत्री की कौंसिल के सदस्य के रूप में दो वर्ष के लिए [[लंदन]] बुला लिया। [[भारत]] वापस आने पर प्रभाशंकर पाटनी भावनगर रियासत के प्रशासक बने। लंदन के [[द्वितीय गोलमेज सम्मेलन]] में भाग लेने के लिए वे और [[गांधी जी]] एक एक जहाज़ से गए थे। पाटनी ने राष्ट्र संघ में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। प्रभाशंकर पाटनी की जानकारी में लाहौर पड्यंत्र केस के अभियुक्त सरदार पृथ्वी सिंह बहुत समय तक भावनगर में रहे थे। ब्रिटिश अधिकारी, रियासत के राजा और गांधी जी सभी पाटनी का विश्वास करते थे।  
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Latest revision as of 05:24, 14 April 2018

प्रभाशंकर पाटनी
पूरा नाम प्रभाशंकर पाटनी
जन्म 14 अप्रैल 1862
जन्म भूमि सौराष्ट्र मोख
मृत्यु 16 अक्टूबर, 1938
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र समाज सेवा
प्रसिद्धि समाज सुधारक
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख गांधी जी
अन्य जानकारी भावनगर रियासत की सेवा के बाद प्रभाशंकर पाटनी मुंबई के गवर्नर की एक्जिक्यूटिव के सदस्य और दिल्ली में वाइसराय की एक्जिक्यूटिव के सदस्य थे।
अद्यतन‎ 04:45, 1 जनवरी-2017 (IST)

प्रभाशंकर पाटनी (अंग्रेज़ी: Prabhashankar Patni, जन्म- 14 अप्रैल 1862, सौराष्ट्र; मृत्यु- 16 अक्टूबर,1938) गुजरात के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्त्ता थे। गांधी जी से उनकी निकटता थी। भावनगर में प्रभाशंकर पाटनी ने हरिजन उद्धार, महिला जागरण आदि के रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया। प्रभाशंकर पाटनी मुंबई के गवर्नर की एक्जिक्यूटिव के सदस्य और दिल्ली में वाइसराय की एक्जिक्यूटिव के सदस्य थे।[1]

परिचय

प्रभाशंकर पाटनी का जन्म 14 अप्रैल, 1862 ई. को सौराष्ट्र के मोख कस्बे में एक ग़रीब परिवार में हुआ था। उन्होंने दो वर्ष तक मुंबई के मेडिकल कॉलेज़ में शिक्षा पाई। पाटनी संस्कृत के विद्वान् और नरम विचारों के व्यक्ति थे। पर वे राष्ट्रवादी थे। इस बीच 1891 में भावनगर रियासत में पहले प्रभाशंकर राजकुमार के सहयोगी, फिर राजा के निजी सचिव और बाद में दीवान बन गए। गांधी जी से उनकी निकटता थी और भावनगर में उन्होंने हरिजन उद्धार, महिला जागरण आदि के रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया।

भारत का प्रतिनिधित्व

भावनगर रियासत की सेवा के बाद प्रभाशंकर पाटनी मुंबई के गवर्नर की एक्जिक्यूटिव के सदस्य और दिल्ली में वाइसराय की एक्जिक्यूटिव के सदस्य मनोनीत हुए थे। 1917 में उन्हें भारत मंत्री की कौंसिल के सदस्य के रूप में दो वर्ष के लिए लंदन बुला लिया। भारत वापस आने पर प्रभाशंकर पाटनी भावनगर रियासत के प्रशासक बने। लंदन के द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए वे और गांधी जी एक एक जहाज़ से गए थे। पाटनी ने राष्ट्र संघ में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। प्रभाशंकर पाटनी की जानकारी में लाहौर पड्यंत्र केस के अभियुक्त सरदार पृथ्वी सिंह बहुत समय तक भावनगर में रहे थे। ब्रिटिश अधिकारी, रियासत के राजा और गांधी जी सभी पाटनी का विश्वास करते थे।

निधन

16 अक्टूबर, 1938 को प्रभाशंकर पाटनी का निधन हो गया।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 492 |

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