इतिहास सामान्य ज्ञान 6: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " सदी " to " सदी ") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
{{इतिहास सामान्य ज्ञान नोट}} | {{इतिहास सामान्य ज्ञान नोट}} | ||
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}} | {{इतिहास सामान्य ज्ञान}} | ||
{| class="bharattable-green" width="100%" | {| class="bharattable-green" width="100%" | ||
|- | |- | ||
Line 12: | Line 11: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[वेल्लोर]] | -[[वेल्लोर]] | ||
- | -[[काँची]] | ||
+[[हम्पी]] | +[[हम्पी]] | ||
-[[श्रीरंगम]] | -[[श्रीरंगम]] | ||
||[[चित्र:Hampi | ||[[चित्र:Lakshmi-Narsmiha-Hampi.jpg|लक्ष्मी नरसिम्हा, हम्पी|100px|right]][[कृष्णदेव राय]] के शासनकाल में बनाया गया प्रसिद्ध 'हज़ाराराम मन्दिर' विद्यमान [[हिन्दू]] मन्दिरों की [[वास्तुकला]] के पूर्णतम नमूनों में से एक है। मन्दिर की दीवारों पर [[रामायण]] के सभी प्रमुख दृश्य बड़ी सुन्दरता से उकेरे गये हैं। यह मन्दिर राज परिवार की स्त्रियों की [[पूजा]] के लिये बनवाया गया था। 'विट्ठलस्वामी मन्दिर' भी [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] शैली का एक सुन्दर नमूना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]] | ||
{[[मौर्य काल]] में भूमि कर, जो कि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था? | {[[मौर्य काल]] में भूमि कर, जो कि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अग्रोनोमाई | -अग्रोनोमाई | ||
Line 23: | Line 22: | ||
-शुल्काध्यक्ष | -शुल्काध्यक्ष | ||
-अक्राध्यक्ष | -अक्राध्यक्ष | ||
||[[मौर्य काल]] में सीताध्यक्ष राजकीय [[कृषि]] विभाग का अध्यक्ष होता था, राजकीय भूमि से राज्य को सर्वाधिक कर प्राप्त होता था। | ||[[चित्र:Chandragupt-Maurya-Stamp.jpg|right|100px|चन्द्रगुप्त मौर्य का टिकट]][[मौर्य काल]] में राजकीय भूमि पर दासों, कर्मकरों और क़ैदियों द्वारा कृषि-कर्म कराया जाता था। दास और कर्मकरों को भोजन आदि दिया जाता था और कार्य के दौरान नक़द मासिक वेतन भी दिया जाता था। परन्तु ऐसी भी राजकीय भूमि होती थी, जिस पर 'सीताध्यक्ष' द्वारा खेती नहीं कराई जाती थी। ऐसी भूमि पर करद कृषक खेती करते थे। 'सीताध्यक्ष' राजकीय [[कृषि]] विभाग का अध्यक्ष होता था, जिसके द्वारा राजकीय भूमि से राज्य को सर्वाधिक कर प्राप्त होता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मौर्य काल]] | ||
{ | {[[गुप्त काल]] में [[गुजरात]], [[बंगाल]], दक्कन एवं [[तमिलनाडु|तमिल]] राष्ट्र किस व्यवसाय से सम्बन्धित थे? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+वस्त्र उत्पादन | +वस्त्र उत्पादन | ||
-बहुमूल्य मणि एवं रत्न | -बहुमूल्य मणि एवं [[रत्न]] | ||
-हस्तशिल्प | -हस्तशिल्प | ||
-अफ़ीम खेती | -अफ़ीम खेती | ||
{'किताब उल हिन्द' | {पुस्तक 'किताब उल हिन्द' के प्रसिद्ध लेखक का क्या नाम था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-हसन निज़ामी | -हसन निज़ामी | ||
- | -[[मिनहाजुद्दीन सिराज|मिनहाज]] | ||
+[[अलबेरूनी]] | +[[अलबेरूनी]] | ||
-शम्स-ए- सिराज आफ़िफ | -शम्स-ए-सिराज आफ़िफ | ||
|| 'किताब उल हिन्द' नामक पुस्तक की रचना | ||'अलबेरूनी' (973-1048 ई.) रबीवा का रहने वाला था। इसका जन्म 'ख्वारिज्म' में हुआ था। 1017 ई. में ख्वारिज्म को [[महमूद ग़ज़नवी]] द्वारा जीत लिया गया। सुल्तान महमूद ग़ज़नवी के सामने [[अलबेरूनी]] को एक क़ैदी के रूप में [[ग़ज़नी]] लाया गया था। उसकी विद्वत्ता से प्रभावित होकर महमूद ग़ज़नवी ने उसे अपने राज्य का राज ज्योतिष नियुक्त कर दिया। अलबेरूनी ने 'किताब उल हिन्द' नामक पुस्तक की भी रचना की। अलबरूनी [[अरबी भाषा|अरबी]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], तुर्की, [[संस्कृत]], गणित और खगोल आदि विषयों का प्रमुख जानकर था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलबेरूनी]] | ||
{अकालों को रोकने तथा अकाल पीड़ितों की सहायता हेतु [[भारत]] सरकार ने 'अकाल संहिता' कब प्रचारित की? | {अकालों को रोकने तथा अकाल पीड़ितों की सहायता हेतु [[भारत]] सरकार ने 'अकाल संहिता' कब प्रचारित की थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-1879 | -[[1879]] ई. | ||
-1881 | -[[1881]] ई. | ||
+1883 | +[[1883]] ई. | ||
-1885 | -[[1885]] ई. | ||
{'अष्ट दिग्गज' किस राजा से सम्बन्धित थे? | {'अष्ट दिग्गज' किस राजा से सम्बन्धित थे? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[शिवाजी]] | -[[शिवाजी]] | ||
+कृष्णदेव राय | +[[कृष्णदेव राय]] | ||
-[[राजेन्द्र प्रथम]] | -[[राजेन्द्र प्रथम]] | ||
-[[यशोवर्मन]] | -[[यशोवर्मन]] | ||
||कृष्णदेव राय शासनकाल 'तेलुगु साहित्य का क्लासिकी युग' माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगु के आठ महान विद्वान एवं कवि | ||'कृष्णदेव राय' (1509-1529 ई.) [[तुलुव वंश]] के वीर नरसिंह का अनुज था, जो [[8 अगस्त]], 1509 ई. को [[विजयनगर साम्राज्य]] के सिंहासन पर बैठा। उसके शासन काल में विजयनगर एश्वर्य एवं शक्ति के दृष्टिकोण से अपने चरमोत्कर्ष पर था। [[कृष्णदेव राय]] का शासनकाल 'तेलुगु साहित्य का क्लासिकी युग' माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगु के आठ महान विद्वान एवं कवि, जिन्हें 'अष्ट दिग्गज' कहा जाता था, सुशोभित करते थे। अत: उसे 'आन्ध्र भोज' कहकर भी पुकारा जाता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णदेव राय]] | ||
{[[जैन साहित्य]] को | {[[जैन साहित्य]] को निम्नलिखित में से इस नाम से भी जाना जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[आगम]] | +[[आगम]] | ||
-निगम | -निगम | ||
- | -[[ग्रन्थ]] | ||
-बखार | -बखार | ||
||भगवान [[महावीर]] के उपदेश [[जैन धर्म]] के मूल सिद्धान्त हैं, जिन्हें '[[आगम]]' कहा जाता है। ये अर्ध-मागधी प्राकृत भाषा में हैं। इन्हें आचारांगादि बारह अंगों में संकलित किया गया है, जो 'द्वादशंग आगम' कहे जाते हैं। वैदिक संहिताओं की भाँति जैन आगम भी पहले 'श्रुत' रूप में ही थे। महावीर स्वामी के बाद भी कई शताब्दियों तक उन्हें लिपिबद्ध नहीं किया गया था। श्वेताम्बर और दिगम्बर शाखाओं में जहाँ अनेक बातों में मत-भेद था, वहीं आगमों को लिपिबद्ध न करने में दोनों एक मत थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आगम]] | |||
{उन्नीसवीं [[सदी]] के महानतम [[पारसी]] समाज सुधारक कौन थे? | |||
{ | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[जमशेदजी टाटा|जमशेदजी]] | ||
- | -रूस्तम बहरामजी | ||
-नवलजी टाटा | -नवलजी टाटा | ||
+बहरामजी एम. मल्लबारी | +बहरामजी एम. मल्लबारी | ||
{[[भारत]] में प्रथम तीन विश्वविद्यालय | {[[भारत]] में प्रथम तीन विश्वविद्यालय, [[कलकत्ता]], [[मद्रास]] तथा [[बम्बई]] की स्थापना किस वर्ष हुई? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+1857 में | +[[1857]] में | ||
-[[1881]] में | -[[1881]] में | ||
-[[1885]] में | -[[1885]] में | ||
-[[1904]] में | -[[1904]] में | ||
{[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के 1924 के अधिवेशन में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा मात्र एक बार अध्यक्षता की गई। यह अधिवेशन कहाँ हुआ था। | {[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के [[1924]] ई. के अधिवेशन में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा मात्र एक बार अध्यक्षता की गई। यह अधिवेशन कहाँ हुआ था। | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[गया]] में | -[[गया]] में | ||
-[[अमृतसर]] में | -[[अमृतसर]] में | ||
+बेलगाँव में | +[[बेलगाँव कर्नाटक|बेलगाँव]] में | ||
-[[कानपुर]] में | -[[कानपुर]] में | ||
||[[भारतीय राष्ट्रीय | ||'बेलगाँव' पश्चिमी घाट में समुद्र तल से 760 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह शहर 12वीं शाताब्दी से अस्तित्व में है। बाद में इससे [[गोवा]] और पश्चिमी तट पर जाने वाले पठारी मार्गों पर सामरिक नियंत्रण स्थापित कर लिया गया। [[भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]] का 39वाँ अधिवेशन, जो [[26 दिसंबर|26]]-[[27 दिसम्बर]], [[1924]] ई. को बेलगाँव में ही हुआ था, उसकी अध्यक्षता राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] ने की थी। यह शहर [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[मराठा|मराठी]] और [[गोवा की संस्कृति]] का मेल हैं। [[शाहपुरा]] और माधवपुर बेलगांव के दो उपनगर हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बेलगाँव कर्नाटक|बेलगाँव]] | ||
{[[महावीर]] की मृत्यु के बाद जैन संघ का मुखिया किसे कहा जाता है? | {[[महावीर]] की मृत्यु के बाद जैन संघ का मुखिया किसे कहा जाता है? |
Revision as of 07:23, 16 April 2012
- REDIRECTसाँचा:नीलाइस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:-
- REDIRECTसाँचा:नीला बन्द इतिहास प्रांगण, इतिहास कोश, ऐतिहासिक स्थान कोश
पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566
|
पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566