जीवन संगिनी -आदित्य चौधरी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{| width="85%" class="headbg37" style="border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:10px;" |- | [[चित्र:Bharatkosh-c...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m ("जीवन संगिनी -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि)))
(No difference)

Revision as of 14:35, 21 April 2012

50px|right|link=|

जीवन संगिनी -आदित्य चौधरी

क़ीमत चुकाई, तो मालूम होगा
   जो यूँ ही मिला है, फ़रिश्ता हो शायद

तुम पर ख़ुदा की मेहरबानियाँ हैं
   ये जलवा उसी का करिश्मा हो शायद

जिसे तुम मुहब्बत को तरसा रहे हो
   वो ख़ुद को ख़ुशी से सताता हो शायद

हरदम कसौटी पे क्यूँ कस रहे हो
   कहीं तुम जो पीतल, वो सोना हो शायद

तुम अपने मंदिर के भगवान होगे
   वो विस्तार अपना छुपाता हो शायद

उसे सारी दुनियाँ दिखा दो तो क्या है
   तुम्हें आइना वो दिखाता हो शायद

ये दुनियाँ तुम्हारी औ तुम इसके सूरज
   तुम्हें रात को वो सुलाता हो शायद

-आदित्य चौधरी