गुरु गोविंद सिंह जयंती: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (श्रेणी:नया पन्ना मार्च-2012; Adding category Category:सिक्ख धर्म (को हटा दिया गया हैं।)) |
m (Adding category Category:सिक्ख धर्म कोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 14: | Line 14: | ||
[[Category:महत्त्वपूर्ण_दिवस]] | [[Category:महत्त्वपूर्ण_दिवस]] | ||
[[Category:सिक्ख धर्म]] | [[Category:सिक्ख धर्म]] | ||
[[Category:सिक्ख धर्म कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 11:14, 13 March 2012
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
[[चित्र:Guru Gobind Singh.jpg|thumb|गुरु गोविन्द सिंह]] गुरु गोविन्द सिंह जयंती गुरु गोविन्द सिंह की याद में मनायी जाती है। गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे।
गुरु गोविंद सिंह
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
गुरु गोविंद सिंह (जन्म- 22 दिसंबर सन् 1666 ई. पटना, बिहार; मृत्यु- 7 अक्तूबर सन् 1708 ई. नांदेड़, महाराष्ट्र) सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ ज्ञानी कहते हैं कि जब-जब धर्म का ह्रास होता है, तब-तब सत्य एवं न्याय का विघटन भी होता है तथा आतंक के कारण अत्याचार, अन्याय, हिंसा और मानवता खतरे में होती है। उस समय दुष्टों का नाश एवं सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा करने के लिए ईश्वर स्वयं इस भूतल पर अवतरित होते हैं। गुरु गोविंद सिंह जी ने भी इस तथ्य का प्रतिपादन करते हुए कहा है,
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख