उद्दालक: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (Text replace - "Category:ॠषि मुनि" to "Category:ॠषि मुनि Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश") |
m (Text replace - "{{ॠषि-मुनि}}" to "==सम्बंधित लिंक== {{ॠषि-मुनि2}} {{ॠषि-मुनि}}") |
||
Line 13: | Line 13: | ||
<br /> | <br /> | ||
==सम्बंधित लिंक== | |||
{{ॠषि-मुनि2}} | |||
{{ॠषि-मुनि}} | {{ॠषि-मुनि}} | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 05:09, 3 June 2010
- महर्षि आयोदधौम्य के तीन शिष्य थे-
- उपमन्यु,
- आरूणि पांचाल तथा
- वेद।
एक बार उन्होंने आरूणि को टूटी हुई क्यारी का पानी रोकने की आज्ञा दी। अनेक यत्न करके असफल रहने पर वह उसकी मेड़ के स्थान पर लेट गया ताकि पानी रूक जाये। थोड़ी देर बाद उपाध्याय ने उसे न पाकर आवाज दी। वह तुरंत उठकर गुरु के पास पहुँचा। उसके उठने से क्यारी की मेड़ विदीर्ण हो गयी थी; अत: गुरु ने उसका नाम उद्दालक रख दिया। आज्ञा के पालन से प्रसन्न होकर गुरु ने उसके कल्याण का आशीर्वाद दिया तथा उसकी बुद्धि को धर्मशास्त्र से प्रकाशित होने का वर दिया। [1]
टीका-टिप्पणी
सम्बंधित लिंक