छूट भागे रास्ते -आदित्य चौधरी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{| width="85%" class="headbg37" style="border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:10px;" |- | [[चित्र:Bharatkosh-c...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
{| width="85%" class="headbg37" style="border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:10px;"
<noinclude>{| width="100%" style="background:transparent;"
|- valign="top"
| style="width:85%"|</noinclude>
{| width="100%" class="headbg37" style="border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:10px;"
|-
|-
|  
|  
Line 31: Line 34:
</font>
</font>
|}
|}
 
<noinclude>| style="width:15%"|
{{सम्पादकीय}}
|}</noinclude>
<noinclude>
<noinclude>
{{भारतकोश सम्पादकीय}}
{{भारतकोश सम्पादकीय}}

Revision as of 07:10, 19 May 2012

50px|right|link=|

छूट भागे रास्ते -आदित्य चौधरी


मंज़िलों की क़ैद से अब छूट भागे रास्ते
है बक़ाया ज़िन्दगी आवारगी के वास्ते

छोड़ कर रस्मो-रिवाज़ों की गली को आ गए
अब हुआ हर शख़्स हाज़िर दोस्ती के वास्ते

उसकी महफ़िल और उसके रंग से क्या साबिका
अब हज़ारों मस्तियाँ हर बज़्म मेरे वास्ते

ये सफ़र ताबीर है उन हसरतों के ख़ाब की
जो कभी होती थीं तेरी सुह्‌बतों के वास्ते

अब कोई आक़ा नियम क़ानून क्या बतलाएगा
आँधियाँ भी रुक गईं हैं इस सबा के वास्ते

माजरा ये देखकर अब दश्त भी हैरान है
मंज़िलें चलने लगीं हैं क़ाफ़िलों के वास्ते

मौत के आने से पहले एक लम्हा जी लिया
कौन रगड़े एड़ियाँ अब ज़िन्दगी के वास्ते

सम्पादकीय विषय सूची
अतिथि रचनाकार 'चित्रा देसाई' की कविता सम्पादकीय आदित्य चौधरी की कविता