कंकोल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''कंकोल''' - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कोल)<ref>{{प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 8: Line 8:
;उदाहरण
;उदाहरण
शशिद्युत डील जिती कंकोल।<ref>रत्नपरीक्षा (शब्द.)</ref>
शशिद्युत डील जिती कंकोल।<ref>रत्नपरीक्षा (शब्द.)</ref>
'''विशेष''' - इसके [[फल]] शीतल चीनी से बड़े और कड़े होते हैं। ये दवा के काम में आते हैं पौर तेल के मसालों में पड़ते हैं।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 10:50, 18 August 2021

कंकोल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कोल)[1]

1. शीतल चीनी के वृक्ष का एक भेद।

उदाहरण

चंदन बंदन योग तुम, धन्य द्रुमन के राय, देत कुकुज कंकोल लों, देवन सीस चढ़ाय।[2]

2. कंकोल का फल। इसे कंकोल मिर्च भी कहते हैं।

उदाहरण

शशिद्युत डील जिती कंकोल।[3]

विशेष - इसके फल शीतल चीनी से बड़े और कड़े होते हैं। ये दवा के काम में आते हैं पौर तेल के मसालों में पड़ते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 717 |
  2. दीनदयालु गिरि
  3. रत्नपरीक्षा (शब्द.)

संबंधित लेख