गुरु ग्रंथ साहिब: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('250px|thumb|गुरु ग्रंथ साहिब '''गुरु ग्रंथ सा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
Line 15: Line 15:
{{सिक्ख धर्म}}
{{सिक्ख धर्म}}
[[Category:सिक्ख धर्म]]
[[Category:सिक्ख धर्म]]
[[Category:सिक्ख धर्म कोश]]
[[Category:सिक्ख धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
[[Category:धर्मशास्त्रीय ग्रन्थ]]
[[Category:धर्मशास्त्रीय ग्रन्थ]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 13:48, 21 March 2014

250px|thumb|गुरु ग्रंथ साहिब गुरु ग्रंथ साहिब सिक्ख धर्म का एक प्रमुख पवित्र ग्रंथ है। इस ग्रंथ को 'आदिग्रंथ' के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रंथ सिक्खों का श्रद्धेय धर्मग्रंथ है। गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम संग्रहकर्ता पाँचवें गुरु अर्जुन देव जी हुए थे, उनके बाद भाई गुरुदास इसके सम्पादक हुए।

  • 16 अगस्त, 1604 ई. को हरिमंदिर साहिब, अमृतसर में गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना हुई थी।
  • 1705 ई. में 'दमदमा साहिब' में गुरु गोविंद सिंह ने गुरु तेगबहादुर के 116 शब्दों को और जोड़कर इस ग्रंथ को पूर्ण किया।
  • इस ग्रंथ मे कुल 1430 पृष्ठ हैं। मात्र सिक्ख गुरुओं के ही नहीं, अपितु 30 अन्य हिन्दू और मुस्लिम भक्तों की वाणियाँ भी इस ग्रंथ में हैं।
  • गुरु ग्रंथ साहिब में जहाँ जयदेव और परमानंद के समान ब्राह्मण भक्तों की वाणियाँ हैं, वहीं दूसरी ओर जाति-पांति के भेदभाव से ग्रस्त तत्कालीन समाज में हेय समझी जाने वाली जातियों की दिव्य आत्माओं, जैसे- कबीर, रविदास, नामदेव, सघना और धन्ना आदि की भी वाणियाँ समाहित है।
  • शेख़ फ़रीद, जो कि पाँचों समय की नमाज़ पढ़ने में यकीन करते थे, उनके भी कई श्लोक गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं।
  • इस ग्रंथ की भाषा बड़ी ही सरल, सुबोध, सटीक और जन-समुदाय को आकर्षित करने वाली है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख